Voda-Idea के शेयरधारकों ने फंड जुटाने पर लगाई मुहर, क्या अब कर्ज से उबर पाएगी कंपनी?

शेयरधारकों से मिली इस मंजूरी के बाद ये माना जा रहा है कि इसी तिमाही अप्रैल से जून के दौरान कंपनी पैसा जुटा सकती है. कंपनी के प्रमोटर्स भी प्रस्तावित फंड जुटाने की इस कवायद में शिरकत करेंगे.

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Wednesday, 03 April, 2024
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वित्तीय संकट का सामना कर रही देश की तीसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ने 20,000 करोड़ रुपये के फंड जुटाने पर अपनी मुहर लगा दी है. ये फंड इक्विटी या फिर इक्विटी लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स (ELI) के जरिए जुटाया जाएगा. कंपनी ने बताया कि कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स की बैठक बुलाएगी जिसमें इसमें मंजूरी मिल जाने के बाद आने वाली तिमाही में फंड जुटाने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा.

कंपनी कर्ज से भी जुटाएगी पैसे 

वोडाफोन आइडिया को उम्मीद है कि वह चालू तिमाही (अप्रैल-जून) में ही ये पैसा जुटा लेगी. कंपनी के प्रमोटर्स भी अपनी कुछ हिस्सेदारी कम करके इस प्रस्तावित शेयर सेल से पैसा जुटाने का काम करेंगे. इतना ही नहीं वोडाफोन आइडिया इस समय अपने बैंकों के साथ भी लगातार संपर्क में है. कंपनी इक्विटी और डेट (कर्ज) को मिलाकर करीब 45,000 करोड़ रुपए जुटाएगी, ताकि खुद के नकदी सेकट से उबर सके. 

कंपनी क्या करेगी इस 20,000 करोड़ का?

वोडाफोन-आइडिया को 5जी के क्रियान्वयन और 4जी सेवाओं को मजबूत करने के लिए पूंजी की जरूरत है. कर्ज में डूबी कंपनी की प्रतिद्वंद्वी जियो और भारती एयरटेल से मुकाबला करने के लिए इक्विटी और बॉन्ड के मिश्रण के माध्यम से 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. कंपनी में सरकार की भी 33 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदार है.

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कितना है कंपनी पर कर्ज

दिसंबर 2023 तक वोडाफोन-आइडिया पर 2.15 लाख करोड़ रुपये का ग्रॉस कर्ज है. इसमें 1.38 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम पेमेंट, सरकार की 69,020 करोड़ रुपये की समायोजित सकल राजस्व (AGR) देनदारी, 1660 करोड़ रुपये के वैकल्पिक परिवर्तनीय डिबेंचर के अलावा बैंक और वित्तीय संस्थान का बकाया शामिल था. वहीं, कंपनी घाटे से अब तक उबर नहीं सकी है. दिसंबर तिमाही में कंपनी का नेट लॉस 6986 करोड़ रुपये था, जो एक साल पहले 7990 करोड़ रुपये और एक तिमाही पहले 8,738 करोड़ रुपये था. इसी तरह, हर महीने टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया के ग्राहक भी कम हो रहे हैं.

निर्णय के बाद शेयर में दर्ज की गई तेजी

वोडाफोन आइडिया के शेयरधारकों से फंड जुटाने की मंजूरी मिलने के बाद स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी का स्टॉक 14 रुपये तक जा पहुंचा. आज बाजार के बंद होने शेयर 1.12 फीसदी की तेजी के साथ 13.60 रुपये पर क्लोज हुआ है. फरवरी 2024 में वोडाफोन आइडिया के प्रमोटर आदित्य बिरला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला ने कहा था कि वे कंपनी के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा था कि कंपनी बाहरी निवेशकों की तलाश कर रही है.
 


Google ने भारत में लॉन्‍च किया Google Wallet, जानते हैं क्‍या हैं इसके सुपर फीचर

Google ने इस ऐप को 2011 में लॉन्‍च किया था लेकिन बाद में Google pay से रिप्‍लेस कर दिया. Google ने इसके लिए 20 कंपनियों के साथ साझेदारी की है.

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Wednesday, 08 May, 2024
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Google ने भारत में अपना गूगल वॉलेट लॉन्‍च कर दिया है. अगर आप भी इस गूगल वॉलेट को पेटीएम वॉलेट की तरह समझ रहे हैं तो ये हम इसमें कुछ सुधार करना चाहते हैं. गूगल वॉलेट एक अलग तरह का ऐप है इसमें आप अपने जरूरी पासेस, लॉयल्‍टी और गिफ्ट कार्ड को सुरक्षित रख सकते हैं. गूगल के इस नए ऐप का गूगल पे से कोई संबंध नहीं है. मौजूदा समय में भारत में डिजिलॉकर की सुविधा मौजूद हैं जिसमें आप अपने दस्‍तावेजों को सुरक्षित रख सकते हैं.

