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0.26% पहुंची भारत की WPI आधारित महंगाई, 7 महीनों बाद सकारात्मक क्षेत्र में वापसी!
अक्टूबर में यह कम होकर -0.52% पर पहुंच गई थी और तीन महीनों के दौरान WPI आधारित महंगाई का यह सबसे निचला स्तर था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
भारत में महंगाई को लेकर इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किये गए डेटा की मानें तो भारत में WPI यानी (होलसेल प्राइज इंडेक्स) पर आधारित महंगाई नवंबर में बढ़कर 0.26% पर पहुंच गई है और आखिरकार 7 महीनों के बाद भारत की WPI आधारित महंगाई सकारात्मक क्षेत्र में वापस आ पाई है.
क्या है पूरा मामला?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल की शुरुआत में WPI आधारित महंगाई 1.34% पर थी लेकिन अक्टूबर में यह कम होकर -0.52% पर पहुंच गई थी और तीन महीनों के दौरान WPI आधारित महंगाई का यह सबसे निचला स्तर था. वहीं सितंबर में यह -0.07% हुआ करती थी. WPI आधारित महंगाई में वृद्धि के पीछे भी वही कारण मौजूद है जो CPI आधारित महंगाई में वृद्धि का कारण है. दरअसल खाद्य पदार्थों की कीमतों में इस वक्त इजाफा देखने को मिल रहा है और इसी वजह से CPI और WPI दोनों पर आधारित महंगाई में भी वृद्धि देखने को मिल रही है.
कहां हुई कितनी वृद्धि?
अक्टूबर में WPI आधारित महंगाई में 1.07% की वृद्धि देखने को मिली थी जबकि नवंबर के दौरान यह दर 4.69% पर पहुंच गई है. उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि नवंबर 2023 के दौरान महंगाई की दर के सकारात्मक हो जाने के पीछे खाद्य पदार्थों, मिनरल्स, मशीनरी और उपकरणों, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं ऑप्टिकल उत्पादों, मोटर गाड़ियों, अन्य प्रकार के ट्रांसपोर्ट उपकरणों और मैन्युफैक्चरिंग इत्यादि की कीमतों में हुई वृद्धि को कारण माना जा रहा है. अगर प्राथमिक उत्पादों की बात करें तो इनमें लगभग 1.30% की वृद्धि देखने को मिली है और फ्यूल एवं पावर से संबंधित इंडेक्स में लगभग 0.78% और निर्मित उत्पादों के इंडेक्स में लगभग 0.07% की वृद्धि देखने को मिली है.
रिटेल इन्फ्लेशन में भी हुई वृद्धि
आपको बता दें कि हाल ही में भारत ने अपने रिटेल इन्फ्लेशन से संबंधित डेटा को भी साझा किया है और नवंबर में रिटेल इन्फ्लेशन 5.55% पर पहुंच गया है जबकि अक्टूबर में यह 4.87% हुआ करता था. हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद भी रिटेल इन्फ्लेशन, भारत के केंद्रीय बैंक, RBI द्वारा सुझाई गई 2-6% की सीमा के भीतर है. लेकिन आपको बता दें कि रिटेल इन्फ्लेशन RBI के मीडियम-टर्म टारगेट यानी 4% से आगे है और लगातार 50 महीनों से यह RBI द्वारा सुझाए गए इस लक्ष्य से ऊपर है.
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