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दिल्ली सरकार की EV पॉलिसी से पूरी तरह बदल जाएगी आपकी कैब? ये हो जाएगा बदलाव
इस पॉलिसी को एलजी की मंजूरी मिलने के बाद सभी कैब कंपनियों को 24 घंटे के मॉनिटर रूम बनाना होगा. जहां से वो कैब और ड्राइवर पर नजर रख सकें.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
दिल्ली सरकार की EV पॉलिसी से सड़कों पर चलने वाले कैब बेड़े में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. इस पॉलिसी के लागू होने के बाद दिल्ली में चलने वाली ओला उबर की फ्लीट को ईवी में बदलना जरूरी हो जाएगा. हालांकि पॉलिसी में कहा गया है कि सरकार डीजल से ईवी में जाने के लिए पूरा समय देगी. दिल्ली सरकार की कैबिनेट से इस प्रस्ताव के पास होने के बाद इसे एलजी की मंजूरी मिलना बाकी है. एलजी की मंजूरी के बाद ही ये पॉलिसी लागू हो पाएगी.
आखिर क्या कहा गया है इस पॉलिसी में?
दिल्ली सरकार की इस पॉलिसी को दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम, 2023 का नाम दिया गया है. इस पॉलिसी के लागू होने के बाद दिल्ली में चलने वाली कैब एग्रीगेटर कंपनियों को अपनी फ्लीट को ईवी में बदलना अनिवार्य हो जाएगा. हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि इस बदलाव को करने के लिए समय दिया जाएगा. पॉलिसी में दिल्ली में 2030 तक दिल्ली की सभी कमर्शियल गाडि़यों को ईवी में बदलने का लक्ष्य रखा गया है.
बाइट टैक्सी को भी मिली हरी झंडी
इस पॉलिसी में बाइक टैक्सी को भी हरी झंडी मिल गई है. इस हरी झंडी का मतलब है कि दिल्ली में बाइक पर सवारी लाने-ले जाने का काम भी आसानी से किया जा सकेगा. हालांकि अभी इस पर रोक है. लेकिन इस पॉलिसी में इसके लिए कुछ शर्ते भी तय की गई है. उनमें बाइक में बैठने वाली सवारी का भी इंश्योरेंस होना अनिवार्य कर दिया गया है साथ ही बाइक चालक को फस्ट्र एड बॉक्स भी रखना होगा.
यात्रियों की सुरक्षा को दी गई है प्राथमिकता
इस पॉलिसी में कहा गया है कि कैब चलाने वाली कंपनियों को अपनी फ्लीट के लिए एक मॉनीटरिंग रूम भी बनाना होगा. जहां से हर वक्त कैब चालक और गाडि़यों को मॉनीटर किया जा सके. ये पॉलिसी 25 से ज्यादा गाडि़यों की फ्लीट रखने वाले या किसी ऐप या पोर्टल के जरिए कंज्यूमर से कनेक्ट करने वाली कंपनी पर लागू होगी. इसके पीछे यात्रियों को सुरक्षित सफर करवाना मकसद है. सभी मौजूदा या नए एग्रीगेटरों को इसके तहत 90 दिनों में रजिस्ट्रेशन करना होगा. ये लाइसेंस पांच साल के लिए दिया जाएगा और दो साल से पुराने वाहनों पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी.
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