क्‍या सुविधाएं देता है Google wallet? 
Google wallet को प्‍लेस्‍टोर से लॉन्‍च किया जा सकता है. Google wallet में पासेस, लॉयल्‍टी और गिफ्ट कार्ड को स्‍टोर कर सकते हैं. एक बार इसमें एड करने के बाद आपको इन्‍हें फिजिकली कैरी करने की जरूरत नहीं है. Google ने इस ऐप को 2011 में लॉन्‍च किया था लेकिन बाद में Google pay से रिप्‍लेस कर दिया. Google ने इसके लिए 20 कंपनियों के साथ साझेदारी की है. इस पर आप अपने बोर्डिंग पास से लेकर इवेंट टिकट को भी स्‍टोर कर सकते हैं. 

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Google pay से पूरी तरह अलग है Google wallet
Google wallet, Google pay से पूरी तरह से अलग है. Google wallet में जहां आप गिफ्ट कार्ड और लॉयल्‍टी पास से लेकर बोर्डिंग पास तक स्‍टोर कर सकते हैं वहीं दूसरी ओर Google Pay से आप यूपीआई पेमेंट भी कर सकते हैं. कंपनी ने पूरी तरह से साफ कर दिया है कि दोनों ऐप भारत के यूजर के लिए उपलब्‍ध रहेंगी. हालांकि कई देशों में ये ऐप पेमेंट की सुविधा के साथ आता है. लेकिन कंपनी ने भारत में इसे नॉन पेमेंट ऐप के तौर पर लॉन्‍च किया है. 

गूगल के इस सीनियर अधिकारी ने कही ये बात 
गूगल में एंड्रॉइड के जीएम और इंडिया इंजीनियरिंग लीड राम पापटला ने इस मौके पर कहा कि भारत में Google Wallet का आगमन एंड्रॉइड की भारत यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो लोगों के दैनिक जीवन को सरल बनाने के लिए नए और सुविधाजनक अनुभव लाता है. हमें एक व्यापक समाधान पेश करने के लिए भारत के कई शीर्ष ब्रैंड के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है जो आपको बोर्डिंग पास से लेकर लॉयल्टी कार्ड और इवेंट टिकट से लेकर सार्वजनिक परिवहन पास तक आपकी रोजमर्रा की आवश्यक चीजों तक सुरक्षित रूप से पहुंचने और प्रबंधित करने में मदद करता है.  
 


पेपर स्ट्रॉ के बिजनेस से शुरू करें कमाई, सरकार करेगी मदद

बाजार में पेपर स्ट्रॉ की बढ़ती मांग की वजह से इसकी मैन्युफैक्चरिंग एक बड़ा बिजनेस का रूप लेता जा रहा है.

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Wednesday, 08 May, 2024
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सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद पेपर स्ट्रॉ के बिजनेस में तेजी आई है. मार्केट में पेपर से बनी चीजों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में अब पेपर स्ट्रॉ मैन्युफैक्चरिंग भी एक बड़ा बिजनेस बन रहा है. अगर आप कम खर्च में कोई अच्छा मुनाफे वाला काम शुरू करना चाहते हैंस तो ये आपके लिए एक अच्छा विकल्प है. पेपर स्ट्रॉ के लिए कच्चे माल की भी जरूरत होती है. इसकी यूनिट लगाकर आप हर महीने अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसमें सरकार भी आपकी मदद करेगी.  तो चलिए जानते हैं आप कैसे ये बिजनेस शुरू कर सकते हैं?

ऐसे शुरू करें बिजनेस
खादी और ग्रामोद्योग आयोग () ने पेपर स्ट्रां यूनिट पर एक प्रोजेक्ट तैयार किया है. इसरे लिए आपको पहले सरकार से अप्रूवल और रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी. इस प्रोजेक्ट के लिए जीएसटी (GST) रजिस्ट्रेशन, आधार रजिस्ट्रेशन, प्रोडक्ट के ब्रांड नाम की जरूरत पड़ेगी. इतना ही नहीं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी (NOC) जैसे बेसिक चीजों की जरूरत पड़ेगी. स्थानीय नगर पालिका प्राधिकरण से व्यापार लाइसेंस भी लेना पड़ेगा.

इतनी आएगी लागत
पेपर स्ट्रॉ मेकिंग बिजनेस का प्रोजेक्ट की कुल लागत 19.44 लाख रुपये है. इसमें से आपको अपनी जेब से सिर्फ 1.94 लाख रुपये ही खर्च करने हैं, बाकी 13.5 लाख का टर्म लोन ले सकते हैं. वर्किंग कैपिटल के लिए 4 लाख का फाइनेंस करवा सकते हैं. यह बिजनेस 5 से 6 महीने में शुरू हो जाएगा बिजनेस शुरू करने के लिए आप पीएम मुद्र लोन स्कीम से लोन भी ले सकते हैं. 

पेपर स्ट्रा की बड़ी डिमांड 
भारत सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई 2022 से बैन लगा दिया है, जिससे बाजार से प्लास्टिक की वस्तुएं गायब होती जा रही है. इनमें से एक प्लास्टिक स्ट्रॉ भी है, जिसकी मांग रेहड़ी से लेकर बड़े बड़े रेस्तरां और डेरी कंपनियों तक होती है. पर्यावरण के प्रति लोगों में आई जागरूकता के कारण अब पेपर स्ट्रा की मांग बढ़ रही है. 

