Sudha Murthy का वो लेटर, जिसने महिलाओं के लिए खोल दिए थे TATA के दरवाजे  

सुधा मूर्ति अपना काफी समय समाजसेवा में बिताती हैं. वह मानती हैं कि समाज से उन्हें काफी कुछ मिला है, अब उसे लौटाने की बारी है.

Last Modified:
Friday, 08 March, 2024
file photo

सोशल वर्कर और इंफोसिस के फाउंडर एन नारायणमूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) को 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' पर नायब तोहफा मिला है. राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इसकी जानकारी दी है. सुधा मूर्ति की सादगी और बेवाक होकर अपनी बात रखने की कला सबका ध्यान आकर्षित कर लेती है. उन्होंने महिलाओं को बराबरी का दिलाने के लिए भी लंबी लड़ाई लड़ी है और इसी कड़ी में उनका सामना टाटा समूह से हो गया था.   

विज्ञापन देख हुईं आहत
पिछले साल सुधा मूर्ति ने एक कार्यक्रम में अपने जीवन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से साझा किए थे. इस दौरान उन्होंने बताया था कि कैसे उनकी एक आपति पर टाटा समूह में बदलाव हुआ था. दरअसल, सुधा मूर्ति इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद नौकरी की तलाश कर रही थीं. टाटा समूह की कंपनी टेल्को (TELCO) को उस समय इंजीनियर की जरूरत थी. कंपनी ने एक विज्ञापन निकाला था, जिसमें पद के लिए सिर्फ पुरुष उम्मीदवार से आवेदन मांगे गए थे. इस बात से सुधा मूर्ति इतनी ज्यादा आहत हुईं कि उन्होंने जेआरडी टाटा को पत्र लिख डाला.

ये भी पढ़ें - समाज के बाद अब देश की संसद में गूंजेगी सुधा मूर्ति की आवाज, ऐसे पहुंचेंगी पार्लियामेंट

बदलनी पड़ी नीति
विज्ञापन पढ़ने के बाद सुधा मूर्ति ने जेआरडी टाटा को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई. मूर्ति ने पत्र में लिखा - 'आपने देश के अलग-अलग क्षेत्र में बहुत बेहतरीन काम किया है, लेकिन मुझे यह जानकर बेहद हैरानी हुई कि टाटा जैसी कंपनी में लिंग के आधार पर भेदभाव हो रहा है. यदि महिलाओं को मौका नहीं मिलेगा तो एक देश के रूप में भारत प्रगति नहीं कर पाएगा'. सुधा मूर्ति के अनुसार, इस पत्र को भेजने के कुछ दिनों बाद टाटा की ओर से उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. सुधा ने इंटरव्यू में पास हुईं और वे टाटा की पहली महिला इंजीनियर बनीं. सुधा मूर्ति के पत्र की वजह से ही टाटा समूह ने अपनी नीति बदल दी और महिलाओं के लिए दरवाजे खोल दिए गए.

इतनी है नेटवर्थ
सुधा मूर्ति अपना काफी समय समाजसेवा में बिताती हैं. वह मानती हैं कि समाज से उन्हें काफी कुछ मिला है, अब उसे लौटाने की बारी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सुधा मूर्ति की नेटवर्थ करीब 775 करोड़ है. उनकी सालाना कमाई 300 करोड़ रुपए बताई जाती है. सुधा मूर्ति आरएच कुलकर्णी और उनकी पत्नी विमला कुलकर्णी की बेटी हैं. उन्हें 2006 में सामाजिक कार्यों के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. जबकि 2023 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है.