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WIPRO में आखिर कम सैलरी में क्यों ज्वॉइन कर रहे हैं कर्मचारी?
साल के शुरुआत में Wipro की ओर से कई कर्मचारियों को कम सैलरी में नौकरी ज्वॉइन करने के लिए कहा गया था, अब खबर आ रही है कि ज्यादातर लोगों ने कम सैलरी में ज्वॉइन करने की बात स्वीकार कर ली है.
ललित नारायण कांडपाल 1 year ago
इस साल की शुरुआत में ही कई अर्थशास्त्रीयों का कहना था कि ये वर्ष इंडस्ट्री के लिए बहुत ज्यादा बेहतर नहीं रहने वाला है. कंपनियों ने जिस तरीके से अपने वहां ले-ऑफ किया उससे तो कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है. इसी बीच अब मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर ये आ रही है कि नामी टेक कंपनी विप्रो ने इस साल की शुरुआत में जिन फ्रेशरों को कम सैलरी पर ज्वॉइन करने का ऑफर दिया था उनमें से 90 प्रतिशत ने कम सैलरी पर ज्वॉइन कर लिया है.
कंपनी ने फरवरी में दिया था ऑफर
विप्रो ने जिन फ्रेशर्स को हॉयर किया था उन्हें इस साल फरवरी में कंपनी ने ऑफर लेटर में दिए अमाउंट से कम पर ज्वॉइन करने को कहा था. कंपनी की ओर से उन्हें सालाना 6.5 लाख रुपये का ऑफर दिया गया था. लेकिन बाद में कंपनी की ओर से उन्हें 3.5 लाख रुपये में ज्वॉइन करने को कहा गया था. मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर आ रही है कि विप्रो के अधिकारी ने बताया है कि 90 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारियों ने कम सैलरी पर ज्वॉइन कर लिया है. विप्रो के अपने कर्मचारियों को कम सैलरी पर ज्वॉइन करने के इस ऑफर के बाद पूरी इंडस्ट्री में चर्चाएं शुरू हो गई थी.
नौकरी छोड़ने की दर में हुई है कमी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईटी सेक्टर की प्रमुख कंपनी विप्रो ने हाल ही में अपनी चौथी तिमाही की कमाई की घोषणा की थी. चौथे क्वॉर्टर के नतीजों के दौरान कंपनी से नौकरी छोड़ने वालों की दर में कमी देखने को मिली थी. 31 मार्च तक विप्रो के कुल कर्मचारियों की संख्या 256,921 थी. विप्रो ने अपने कर्मचारियों की संख्या में 1,823 की कमी की है. दिसंबर तिमाही में कर्मचारियों की संख्या 258,744 थी, जबकि सितंबर तिमाही में कर्मचारियों की संख्या 259,179 थी. विप्रो ने पिछली तिमाही के नतीजों से अगर तुलना की जाए तो खुद से नौकरी छोड़ने वालों की संख्या में 330 बीपीएस की गिरावट दर्ज की है जबकि तिमाही वार्षिक आधार पर 14.1% लैंडिंग और पिछले बारह महीनों के आधार पर 19.2% पर कमी देखने को मिली है.
खराब प्रदर्शन के कारण बाहर किए कई कर्मचारी
देश की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो ने इस साल जनवरी में खराब प्रदर्शन के कारण कई नए कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था. इस साल विप्रो ने जनवरी में एक आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की और सबसे कम स्कोर करने वाले कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए कह दिया गया था. विप्रो ने आंतरिक मूल्यांकन के बाद 452 फ्रेशर्स को नौकरी से निकाला. पिछले साल के अंत में विप्रो ने फर्म के पेरोल पर प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के साथ काम करने के लिए करीब 300 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था.
शेयर बॉयबैक को दी है मंजूरी
इस बीच, बेंगलुरु मुख्यालय वाली कंपनी ने ₹12,000 करोड़ के शेयर बॉयबैक को मंजूरी दी है. बीएसई फाइलिंग के अनुसार, कंपनी 4.91% हिस्सेदारी के 269.6 मिलियन इक्विटी शेयर ₹445 प्रत्येक पर वापस खरीदने का प्रस्ताव दिया है. अजीम प्रेमजी समर्थित विप्रो ने Q4FY23 में ₹3,074.5 करोड़ का समेकित शुद्ध लाभ पोस्ट किया, जो कि एक साल पहले इसी अवधि में ₹3,087.3 करोड़ के लाभ से कुछ करोड़ कम है.
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