इन चीजों की पड़ेगी जरूरत
पेपर स्ट्रा बनाने के लिए आपको फूड ग्रेड पेपर (Food Grade Paper), फूड ग्रेथ गम पाउडर (Food Grade Gum Powder) . इसके अलावा एक पेपर स्ट्रा मेकिंग मशीन की जरूरत होगी, जिसकी कीमत करीब 9 लाख रुपये है. इसके अलावा अन्य इक्विपमेंट्स पर करीब 50000 रुपए खर्च होंगे. 

इतनी होगी कमाई 
अगर आप 75 प्रतिशत क्षमता के साथ पेपर स्ट्रॉ बनाने का काम शुरू करते हैं, तो आपको ग्रास 85.67  लाख रुपये मिलेंगे. इसमें सभी खर्च और टैक्स निकालने के बाद सालाना 9.64 लाख रुपये की कमाई होगी, यानी हर महीने 80000 से ज्यादा की इनकम होगी. 

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लोकसभा चुनाव में हुई अडानी-अंबानी की एंट्री,अब पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर ये कहकर कसा तंज 

लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने तेलंगाना से कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पांच साल तक जिसका नाम ले रहे थे आखिर रातों रात उसे लेना बंद क्‍यों कर दिया. 

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Wednesday, 08 May, 2024
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ऐसा शायद ही कोई चुनाव बीतता हो जब कुछ खास विषयों का जिक्र ना आता हो. इस विषयों में हिंदु मुस्लिम, परिवारवाद, और अडानी अंबानी जैसे नाम शामिल हैं. पहले दो मामलों का जिक्र तो अब तक इन लोकसभा चुनाव 2024 में आ चुका था लेकिन अडानी अंबानी की एंट्री नहीं हुई थी. वैसे तो इनका नाम लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार पर निशाना साधती हैं लेकिन इस बार कुछ उल्‍टा हुआ है. इस बार पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी पर इन दो नामों को लेकर हमला किया है. अब पीएम मोदी के इन आरोपों का जवाब राहुल गांधी या कांग्रेस को देना है. 

पीएम मोदी ने आखिर क्‍या कहकर कसा तंज 
पीएम मोदी ने तेलंगाना के करीमनगर में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आखिर कांग्रेस पार्टी के शहजादे ने अंबानी अडानी का नाम लेना क्‍यों बंद कर दिया है. पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के शहजादे पिछले पांच साल से सुबह उठते हुए अडानी अंबानी के नाम की माला जपने लगते थे. पीएम ने कहा कि जब इनका राफेल का मामला ग्राउंडेड हो गया तो इन्‍होंने एक नई माला जपनी शुरू कर दी. पांच साल से ये एक ही माला जप रहे थे. पांच उद्योगपति-पांच उद्योगपति. फिर इन्‍होंने कहना शुरू किया अडानी अंबानी. लेकिन जब से चुनाव घोषित हुआ है तब से इन्‍होंने अडानी अंबानी का नाम लेना बंद कर दिया है. 

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पीएम मोदी ने पूछा कितने टैंपों भरकर माल लिया? 
पीएम मोदी ने सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के शहजादे को घोषित करना चाहिए कि आखिर उन्‍होंने अंबानी अडानी से कितना माल उठाया है. काले धन के कितने बोरे माल उठाया है. क्‍या टैंपो भर के माल कांग्रेस के लिए पहुंचा है. आपने रातों रात अंबानी अडानी को गाली देना बंद कर दिया है. पांच साल गाली दी और रातों रात गाली देना बंद कर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि दाल में जरूर कुछ काला है. पांच साल तक अंबानी अडानी को गाली दी और रातों रात बंद कर दिया है. टैंपों भरकर माल पाया है. देश को जवाब देना पड़ेगा. 

राहुल गांधी अडानी का नाम लेकर करते रहे हैं हमला 
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी अडानी और अंबानी का नाम लेकर लंबे समय से पीएम मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. राहुल गांधी ने 1 मई 2024 को भी इससे पहले चुनावों में अडानी का नाम लेते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर कहा कि नरेंद्र मोदी ने जितना पैसा अडानी को दिया है, उतना ही पैसा हम आपको देने जा रहे हैं. राहुल गांधी ने ये भी कहा कि नरेंद्र मोदी ने अडानी को लाखों-करोड़ों रुपए दिए तो मीडिया कहता है- विकास हो रहा है. लेकिन जब हम मनरेगा लेकर आए तो वही मीडिया कहता है- देखो, गरीबों की आदत बिगाड़ रहे  हैं. लेकिन हमने मन बना लिया है कि नरेंद्र मोदी ने जितना पैसा अडानी को दिया है, उतना ही पैसा हम आपको देने जा रहे हैं. वो अडानी को लेकर लंबे समय से निशाना साध रहे हैं लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी के चुनाव प्रचार में ये शब्‍द उतनी मुखरता से नहीं सुनाई दे रहा है. 


