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विश्व हिंदी दिवसः हिंदी इकोनॉमी में भी कर रही है सहयोग, ऐसे बढ़ा रही है अपनी पहुंच
हिंदी आज देश ही नहीं बल्कि ग्लोबल इकोनॉमी में अपना योगदान कर रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः आज विश्व हिंदी दिवस है. पूरी दुनिया में 10 जनवरी को इसे मनाया जाता है. हिंदी आज विश्व के 140 देशों में बोली जाती है. हालांकि एक समय अंग्रेजी के वर्चस्व के आगे बौनी साबित हो रही हिंदी आज देश ही नहीं बल्कि ग्लोबल इकोनॉमी में अपना योगदान कर रही है और इसमें सबसे बड़ा रोल मीडिया व टेक कंपनियां अदा कर रही हैं. हिंदी की बिंदी इन कंपनियों के लिए बड़े पैमाने पर बिजनेस जेनरेट कर रही है, जिससे इनके साथ ही देश की जीडीपी में भी योगदान मिल रहा है.
कंटेंट क्रिएटर्स कर रहे हैं हिंदी से Youtube पर कमाई
YouTube द्वारा नवीनतम ऑक्सफोर्ड इकोनॉमी स्टडी के निष्कर्षों के अनुसार, दुनिया भर में YouTube कंटेंट क्रिएटर्स भारत से हैं, जो क्रिएटर्स को मॉनेटाइज के अवसरों को अनलॉक करने में मदद कर रहे हैं, जिससे कई लोग अपने जुनून को स्थायी करियर में बदल रहे हैं. Google के स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा कि YouTube के क्रिएटिव इकोसिस्टम ने भारतीय जीडीपी में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया हैं और इसमें आधे से ज्यादा योगदान हिंदी का है. बाकी का योगदान अन्य भारतीय भाषाओं से हुआ है.
इंटरनेट पर बढ़ गई है हिंदी की खपत
2015 में सर्च इंजन कंपनी गूगल ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया गया था कि हिंदी कंटेंट की खपत सालाना 94 फीसदी की दर से बढ़ रही है. गूगल अब अपने उत्पादों जैसे 'मैप्स' और 'सर्च' का उपयोग स्थानीय भाषाओं, विशेषकर हिंदी में बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.देश में पांच में से एक (21 प्रतिशत) हिंदी में इंटरनेट का उपयोग करना पसंद करता है. अमेरिका स्थित फर्म ने 'गूगल हाउस' कार्यक्रम में अपने उत्पादों का प्रदर्शन करते हुए कहा कि वह हिंदी भाषा की खपत में मजबूत वृद्धि देख रही है.
मोबाइल में हिंदी
मोबाइल में हिंदी की पहुंच ने भारत में टेक्नोलॉजी ने नया आयाम स्थापित किया. पिछले काफी समय से मोबाइल में हिंदी भाषा का चलन शुरू हुआ और पूरे भारत में मोबाइल की क्रांति दौड़ गई. देश के हर इंसान के हाथों में मोबाइल आ गया. मोबाइल भाषा हिंदी होने से उन्हें मोबाइल चलाने में भी सुगमता होने लगी और दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता.
आज के तकनीकी दौर में साहित्य, फिल्म, कला, संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान, संचार, बाजार सभी क्षेत्रों में हिंदी ने अपनी महत्ता कायम की है. भूमंडलीकरण और बाजारीकरण के चलते हिंदी का व्यापक प्रसार हुआ है. हिंदी में कंटेंट का निर्माण भी अधिक हो रहा है. वहीं, हिंदी की प्रासंगिकता और उपयोगिता ने हिंदी में अनुवाद कार्य का मार्ग प्रशस्त किया है जिसके चलते हिंदी बाजार और रोजगार से जुड़ी है.
हिंदी की पढ़ाई के लिए देश-विदेश में कोर्स
पूंजीवाद के इस दौर में बाजार के लिए हिंदी अनिवार्य बन गई है. हिंदी ने लाखों-करोड़ों भारतीयों को रोजगार दिया है. अनेक विश्वविद्यालयों में राजभाषा प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र या डिप्लोमा पाठ्यक्रम अध्ययन क्षेत्र में शामिल किया गया है. इसके साथ हिंदी धीरे-धीरे अपना अंतरराष्ट्रीय स्थान ग्रहण कर रही है, क्योंकि बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था, बढ़ता बाजार, हिंदी भाषी उपभोक्ता, हिंदी सिनेमा, प्रवासी भारतीय, हिंदी का विश्व बंधुत्व भाव हिंदी को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार दुनिया में हिंदी समाज की जनसंख्या लगभग एक अरब है. विदेश में कई विश्वविद्यालयों में हिंदी की पढ़ाई हो रही है.
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में हिंदी के कई शब्द
आक्सफोर्ड डिक्शनरी में हिंदी के कई शब्दों को शामिल किया गया है. इससे हिंदी का कद बढ़ा है. दुनिया में समाचार पत्रों में सबसे ज्यादा हिंदी के हैं. तमाम इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म भी हिंदी भाषा को बढ़ावा दे रहे हैं.
ई-कॉमर्स वेबसाइट को सबसे ज्यादा रेवेन्यू हिंदी से
फ्लिपकार्ट, अमेजन, पेटीएम, फोनपे, बिगबॉस्केट, मीशो जैसी तमाम ई-कॉमर्स और फिनटेक कंपनियों को भी सबसे ज्यादा रेवेन्यू हिंदी के दम पर हो रही है, क्योंकि इनके ज्यादातर ग्राहक टियर वन और टियर टू के बजाए टियर थ्री और टियर फोर शहरों, कस्बों व गांवों से आ रहे हैं जहां पर हिंदी बोलने, पढ़ने और लिखने वाले लोग ज्यादा संख्या में रहते हैं.
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