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आखिर कब कम होगी महंगाई, जानिए क्या बोले RBI गवर्नर?
RBI ने दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही में महंगाई के अनुमानित आंकड़े जारी किए हैं. उन्होंने गोल्ड लोन को लेकर भी एक घोषणा की है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
आरबीआई गवर्नर ने आज रेपो रेट का ऐलान करने के साथ ही महंगाई के कम होने को लेकर भी अपनी बात कही है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष के लिए सीपीआई दर 5.4 प्रतिशत पर रह सकती है. आरबीआई ने आज ही रेपो रेट का ऐलान किया है. आरबीआई के अनुसार सितंबर में महंगाई दर कम होने की उम्मीद है. ये बात आरबीआई ने तब कही है जब जुलाई में इसके ज्यादा बढ़ने के बाद अगस्त में कम हो गई थी.
किस तिमाही में कितनी रहेगी महंगाई दर?
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौजूदा तिमाही से लेकर आने वाली तिमाही के लिए महंगाई दर के आंकलन को लेकर अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में महंगाई दर 6.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में ये महंगाई दर 5.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. उन्होंने ये भी कहा कि कोर महंगाई में और भी कमी की संभावना है.
शक्तिकांत दास ने महंगाई के कारण के बारे में बताते हुए कहा कि [खाने पीने के सामानों के दाम में इजाफे के कारण महंगाई बढ़ी हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि तेल के दामों से पैदा होने वाले झटकों के लिए अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से तैयार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 29 सितंबर तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 586.9 अरब डॉलर था. उन्होंने आज रेपो रेट के ऐलान के बाद ये भी कहा कि उसके अनुसार महंगाई दर 4 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
गोल्ड लोन की लिमिट 4 लाख के पार
आरबीआई ने शहरों के अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों में बुलेट रीपेमेंट स्कीम के तहत दिए जाने वाले गोल्ड लोन की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख से 4 लाख रुपये तक कर दिया है. लेकिन आरबीआई ने इसके लिए एक शर्त भी लगाई है. ये 4 लाख का लोन वही बैंक दे पाएंगे जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक प्राइमरी सेक्टर लोन के तहत ओवर ऑल टारगेट और सब टॉरगेट पूरा कर लिया हो.
सर्विस सेक्टर ने किया कमाल
इस सितंबर में सर्विस सेक्टर के बेहतरीन प्रदर्शन पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस महीने बेहतरीन आंकड़े निकलकर सामने आए हैं. इस बार सामने आए आंकड़ों ने 13 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सितंबर में ये पीएमआई इंडेक्स में 61 तक जा पहुंचा है जबकि अगस्त में 60.4 पर था. वहीं अगर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की बात करें तो सितंबर में इसके आंकड़े गिरकर 57.5 पर आ गए जबकि अगस्त में ये 58.6 पर थी.
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