निवेशकों के लिए काम की खबर, इस छुट्टी वाले दिन भी खुला रहेगा शेयर बाजार

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की तरफ से बताया गया है कि अगले हफ्ते शनिवार को भी शेयर बाजार में ट्रेडिंग होगी.

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Wednesday, 08 May, 2024
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आमतौर पर शेयर बाजार (Stock Market) में शनिवार और रविवार को साप्ताहिक अवकाश रहता है, लेकिन अगले हफ्ते आप शनिवार को भी ट्रेडिंग कर पाएंगे. वहीं, आज यानी 8 मई को बाजार के हाल की बात करें, तो मार्केट में नरमी बरकरार है. BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी दोनों दबाव में कारोबार कर रहे हैं. अच्छी बात यह है कि PSU बैंकों में छाई मंदी अब छंटने लगी है. आज अधिकांश सरकारी बैंकों के स्टॉक में तेजी दिखाई दे रही है. बीते 2 सत्रों में PNB का शेयर सबसे ज्यादा गिरा था पर अब उसमें उछाल आया है.  

DR पर किया जाएगा स्विच ओवर
अगले हफ्ते के शनिवार यानी 18 मई को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के लिए खुला रहेगा. दरअसल, इस दिन डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग होनी है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की तरफ से यह टेस्टिंग इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स में की जाएगी. इसके लिए डिजास्टर रिकवरी (DR) साइट पर स्विच-ओवर किया जाएगा. किसी आपात स्थिति के दौरान परिचालन बहाल करने के लिए डिजास्टर रिकवरी साइट का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक तरह से तैयारी है कि अगर भविष्य में कोई आपात स्थिति आती है, तो डिजास्टर रिकवरी साइट स्विच किया जा सके.

2 सेशन किए जाएंगे आयोजित
NSE की तरफ से बताया गया है कि 18 मई शनिवार को डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग की जाएगी. यह किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए किया जा रहा है. इस दौरान प्राइमरी साइट से डिजास्टर साइट पर स्विच ओवर किया जाएगा. शनिवार को डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग के दौरान दो सत्र आयोजित होंगे. पहला सत्र प्राथमिक साइट से सुबह 9:15 बजे से 10 बजे तक चलेगा. जबकि दूसरा सत्र डिजास्टर रिकवरी साइट से सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक होगा. 

2 मार्च को भी हुआ था ऐसा 
NSE और BSE ने दो मार्च को भी इसी तरह के कारोबारी सत्र आयोजित किए थे. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए BSE और NSE ने आपदा रिकवरी साइट पर शिफ्टिंग के लिए ऐसा किया था. कामकाज को प्रभावित कर सकने वाली किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए एक्सचेंज को तैयार रखने के उद्देश्य से ऐसे स्पेशल सेशन आयोजित किए जाते हैं. अब सवाल ये उठता है कि क्या पूर्व में कभी ऐसी स्थिति बनी है जब अप्रत्याशित कारणों से बाजार बाधित रहा हो? तो इसका जवाब है हां. केवल भारत ही नहीं दुनिया भर के शेयर बाजारों को कभी न कभी किसी न किसी वजह से ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है.

कब-कब थमा था बाजार?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 24 फरवरी, 2021 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में तकनीकी खराबी के कारण चार घंटे के लिए कारोबार रोकना पड़ा था. NSE ने सुबह 11.40 बजे कारोबार बंद कर दिया और यह दोपहर 3.45 बजे फिर से शुरू हो पाया था. इसके मद्देनजर कारोबारी सत्र को बाद में डेढ़ घंटे के लिए बढ़ा दिया गया था. इसी तरह, 24 सितंबर, 2019 को एनएसई के सिस्टम को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ कनेक्टिविटी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ाथा. इस वजह से सत्र के अंतिम 15 मिनट में ट्रेडिंग बाधित रही थी. 11 जुलाई, 2017 को भी एनएसई पर ट्रेडिंग तीन घंटे के लिए रुकी रही थी. 3 जुलाई 2014 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने नेटवर्क आउटेज के चलते 3 घंटे के लिए कारोबार रोक दिया था.

ये बाजार भी हुए प्रभावित
दुनिया के अन्य बाजारों की बात करें, तो अक्टूबर, 2020 में ट्रेडिंग सिस्टम में हार्डवेयर संबंधी गड़बड़ी के कारण टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज को पूरे दिन के लिए कारोबार रोकना पड़ा था. इसी तरह, 16 अगस्त, 2019 को लंदन स्टॉक एक्सचेंज को सॉफ्टवेयर समस्या के चलते लगभग दो घंटे के लिए ट्रेडिंग बंद करनी पड़ी थी. 25 अप्रैल, 2018 को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने तकनीकी खराबी की वजह से पांच शेयरों में कारोबार निलंबित कर दिया था. इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ही एक्सचेंज स्पेशल सेशन आयोजित कर रहा है.


जिस कंपनी में विराट कोहली ने किया है निवेश, आने जा रहा है उसका आईपीओ…

कंपनी इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में काम करती है और इसमें सिर्फ विरोट कोहली नहीं बल्कि उनकी पत्‍नी अनुष्‍का ने भी बड़ा निवेश किया है. 

