होम / बिजनेस / वित्त वर्ष 2025 में कैसी रहेगी GDP की रफ्तार, इन तिमाहियों के लिए RBI ने बदला अपना अनुमान
वित्त वर्ष 2025 में कैसी रहेगी GDP की रफ्तार, इन तिमाहियों के लिए RBI ने बदला अपना अनुमान
आरबीआई गर्वनर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मांग मजबूत हो रही है. वित्त वर्ष 2024-25 में उपभोग से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
वित्त वर्ष 2025 में भी भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार तेज बनी रहने की उम्मीद है. केंद्रीय बैंक RBI ने आज इस वित्त वर्ष 2025 की अपनी पहली मौद्रिक नीतियों का ऐलान कर दिया है. रेपो रेट (Repo Rate) में लगातार सातवीं बार कोई बदलाव नहीं हुआ है. वहीं RBI MPC (मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी) ने पूरे वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7 फीसदी पर बरकरार रखा है. आरबीआई ने पूरे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन कुछ तिमाही के आंकड़ों में जरूर बदलाव हुए हैं.
7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी GDP ग्रोथ
आरबीआई हर दो महीने पर मौद्रिक नीतियों का रिव्यू करता है. इससे पहले फरवरी में RBI ने अनुमान लगाया था कि वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी और इस बार भी आरबीआई ने यही अनुमान लगाया है. अब तिमाही-तिमाही की बात करें तो फरवरी की बैठक में पहली तिमाही के लिए 7.2 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान था जो अब 7.1 फीसदी कर दिया गया है. दूसरी दूसरी तिमाही के लिए ग्रोथ अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी, तीसरी तिमाही के लिए 7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. आखिरी तिमाही के लिए यह अनुमान 6.9 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया गया है.
नहीं मिली महंगी EMI से राहत, अभी और करना होगा इंतजार, RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव
ग्रामीण मांग में हो रही है वृद्धि
आरबीआई गर्वनर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मांग मजबूत हो रही है. वित्त वर्ष 2024-25 में उपभोग से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा. वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव, व्यापारिक मार्ग पर बाधाओं से चिंता बनी हुई है. लेकिन, इन बाधाओं के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. शक्तिकांत दास ने कहा कि मुद्रास्फीति का दबाव कम होने, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर में निरंतर गति से निजी निवेश को बढ़ावा मिलना मिलने की उम्मीद है. भारतीय मुद्रा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि रुपया अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा की तुलना में काफी हद तक एक दायरे में है. 2023 में इसमें सबसे कम अस्थिरता देखी गई.
GDP के लिए कौन से कारक जिम्मेदार?
GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं. पहला है, आप और हम. आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है. दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ, ये GDP में 32% योगदान देती है. तीसरा है, सरकारी खर्च. इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है. इसका GDP में 11% योगदान है और चौथा है, नेट डिमांड. इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है.
टैग्स