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क्या आपके पास भी है इंश्योरेंस पॉलिसी, अगर हां तो जरूर जान लें इस बदलाव को
अगर ग्राहक इंश्योरेंस कंपनी से इस शीट को अपनी लोकल भाषा में चाहता है तो कंपनी को उसे मुहैया कराना होगा. यही नहीं इसका फॉन्ट साइज कम से कम 12 होना चाहिए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
इंश्योरेंस लेना तो सभी चाहते हैं और ज्यादातर लोग लेते भी हैं लेकिन पॉलिसी से जुड़े नियम कायदे 1 प्रतिशत से भी कम लोगों को पता होते हैं. इसकी एक बड़ी वजह ये है कि नियम कायदे पहले तो आम आदमी की भाषा में नहीं लिखे होते और दूसरा ये है कि वो इतने छोटे शब्दों में लिखे होते हैं कि उन्हें पढ़ पाना एक तरह से मुश्किल होता है. अब आम आदमी की इन्हीं परेशानियों को देखते हुए आईआरडीएआई (इंश्योरेंस रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने इस बारे में सभी कंपनियों को निर्देश जारी किए हैं. ये नियम 1 जनवरी 2024 से लागू हो जाएंगे.
क्या कहते हैं IRDAI के ये नियम?
IRDAI ने ग्राहक सूचना पत्र में संशोधन किया है. इस संशोधन पत्र के अनुसार, अब इंश्योरेंस कंपनियों को नियम और शर्तों को आसान भाषा में समझाना होगा. IRDAI के अनुसार होने वाले बदलावों के तहत पॉलिसी का नाम, उसकी संख्या, पॉलिसी का प्रकार और इंश्योर्ड अमाउंट के बारे में साफ-साफ बताना होगा. पॉलिसी में शामिल खर्चों, वेटिंग पीरियड, कवरेज की फाइनेंशियल लिमिट, क्लेम प्रोसेस से लेकर शिकायत निपटान के बारे में सरल शब्दों में बताना होगा.
हर पॉलिसी होल्डर को उसकी भाषा में मिलेगी शीट
आईआरडीए के नियमों के अनुसार पॉलिसी देने वाली भले ही कंपनी हो, एजेंट हो या बिचौलिया हो सभी को सूचना देने वाले इस पत्र को पॉलिसीधारक को देना होगा और उनकी फिजिकल या डिजिटल मंजूरी लेनी होगी. अगर ग्राहक इस शीट को अपनी लोकल भाषा में चाहता है तो कंपनी को उसे मुहैया कराना होगा. यही नहीं इसका फॉन्ट साइज कम से कम 12 होना चाहिए साथ ही फॉन्ट का लेटर एरियल होना चाहिए. 1 जनवरी से ये नियम पूरी तरह से लागू हो जाएंगे. IRDAI ने सभी कंपनियों को ये निर्देश जारी कर दिया है.
अभी ग्राहकों को ये होती है परेशानी
इस दिशा में अभी तक कोई स्पष्ट दिशा निर्देश न होने के कारण कंपनियों को इसका फायदा मिल जाता था. जो नियम कंपनियां बताती थी वहीं ग्राहक को पता चल पाते थे जबकि कई नियम ऐसे होते थे जो ग्राहक को पता नहीं चल पाते थे. लेकिन इसके बाद उसके सामने तब परेशानी होती थी जब कंपनी वो सुविधा देने से मना कर देती थी. लेकिन अब आईआरडीए के नियमों के बाद उम्मीद की जा सकती है ग्राहक को पॉलिसी लेने से पहले सभी नियम और शर्तें उसकी भाषा में पढ़ने को मिल पाएंगे. इससे ग्राहक परेशानी में नहीं फंसेगा.
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