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कश्ती डूबेगी, तो सवार भी डूबेंगे; अकेले Adani Group ही नहीं रहेगा नुकसान में
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) रिसर्च की रिपोर्ट पर बवाल मचा हुआ है. इस रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप (Adani Group) को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयर पिछले दो दिनों से लगातार नीचे जा रहे हैं. निवेशकों में अडानी समूह के शेयरों की बिकवाली का सिलसिला शुरू हो गया है. इस रिपोर्ट ने अकेले अडानी ग्रुप की कंपनियों को ही नुकसान नहीं पहुंचाया है, इसका असर बैंक और फाइनेंशियल शेयरों पर भी देखने को मिला. यदि आगे भी यही सेंटिमेंट बना रहता है, तो हालात और खराब हो सकते हैं.
80,000 करोड़ का कर्ज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय बैंकों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को करीब 80,000 करोड़ रुपए का कर्ज दे रखा है. वहीं, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का अडानी ग्रुप की कंपनियों में 70,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश है. ऐसे में जब अडानी ग्रुप नुकसान उठा रहा है, तो बैंक और LIC को नुकसान लाजमी हो जाता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कर्ज और निवेश के डूबने की आशंका से बैंकों और LIC के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई. हालांकि, वैसे तो अडानी समूह की फाउंडेशन स्ट्रांग मानी जाती है, लेकिन यदि रिपोर्ट का असर ज्यादा समय तक कायम रहता है, तो नुकसान केवल अडानी समूह तक ही सीमित नहीं रहेगा.
ऐसा रहा मार्केट का हाल
अडानी ग्रुप को लेकर Hindenburg की नेगेटिव रिपोर्ट के चलते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का शेयर शुक्रवार को 4.69% की गिरावट के साथ बन हुआ. वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयरों में 7.48% की भारी गिरावट दर्ज की गई. जबकि बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 5.51% और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 4.34% लुढ़क गया. LIC की बात करें, तो इसका शेयर 3.25% तक टूट गया. इससे समझा जा सकता है कि रिपोर्ट से संकट केवल अडानी ग्रुप पर ही नहीं आया है, समूह को कर्ज देने वाले बैंक और इसमें इन्वेस्ट करने वाले LIC जैसे निवेशक भी इसकी जद में हैं. बता दें की Adani Ports के शेयर शुक्रवार को भारी 15.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए. ग्रुप की बाकी कंपनियों के शेयरों का भी कुछ ऐसा ही हाल रहा.
LIC ने बढ़ाया इन्वेस्टमेंट!
एक रिपोर्ट बताती है कि LIC ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश बढ़ाया है. रिपोर्ट में पिछले साल 30 सितंबर तक के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि एलआईसी का कुल इक्विटी पोर्टफोलियो 10.27 लाख करोड़ रुपए का था. इसमें से अडानी ग्रुप की कंपनियों में LIC का निवेश करीब 7 फीसदी है. वहीं, कांग्रेस ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है. कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि सरकारी बैंकों ने अडानी ग्रुप के प्राइवेट बैंकों की तुलना में दोगुना कर्ज दिया है. इसमें से 40 फीसदी कर्ज अकेले SBI का है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि अडानी ग्रुप पर लगे आरोप सही हैं तो एसबीआई जैसे सरकारी बैंकों को भारी नुकसान हो सकता है.
बैंकों ने कहा- कोई चिंता नहीं
वहीं, SBI की तरफ से कहा गया है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों को दिया गया कर्ज RBI द्वारा निर्धारित लिमिट के भीतर है. बैंक ऑफ इंडिया ने भी यही बात कही है. सरकारी बैंकों का कहना है कि उन्हें अडानी समूह को दिए कर्ज को लेकर कोई चिंता नहीं है, लेकिन वह पूरे मामले पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. इस बीच, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बाजार नियामिक सेबी अडानी ग्रुप के सौदों की बारीकी से जांच करेगा. ग्रुप ने हाल में कई बड़े सौदे किए हैं. इनमें अंबूजा सीमेंट्स और ACC लिमिटेड का अधिग्रहण शामिल है.
शुक्र है छुट्टी आ गई
अडानी समूह के लिए अच्छी बात ये रही कि रिपोर्ट सामने आने का बाद बाजार ज्यादा दिनों तक नहीं खुला, वरना नुकसान का आंकड़ा काफी बड़ा हो सकता था. दो दिन के कारोबार के बाद स्टॉक मार्केट में साप्ताहिक अवकाश है, अब बाजार सोमवार को खुलेगा. ऐसे में समूह को संभलने का मौका मिल गया है. अडानी ग्रुप लगातार विज्ञापन देकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर रहा है. निवेशकों को भरोसा दिला रहा है कि उनका पैसा पूरी तरह सिक्योर है. शेयर बाजार सेंटिमेंट पर भी चलता है और यदि समूह निवेशकों को पूरी तरह भरोसा दिलाने में सफल रहता है, तो सोमवार को स्थिति कुछ बेहतर हो सकती है.
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