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Wednesday, 08 May, 2024
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इंश्‍योरेंस सेक्‍टर की कंपनी गो डिजिट (Go Digit) का आईपीओ अगले हफ्ते आ सकता है. इस कंपनी में क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्‍नी अनुष्‍का ने निवेश किया है.  इस आईपीओ को मार्च में सेबी की अनुमति मिली थी. कंपनी अपने इस आईपीओ को 15 मई को जारी कर सकती है. इसकी घोषणा इस शुक्रवार को होने की संभावना है. कंपनी अपने आईपीओ के जरिए 1550 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है. 

इस तारीख को खुल सकता है आईपीओ 
इंश्‍योरेंस सेक्‍टर की ये कंपनी को फेयरफैक्‍स समूह का समर्थन हासिल है. कंपनी अपने इस आईपीओ के जरिए 1500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है जिसमें 1250 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल के जरिए जुटा रही है जबकि 10.94 करोड़ रुपये इक्विटी शेयर के जरिए और 250 करोड़ रुपये अपने प्रमोटर के जरिए जुटाने की तैयारी कर रही है. कंपनी यहां से जुटाए गए पैसे को कंपनी के विस्‍तार में लगाने की योजना बना रही है. कंपनी ने आईपीओ में शेयरों का 75 प्रतिशत क्‍वॉलीफाइड इंस्‍टीट्यूशल बिडर के लिए लगाने की तैयारी कर रही है वही कुछ शेयर कंपनी के कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कर रही है. जबकि 15 प्रतिशत शेयर नॉन इंस्‍टीट्यूशनल इनवेस्‍टर के लिए सुरक्षित किया है. 

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विराट और अनुष्‍का ने किया है इतने करोड़ का निवेश 
गो डिजिट में क्रिकेटर विराट कोहली और अनुष्‍का ने बड़ा निवेश किया है. विराट कोहली ने जहां कंपनी में 2020 में 2 करोड़ रुपये का निवेश किया था, वहीं अनुष्‍का ने कंपनी में 50 लाख रुपये का निवेश किया है. विराट कोहली ने कंपनी का एक शेयर 75 रुपये के हिसाब से खरीदा और उनके पास आज इस कंपनी के 266667 शेयर हैं वहीं अनुष्‍का के पास 66667 शेयर हैं. गो डिजिट के आईपीओ के लिए आईसीआईसीआई सिक्‍योरिटीज(ICICI Securities), मार्गन स्‍टेनली इंडिया कंपनी(Morgan Stanley india Company), एक्सिस कैपिटल(Axis Capital), एचडीएफसी बैंक(HDFC Bank), एडेलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज(Edlewise Fianancial Services) और आईआईएफएल सिक्‍योरिटी(IIFL Security) रनिंग लीड मैनेजर हैं. 

कंपनी के आईपीओ को मार्च में मिली थी अनुमति 
गो डिजिट के आईपीओ के दस्‍तावेजों की जांच करने के बाद सेबी ने इसे मंजूरी दे दी थी. इससे पहले फरवरी 2023 में किए गए आवेदन को  सेबी की ओर से खारिज कर दिया गया था. गो‍ डिजिट इंश्‍योरेंस मोटर, हेल्‍थ, ट्रैवल, प्रॉपर्टी, मरीन, लायबिलिटी इंश्‍योरेंस प्रोडक्‍ट ऑफर करती है. कंपनी ने पहले नौ महिने में 107 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. जबकि जनवरी 2024 में ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रीमियम इनकम 6645 करोड़ रुपये रहा है. ये साल दर साल के आधार पर 32 प्रतिशत ज्‍यादा है. 
 


10 साल से भी कम समय में 120 करोड़ की संपत्ति के मालिक, कैसे ये युवा बना अरबपति?

अंकुर जैन की बिल्ट में 36 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी अनुमानित कुल संपत्ति 1.2 बिलियन डॉलर है. 

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Wednesday, 08 May, 2024
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अंकुर जैन एक ऐसे युवा हैं, जो 10 साल से भी कम समय में अरबपति बन गए. Forbs (फोर्ब्स) 30 अंडर 30 यानी 30 साल से कम उम्र के 30 सबसे अमीर शख्स की सूची में शामिल अंकुर जैन को बिलेनियर यानी अरबपति बनने में दस साल से भी कम का समय लगा. हाल में सोशल मीडिया पर इनकी शादी भी खूब चर्चा में रही. तो चलिए जानते हैं इस युवा ने इतनी बड़ी उपलब्धि इतने कम समय में कैसे हासिल की?

ऐसे लिखी कामयाबी की दासतां
34 वर्षीय अंकुर ह्यूमन ऐप के जरिए पहली बार चर्चा में आए. ये एक ऐसा ऐप है, जिसने कॉन्ट्रैक्ट सर्च कैपेबिलिटी के जरिए फोन कांट्रैक्ट मैनेजमेंट में क्रांति ला दी है. ह्यूमन को साल 2016 में डेटिंग एप टिंडर ने खरीद लिया था. इस अधिग्रहण के बाद वह टिंडर के वाइस प्रेसिडेंट बने. इसके बाद 2019 में उन्होंने बट लॉन्च किया. अपने स्टार्टअप बिल्ट (Bilt) के दम पर आज वह अरबपति बन गए हैं. बिल्ट में अंकुर जैन की 36 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू करीब 120 करोड़ है. 

