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1 पेन ड्राइव में दो PDF फाइल, आखिर कौन हैं वो जिन्होंने दिया पार्टियों को चंदा?
इससे पहले एसबीआई इस मामले में 30 जून तक का समय मांग रहा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को कड़ी फटकार लगाते हुए 12 मार्च तक जमा करने का आदेश दिया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार खाने के बाद आखिरकार एसबीआई ने उन सभी लोगों के नाम चुनाव आयोग को सौंप दिए हैं. इसमें इलेक्टोराल बॉन्ड को खरीदने से लेकर उन्हें किस पार्टी ने कैश कराया इसकी जानकारी चुनाव आयोग को सौंपी है. एसबीआई ने एक शपथपत्र सुप्रीम कोर्ट में सौंपकर ये जानकारी दी है. एसबीआई ने ये सारी जानकारी एक पेन ड्राइव में दो पीडीएफ के जरिए दी है. एसबीआई ने एक अलग से लिफाफा भी सौंपा है जिसमें इस पीडीएफ फाइल का पासवर्ड है.
आखिर क्या हैं इन दो PDF फाइलों में?
एसबीआई की ओर से दी गई इन दो PDF फाइलों में पहली में उन लोगों की जानकारी दी है जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड को खरीदा है और दूसरी पीडीएफ फाइल में उन लोगों की जानकारी दी है जिन्होंने उन बॉन्ड को भुनाया है. इस संबंध में एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने सुप्रीम कोर्ट में ये जानकारी पत्र के जरिए दी है. इस पत्र में ये भी बताया गया है कि जिन इलेक्टोरल बॉन्ड को 15 दिनों के अंदर भुनाया नहीं गया है उन्हें प्रधानमंत्री राहत कोष में भेज दिया गया है. इन दो पीडीएफ में 12 मार्च 2019 के बाद खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी दी गई है.
कुल खरीदे गए इतने इलेक्टोरल बॉन्ड
एसबीआई की ओर से जानकारी दी गई है उसके अनुसार अप्रैल 2019 से लेकर 15 फरवरी 2024 तक 22217 इलेक्टोरल बॉन्ड को खरीदा गया. एसबीआई ने जो जानकारी सुप्रीम कोर्ट में दी है उसके अनुसार 1 अप्रैल 2019 से लेकर 11 अप्रैल 2019 तक 3346 बॉन्ड को खरीदा गया जबकि इसमें से 1609 बॉन्ड को राजनीतिक दलों ने कैश भी करा लिया. बाकी बचे 18871 बॉन्ड को 12 अप्रैल 2019 से लेकर 15 फरवरी 2024 के बीच खरीदा गया. इस दौरान 20421 बॉन्ड को कैश भी किया गया. एसबीआई ने ये भी बताया कि कुल खरीदे गए 22217 बॉन्ड में से 22030 बॉन्ड को कैश करा लिया गया.
11 मार्च को लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट से एसबीआई ने गुहार लगाई थी कि वो उसे इस जानकारी को मुहैया कराने के लिए ज्यादा समय मुहैया कराए. एसबीआई 30 जून तक का समय मांग रहा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को आड़े हाथों लेते हुए 12 मार्च तक उस जानकारी को देने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर एसबीआई ने ये जानकारी मुहैया नहीं कराई तो उसके खिलाफ विलफुल ऑफेंडर होने का मुकदमा चलाया जाएगा.
पांच जजों की बेंच सुन रही है ये मुकदमा
सुप्रीम कोर्ट में इस मुकदमे को पांच जजों की बेंच सुन रही है. इसमें मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूढ़ से लेकर कई सीनियर जज शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को गलत बताते हुए इसे रद्द कर दिया था. उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने इस जानकारी को चुनाव आयोग को 15 मार्च को शाम 5 बजे तक वेबसाइट पर पब्लिश करने के भी आदेश दिए थे.
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