होम / बिजनेस / इस कंपनी के एक्सटेंशन प्लान से पावर सेक्टर में होने जा रही है टक्कर, ये है पूरी योजना
इस कंपनी के एक्सटेंशन प्लान से पावर सेक्टर में होने जा रही है टक्कर, ये है पूरी योजना
मौजूदा समय में अडानी और रिलायंस दोनों ही कंपनियां अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहे हैं. इस क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाने के लिए कंपनियां कई प्रयास कर रही हैं
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
पावर जनरेशन के क्षेत्र में अपनी क्षमता का विकास करने के लिए इस क्षेत्र की बड़ी कंपनी वेदांता एक बड़ा फंड जुटाने की तैयारी कर रही है. कंपनी ये फंड पीएफसी (पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन) के जरिए लेने की तैयारी कर रही है. वेदांता पीएफसी से 4000 करोड़ रुपये कर्ज लेने की तैयारी कर रही है जिससे कई और प्लांट का अधिग्रहण कर अपनी क्षमता का विस्तार किया जा सके.
इतने साल के लिए मिलेगा कंपनी को कर्ज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन से वेदांता को मिलने वाला 4000 करोड़ रुपये का कर्ज 11 सालों के लिए मिलने वाला है. कंपनी को ये कर्ज एक लंबी अवधि के लिए मिल सकता है. कंपनी इस कर्ज के जरिए उसे पॉवर क्षेत्र में मिल रही प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करने जा रही है. पॉवर सेक्टर में पिछले कुछ समय में अडानी एनर्जी से लेकर रिलायंस और कई दूसरी कंपनियां भी निवेश कर रही हैं. ये कंपनियां रिन्यूएबल ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से काम कर रही हैं.
ये हैं कंपनी के टार्गेट
वेदांता की ओर से मौजूदा परिस्थितियों में अपने में अपने प्रतिस्पर्धी लोगों को चुनौती देने के लिए जो लक्ष्य तय किए गए हैं वो 2026-27 तक 4.8 गीगावॉट करने की है. कंपनी अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए लंबे समय से काम कर रही है. कंपनी इससे पहले आंध्र प्रदेश के मीनाक्षी एनर्जी लिमिटेड और छत्तीसगढ़ में एथीना पॉवर का अधिग्रहण किया है. इन दोनों प्लांट की क्षमताओं के बारे में आपको बताएं तो मीनाक्षी एनर्जी लिमिटेड की क्षमता 1 गीगावॉट और एथीना पावर की क्षमता 1.2 गीगावाट की है. हालांकि अभी तक न तो पीएफसी और न ही वेदांता की ओर से कर्ज लेने की इस खबर की पुष्टि की गई है.
ये भी पढ़ें: Reliance के Ex-CFO ने इस कंपनी में खरीदी हिस्सेदारी, जानिए क्या है आगे की योजना
क्या कर रहे हैं वेदांत के प्रतिद्वंदी?
वेदांत के लक्ष्य के बीच अगर उसके प्रतिद्वंदियों की बात करें तो अडानी एनर्जी जहां रिन्यूएबल क्षेत्र में बड़े लक्ष्य के साथ काम कर रही है वहीं रिलायंस ने भी अपने लक्ष्य तय किए हुए हैं. अडानी एनर्जी ने जहां 2030 तक 45000 मेगावाट बिजली के उत्पादन का लक्ष्य रखा है वहीं दूसरी ओर वो अभी तक 100000 मेगावाट का उत्पादन शुरू कर चुकी है. जबकि अकेले खावड़ा में 30000 मेगावाट पर काम कर रही है. इसी तरह रिलायंस एनर्जी भी तेजी से आगे बढ़ रही है. रिलायंस इंडस्ट्रीज 2030 तक 100 गीगावाट बिजली का उत्पादन करने की तैयारी कर रही है. कंपनी अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए नार्वे स्थित REC Solar Holding जैसी कंपनी को 771 मिलियन में अधिग्रहीत कर चुकी है.
टैग्स