क्या है बिल्ट?
बिल्ट रेंटल पेमेंट से जुड़ा स्टार्टअप है, जो देशभर में किराएदारों को खर्चों पर रिवॉर्ड कमाने का मौका देता है. बिल्ट ने एक नया रेंटल पेमेंट सिस्टम है, जिसने पहली बार रिवॉर्ड का कॉन्सेप्ट पेश किया. किराएदार अगर बिल्ट के क्रेडिट कार्ड के जरिए अपना किराया चुकाते हैं तो यह उनके क्रेडिट स्कोर पर भी पॉजिटिव असर डालता है, बिल्ट का एक खास फीचर यह है, कि इसमें ट्रांजैक्शन फीस नहीं देनी होती, जो किराएदारों पर एक बोझ होता है. 

40 लाख से अधिक किराएदार बिल्ट से जुड़े
पिछले 5 वर्षों में बिल्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है, इसने काफी सारे मकान मालिकों के साथ साझेदारी की है. जिसके चलते बिल्ट पर अब देशभर में 40 लाख से अधिक किराएदार हैं हालांकि किराएदारों के बीच इसका क्रेज सिर्फ रेंट पेमेंट रिवार्ड्स के चलते ही नहीं है, बल्कि इसने कई एयरलाइंस होटल चेंज जिम और रेस्टोरेंट के साथ भी साझेदारी की हुई है. हाल ही में बिल्ट ने 310 करोड़ के वैल्यूएशन पर 20 करोड डॉलर जुटाए थे और अब तक यह 41.3 करोड डॉलर जुटा चुकी है.

हाल में इनकी शादी भी बनी थी चर्चा का विषय
हाल में अंकुर जैन ने WWE रेस्लर एरिका (Erika Hammond) के साथ मिस्र के पिरामिड (Egyptian pyramid) के बेस पर शादी की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन्होंने अपनी शादी की डेकोरेशन के लिए फूलों पर ही 20 हजार डॉलर खर्च किए थे. 


 


कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी ने वापस मंगवाई अपनी वैक्सीन, फैसले के पीछे ये वजह

कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर पिछले इसे बनाने वाली कंपनी पर कई गंभीर आरोप लगे थे. लोगों में साइड इफेक्ट के आरोपों के बीच कंपनी ने मार्केट से सभी वैक्सीन वापस मंगाने का फैसला लिया है.

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Wednesday, 08 May, 2024
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एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन को लेकर उठ रही सुरक्षा चिंताओं के बीच कंपनी ने दुनिया भर से अपने टीकों को वापस लेने का फैसला कर लिया है. इसमें भारत में बनाई गई कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन भी है. कुछ दिनों पहले ही इस फार्मास्यूटिकल कंपनी ने एक कोर्ट में वैक्सीन के खतरनाक साइड इफेक्ट्स की बात स्वीकार की थी. बता दें कि एस्ट्राजेनिका वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, कंपनी ने वैक्सीन को बाजार से हटाने के पीछे की कुछ और वजह बताई है.

वैक्सीन से हो रहे थे गंभीर साइड इफेक्ट्स

एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई कोरोना वैक्सीन भारत में कोविशील्ड के नाम से लगाई गई थी. अब कंपनी ने खुद से बनाई कोविड-19 वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर वापस ले लिया है. इससे पहले कंपनी ने अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया था कि उसके द्वारा बनाई कोरोना वैक्सीन लगने से खून के थक्के जमना जैसे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. हालांकि, फार्मा दिग्गज ने कहा कि वैक्सीन को व्यावसायिक कारणों से बाजारों से हटाया जा रहा है. 

Ramdev की पतंजलि को घेरते-घेरते आखिर खुद कैसे फंस गए IMA के चीफ?

कंपनी ने क्या दी जानकारी?

एस्ट्राजेनेका ने मंगलवार को यह कहा था कि बाजार में जरूरत से ज्यादा मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है इसलिए कंपनी ने बाजार से सभी टीके वापस लेने का फैसला किया है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले कंपनी ने इस बात को भी स्वीकार किया था कि वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं. जैसे वैक्सीन की वजह से खून का जम जाना और ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाना. बता दें कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में अब तक 220 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी है.

कैसे सामने आया था मामला

ये पूरा मामला तब सामने आया था, जब एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की हाईकोर्ट में माना था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं या फिर शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं. बॉडी में ब्लड क्लॉट की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की भी आशंका बढ़ जाती है. एस्ट्राज़ेनेका के ये स्वीकार करने के बाद कि उनकी वैक्सीन की वजह से कई लोगों की जान गई और कई बीमार हुए, यूके में उनको 100 मिलियन पाउंड के मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है.

