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#IBLF: ये पूरा दशक भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है: किरन कार्निक
मैंने अपनी किताब में 9 कोर इश्यू के बारे में लिखा है. जाब्स, हेल्थ एंड एजुकेशन, 100 साल के भारत के लिए क्या चैलेंज है इन सभी विषयों के बारे में बताया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
Business World के इंडियन बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल (IBLF) के गुड़गांव में हो रहे समिट में किरन कार्निक ने कहा कि कई बार मुझे लोग कहते हैं कि हर क्षण कीमती है, हर दिन कीमती है हर साल कीमती है, बिल्कुल सही बात है. मैं कहता हूं कि ये दशक ही निर्णायक है. इस दशक में इकोनॉमी और ग्रोथ में जिस तरीके से बदलाव हुई वो बेहद महत्वपूर्ण है. सिर्फ ग्रॉस इकोनॉमिक के मामले में ही नहीं लोगों के गरीबी से बाहर आने के मामले में हो हर चीज में ये साल महत्वपूर्ण है. दो तथ्यों की बात करें तो 2004 से 2015 के बीच में 270 मिलियन लोग गरीबी से बाहर आए हैं, जिसे कहा जाता है कि मल्टीडायमेंशनल गरीबी से बाहर आए हैं. शानदार अचीवमेंट हासिल हुई है.
2015 के बाद तेजी से बदले हैं हालात
2015 के बाद से बड़ी तेजी से ग्रोथ हुई है. 2019 के बाद कोविड के सामने आ गया, जिसके बाद ये और भी गंभीर हो गया. ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन से बाहर हो गया. चाइना और ताइवान के बीच भी तनाव हो गया. दुनिया के साथ भारत भी बदल रहा है. कोविड के साथ साथ दुनिया में क्लाइमेट चेंज भी हो रहा है, जिसके कारण हमारे वहां बारिश सूखा सबकुछ देखने को मिल रहा है. वहीं अमेरिका और चाइना के बीच में कई तरह के तनाव देखने को मिल रहे हैं. 3C कॉन्फिलक्ट, कोविड और क्लाइमेट इसका असर देखा जा सकता है. भारत के कलिए चुनौतियां बढ़ रही है. भारत के लिए पॉवर पालिटिक्स के परे भी चुनौतियां बढ़ रही है. वैसीनेशन पूरी दुनिया में हो रहा है. ये दशक भारत के लिए निर्णायक साल है.
हम गरीबी से बाहर कैसे आ सकते हैं
अगर आप टू व्हीलर की डिमांड की बात करें तो वो बड़ी है और उसे खरीद कौन रहा है वो लोवर मीडिल क्लास है. अगर आप लग्जरी कार की डिमांड की बात करें तो वो कम हो रही है. प्वाइंट ये है कि इनकम ग्रोथ का प्वाइंट क्या है. अगर हम देखें तो इनकम में उतनी बढ़ोतरी नहीं हुई है जितनी कि इकोनॉमी में हुई है.
हमें एमएसएमई की तरफ देखना होगा
एमएसएमई की तरफ देखना होगा. क्योकि ये वो सेक्टर है जो हमारे लोगों को रोजगार देगा, हमें उनके लिए इंसेंटिव स्कीम चलाने की जरूरत है. मैन्यूफैक्चरिंग की स्पीड पहले से ही तेज है. आज हम लोग देख रहे हैं कि वो तेजी से ऑटोमेशन की तरफ जा रहा है. अगर हमें लोगों को रोजगार देना है तो उसे सर्विस सेक्टर की तरफ ले जाना होगा. जैसे हमारा टूरिज्म सेक्टर है इसी तरह दूसरे सेक्टर हैं जहां हम लोगों के लिए रोजगार पैदा कर सकते हैं. सोशल सिक्योरिटी को यूनिवर्सल होना चाहिए.
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