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WazirX के बाद अब इस क्रिप्टो-एक्सचेंज पर क्यों हुई ED की कार्रवाई? ये है पूरी कहानी
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने क्रिप्टो-एक्सचेंज प्लेटफॉर्म वजीरएक्स (WazirX) पर कार्रवाई की थी, अब 'वॉल्ड (Vauld)' के खिलाफ एक्शन हुआ है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों के दिन अच्छे नहीं चल रहे है. एक तो बाज़ार में गिरावट का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्तर पर होने वाली सख्ती ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने क्रिप्टो-एक्सचेंज प्लेटफॉर्म वजीरएक्स (WazirX) पर कार्रवाई की थी, अब 'वॉल्ड (Vauld)' के खिलाफ एक्शन हुआ है. वॉल्ड पहले से ही आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहा है, ऐसे में ED की कार्रवाई से उसकी स्थिति बद से बदतर हो सकती है.
370 करोड़ रुपए जब्त
ED ने Vauld के बैंक खातों, पेमेंट गेटवे बैलेंस और क्रिप्टो बैलेंस को जब्त करने का आदेश दिया है, जिसकी कुल कीमत 370 करोड़ रुपए बताई जा रही है. जुलाई में वॉल्ड ने अपने प्लेटफॉर्म पर सभी प्रकार की जमा-निकासी के साथ ट्रेडिंग एक्टिविटी को रोक दिया था. कंपनी ने कहा था कि क्रिप्टो में भारी गिरावट और भारत में नियमों के कड़े होने से ट्रेडिंग वैल्यूम पर काफी असर पड़ा है, जिसकी वजह से उसे ट्रेडिंग एक्टिविटी रोकनी पड़ी है.
सिंगापुर में है मुख्यालय
क्रिप्टो करेंसी प्लेटफॉर्म वॉल्ड का मुख्यालय भले ही सिंगापुर में है, लेकिन इसका ज्यादातर कारोबार भारत में ही है. इस कारण इसमें सबसे ज्यादा पैसा भारतीयों का ही फंसा हुआ है. कंपनी की अधिकांश टीम भारत से ही काम करती है. ED का कहना है कि बेंगलुरु मुख्यालय वाली एक कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई और जब्त की गई संपत्तियां फ्लिपवॉल्ट क्रिप्टो-करेंसी एक्सचेंज की हैं, जो भारत में वॉल्ड को चलाती है. इस कार्रवाई की वजह भी वही है, जिसके चलते WazirX पर छापा मारा गया था.
Vauld पर क्या हैं आरोप
Vauld पर कुछ अवैध चीनी लैंडिंग ऐप को मनी-लॉन्ड्रिंग में मदद पहुंचाने का आरोप है. बताया जा रहा है कि ईडी ने अपनी जांच में पाया कि लोन ऐप कंपनियों ने क्रिप्टोकरेंसी में बड़े पैमाने पर निवेश किया और एक्सचेंस की मदद से उन्हें विदेशों में ट्रांसफर कर दिया. केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि आपराधिक जांच शुरू होने के बाद, कई फिनटेक ऐप ने कामकाज बंद कर दिया और इन गलत तरीकों से कमाए भारी मुनाफे को डायवर्ट कर दिया. जांच में पाया गया कि 23 आरोपी NBFC कंपनियों और लैंडिंग ऐप ने मिलकर करीब 370 करोड़ रुपए का फंड बेंगलुरु स्थित M/s येलो ट्यून टेक्वोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के INR क्रिप्टो खाते में जमा किया, जो फ्लिपवॉल्ट क्रिप्टो-करेंसी एक्सचेंज के पास खुला था, यही कंपनी भारत में वॉल्ड को चलाती है.
चीनी नागरिकों का हाथ
बाद में इन पैसों से खरीदे क्रिप्टो करेंसी खरीदी गईं और उन्हें अज्ञात विदेशी वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया गया. यह बात भी सामने आई है कि M/s येलो ट्यून टेक्वोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को दो चीनों नागरिकों ने खोला था. इससे पहले ED ने इसी मामले में देश की सबसे बड़ी क्रिप्टो-एक्सचेंज WazirX के बैंक खातों में पड़े 64.67 करोड़ रुपए को जब्त करने का आदेश दिया था. जांच एजेंसी ने WazirX के डायरेक्टर समीर म्हात्रे पर सहयोग न करने का आरोप लगाया था.
क्रिप्टो से कमाई में भारत
क्रिप्टो को लेकर भारतीयों में भी क्रेज बढ़ रहा है. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले यह काफी कम है. पिछले साल क्रिप्टो से कमाई को लेकर एक लिस्ट जारी हुई थी, उसमें भारत 21वें स्थान पर था. भारतीय यूजर्स ने 2021 में क्रिप्टो से 1.85 बिलियन डॉलर कमाए थे. जबकि अमेरिकी यूजर्स ने कुल 47 बिलियन डॉलर कमाए. 2020 में यह कमाई 8.1 बिलियन डॉलर थी. इससे पता चलता है कि यूएस में क्रिप्टो के प्रति दीवानगी कितनी ज्यादा है. पिछले साल निवेशकों ने Cryptocurrency में खूब मुनाफा कमाया है. क्रिप्टो में निवेश करने वालों का मुनाफा करीब 400 बढ़ा है. डेटा एनालिटिक्स फर्म Chainalysis की रिपोर्ट बताती है कि पिछले 2021 क्रिप्टो में निवेश करने वालों का मुनाफा गई गुना बढ़ा था. हालांकि, 2022 में क्रिप्टो में निवेश करने वालों को परेशानी का सामना ज्यादा करना पड़ रहा है.
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