भारत में कोवीशिल्ड के नाम से हुआ वैक्सीन का इस्तेमाल

वैक्सीन को बाजार से वापसी के लिए आवेदन 5 मार्च को किया गया था जो 7 मई तक प्रभावी हुआ. एस्ट्राजेनेका ने साल 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाई थी. भारत में इस AstraZeneca की इस वैक्सीन का प्रोडक्शन अदार पूनावाला की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया था.  कंपनी ने इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से बाजार में लॉन्च किया था. भारत में ये वैक्सीन करोड़ों लोगों को लगाई गई थी.
 


अपने करोड़पति भतीजे से क्यों नाराज हुईं मायावती, क्या गलती कर बैठे Akash Anand?

मायावती ने आकाश को पिछले साल ही अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था और अब उन्होंने अपना फैसला पलट दिया है.

Last Modified:
Wednesday, 08 May, 2024
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बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) कल तक अपने जिस भतीजे की तारीफ कर रही थीं, आज उन्होंने उसी के खिलाफ बड़ा एक्शन ले डाला है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेशनल कोओर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी पद से हटा दिया है. उन्होंने पिछले साल ही आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. लोकसभा चुनाव के बीच लिए गए मायावती के इस फैसले के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. 

बसपा सुप्रीमो ने कही ये बात
मायावती का कहना है पूर्ण परिपक्वता आने तक आकाश आनंद को दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग रखा जाएगा. अब सवाल यह उठता है कि आखिर आकाश ने ऐसा क्या कर दिया कि बसपा सुप्रीमो को इतना बड़ा फैसला लेना पड़ गया? आकाश की लॉन्चिंग के समय मायावती काफी उत्साहित थीं. आकाश की सभाओं में उमड़ रही भीड़ उन्हें बसपा के अच्छे दिनों की याद दिलाने लगी थी. यह माना जाने लगा था कि मायावती ने युवा आकाश को आगे करके अच्छा किया है, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि भतीजे को लेकर माया का मूड बिगड़ गया.    

इस वजह से नाराज हुईं माया
दरअसल, आकाश आनंद के कुछ बयानों ने मायावती को काफी असहज कर दिया था. यह आशंका भी जताई जा रही थी कि उनके बयानों का खामियाजा बसपा को भी भुगतना पड़ सकता है. आकाश ने कुछ दिनों पहले सीतापुर में BJP सरकार को आतंक की सरकार करार दिया था. इसके लिए उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो गई थी. इतना ही नहीं, कुछ मौकों पर बयान देते वक्त वह इतने जोश में आ गए कि उनके मुंह से गाली जैसे शब्द निकल गए. उनके 'जूते मारने का मन करता है' जैसे बयानों की खूब आलोचना हुई थी. माना जा रहा है कि आकाश के इन बयानों ने मायावती को नाराज कर दिया और उन्हें समझ आ गया कि भतीजे में अभी राजनीति के लिए परिपक्वता नहीं आई है. 

इतने अमीर हैं आकाश आनंद
आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. 28 साल आनंद की शुरुआती शिक्षा नोएडा में हुई. इसके बाद वह एमबीए करने के लिए लंदन चले गए. पिछले साल मार्च में उनकी शादी बसपा के वरिष्ठ नेता अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा से हुई थी. आकाश पहली बार 2017 में सार्वजनिक मंच पर नजर आए थे. उन्हें मायावती के साथ सहारनपुर में आयोजित एक सभा में देखा गया था. आकाश आनंद की नेटवर्थ को लेकर वैसे तो कोई पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन एक रिपोर्ट बताती है कि उनके पास 66 करोड़ रुपए की संपत्ति है. बता दें कि एक समय था जब मायवती उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अहम किरदार थीं. 2012 के चुनावी हलफनामे में मायावती ने बताया था कि उनके पास 111.64 करोड़ रुपए की संपत्ति है.


कम वोटिंग के सदमे से नेता तो उबर गए, क्या आज गिरावट से बाहर निकलेगा बाजार? 

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में हुई ज्यादा वोटिंग से नेता खुश हैं. इस चरण में करीब 65% मतदान हुआ है.

Last Modified:
Wednesday, 08 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) के लिए इस हफ्ते की शुरुआत अच्छी नहीं रही. सोमवार को जहां बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. वहीं, कल यानी मंगलवार को बाजार पूरी तरह बिखर गया. रिलायंस इंडस्ट्रीज, HDFC और ICICI बैंक में बिकवाली के चलते बाजार में गिरावट देखने को मिली. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 383.69 अंकों की नरमी के साथ 73511.85 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 636.28 अंक तक लुढ़क गया था, लेकिन बाद में कुछ रिकवरी करने में सफल रहा. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 140.20 अंक गिरकर 22,302.50 पर पहुंच गया. 

MACD ने दिए ये संकेत
अब जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं. सबसे पहले बात करते हैं MACD के संकेतों की. मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज KPI Green Energy, Oil India, Siemens, Novartis India और Khadim India पर तेजी का रुख दर्शाया है. दूसरे शब्दों में कहें तो आज इन शेयरों की कीमतों में उछाल आ सकता है और आपके लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.  वहीं, MACD ने MCX, Cochin Shipyard, Sundaram Finance और Venus Pipes & Tube में मंदी के संकेत दिए हैं.

