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इन 6 तरीकों से भी बचा सकते हैं इनकम टैक्स
31 जुलाई इनकम टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख है. ऐसे में सभी इस कोशिश में लगे हैं कि वो कौन से तरीके से कम से कम टैक्स में भुगतान कर सकते हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख आने वाली है. आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं. ऐसे मे जरूरी ये है कि आप इन तरीकों को जानें और अगर आप इनकम टैक्स की सीमा में आते हैं तो आप इनका इस्तेमाल कर टैक्स बचा सकें.
नेशनल पेंशन स्कीम है बेहतर उपाय
आप NPS में निवेश करके ₹1.5 लाख की सीमा से अधिक कर लाभ का दावा कर सकते हैं. निवेश की जा सकने वाली अधिकतम राशि ₹50,000 तक सीमित है. इसके तहत मिलने वाले लाभ को धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत दिया जाता है.
2) सेविंग अकाउंट से अर्जित ब्याज पर ले सकते हैं छूट
अगर आपने किसी बैंक में खाता खुलवाया है तो आपको उस पर लगे ब्याज पर इनकम टैक्स लग रहा है तो ऐसे में आप खाते से अर्जित 10 हजार रुपये प्रति वर्ष तक की आय को कर मुक्त बना सकते हैं. ये आयकर अधिनियम की धारा 80TTA करदाताओं को सुविधा मिलती है.
3) एजुकेशन लोन पर ब्याज में कटौती
अगर आपके बच्चे या किसी अन्य स्टूडेंट के लिए आपने एजुकेशन लोन लिया है तो ऐसे में आप एजुकेशन लोन पर भुगतान किए गए ब्याज पर कटौती का दावा कर सकते हैं. आप उस कर्ज को चुकाते हुए उसके ब्याज की राशि पर कर छूट का दावा कर सकते हैं. इस कटौती का लाभ आपके द्वारा लोन का भुगतान शुरू करने के वर्ष से आठ साल की अवधि के लिए लिया जा सकता है.
4) दान के लिए की गई कटौती
केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे फंड में दिए गए दान पर पूरा दावा किया जा सकता है. उदाहरण के लिए, यदि आप प्रधान मंत्री राहत कोष, मुख्यमंत्री राहत कोष आदि में दान करते हैं, तो आप 100% कटौती का दावा कर सकते हैं. इनके अलावा दूसरों के मामले में, आप 50% कटौती के पात्र हैं.
5) प्रीवेंशन हेल्थ चेकअप
जानकार कहते हैं कि धारा 80डी के तहत कोई व्यक्ति खुद के लिए, खुद पर आश्रित बच्चों, पति/पत्नी या 60 वर्ष से कम उम्र के माता-पिता के लिए प्रीवेंशन (निवारक) जांच पर ₹5,000 तक कर में छूट पा सकता है. 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के माता-पिता के लिए, ₹ 7,000 का दावा किया जा सकता है.
6) एलआईसी, पीपीएफ कटौती भी है इसका विकल्प
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जानकार कहते हैं कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए ITR दाखिल करते समय एलआईसी और पीपीएफ कटौती का दावा कर सकते हैं जो उन पर निर्भर नहीं हैं.
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