इनमें मजबूत खरीदारी
कुछ शेयर ऐसे भी हैं जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. Godrej Consumer Products के साथ-साथ ABB India, CG Power, Finolex Industries, Colgate-Palmolive, Siemens और Supreme Industries पर निवेशकों का भरोसा कायम है. इनमें से कुछ ने अपना 52 वीक का हाई लेवल भी पार कर लिया है. गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के शेयर कल के गिरावट वाले बाजार में भी करीब छह प्रतिशत की बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे. 1,320 रुपए के भाव पर मिल रहा ये शेयर इस साल अब तक 15.30% का रिटर्न दे चुका है. उधर, Zee Entertainment Enterprises, Syngene International, Dalmia Bharat और Ramco Cements उन शेयरों में शामिल हैं, जिनमें बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


नहीं रुक रहा पेटीएम में इस्‍तीफों का सिलसिला, अब इन दो लोगों ने अपने पद से दिया इस्‍तीफा

अभी दो दिन पहले ही कंपनी के सीओओ भावेश गुप्‍ता ने कंपनी से इस्‍तीफा दे दिया था. हालांकि भावेश का इस्‍तीफा 31 मई 2024 से प्रभावी होगा.  

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
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रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद डिरेल हुई पेटीएम की गाड़ी पटरी पर लौटने का नाम नहीं ले रही है. कंपनी के सीओओ और प्रेसीडेंट भावेश गुप्‍ता के इस्‍तीफे के बाद अब कंपनी के CBO विक्रम सिंह और विक्रम कौल अपने पद छोड़ने जा रहे हैं. विक्रम सिंह कंपनी में जहां यूपीआई और यूजर ग्रोथ के चीफ बिजनेस ऑफिसर का काम देख रहे थे वहीं ऑनलाइन पेमेंट का काम CBO विपिन कॉल देख रहे थे. ये दोनों कंपनी के साथ लंबे समय से काम कर रहे हैं. पेटीएम पर आरबीआई की कार्रवाई के बाद लगातार इस्‍तीफों का दौर जारी है. 

इन जिम्‍मेदारियों को देख रहे थे अजय कॉल 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम के चीफ बिजनेस ऑफिसर अजय कौल इस्‍तीफा देने से पहले यूपीआई और यूजर ग्रोथ का काम देख रहे थे. ये पेटीएम में उनका दूसरा कार्यकाल था. अजय कौल डिजिटल व्‍यापार और खुदरा कारोबार का नेतृत्‍व करने वाली कोर टीम के सदस्‍यों में से एक है. अजय कौल इससे पहले इंडसइंड बैंक,  IDFC First Bank, ICICI Bank, में सीनियर पोजीशन पर काम कर चुके हैं. अजय कौल इससे पहले Xiomi में 2021 में काम कर चुके हैं. अजय को जनवरी 2024 में UPI और यूजर ग्रोथ को संभालने की जिम्‍मेदारी दी गई थी. हालांकि पेटीएम की ओर से इन इस्‍तीफों को लेकर रिस्‍ट्रक्‍चरिंग की बात कही जा रही है. 

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कंपनी में बड़े पैमाने पर हुई थी रिस्‍ट्रक्‍चरिंग
कुछ समय पहले ही पेटीएम में बड़े पैमाने पर रिस्‍ट्रक्‍चरिंग की गई थी. इस रिस्‍ट्रक्‍चरिंग में राकेश सिंह को पेटीएम मनी का सीईओ बनाया गया था जबकि वरुण श्रीधर को पेटीएम सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का सीईओ बनाया गया था. पेटीएम मनी और पीएसपीएल दोनों ही कंपनियां पेटीएम की सब्सिडियरी कंपनियां हैं. राकेश सिंह इससे पहले फिक्‍स्‍ड में स्‍टॉक ब्रोकिंग बिजनेस के सीईओ रह चुके हैं. राकेश सिंह इस इंडस्‍ट्री में 20 सालों से काम कर रहे हैं. राकेश सिंह आईसीआईसीआई और स्‍टैंडर्ड चार्टड बैंक में भी काम कर चुके हैं. 

भावेश गुप्‍ता ने इस्‍तीफे ने दिया था झटका 
दो दिन पहले पेटीएम के सीओओ भावेश गुप्‍ता ने भी इस्‍तीफा दे दिया था. हालांकि उनका इस्‍तीफा 31 मई 2024 से प्रभावी होने जा रहा है. भावेश गुप्‍ता ने इस्‍तीफे के पीछे व्‍यक्तिगत कारणों को जिम्‍मेदार बताया था. इससे पहले जब से आरबीआई ने पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई की है तब से कंपनी के लिए संभल पाना बड़ी चुनौती बनी हुई है. एक ओर जहां कंपनी अपने कारोबार को फिर से स्थिर करने पर काम कर रही है वहीं दूसरी ओर लगातार हो रहे ये इस्‍तीफे उसके लिए परेशानी बने हुए हैं.