होम / बिजनेस / अनिल अग्रवाल की Vedanta ने सुनाई ऐसी खबर, निवेशक झूमे; शेयरों ने मारी छलांग
अनिल अग्रवाल की Vedanta ने सुनाई ऐसी खबर, निवेशक झूमे; शेयरों ने मारी छलांग
अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता ने एक बार फिर से अपने निवेशकों को डिविडेंड देने का ऐलान किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की माइनिंग और मेटल सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता (Vedanta) ने एक ऐसी खबर सुनाई है कि निवेशकों के चहरे खिल गए हैं और कंपनी के शेयरों में भी उछाल देखने को मिला है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वेदांता इस वित्त वर्ष में दूसरी बार अंतरिम डिविडेंड बांटने का ऐलान किया है. इस घोषणा का असर आज कंपनी के शेयरों पर भी देखने को मिला. Vedanta के शेयर 1.48% की बढ़त के साथ 261 रुपए पर बंद हुए.
शानदार रहा है डिविडेंड रिकॉर्ड
वेदांता इस बार 1 रुपए की फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर 11 रुपए का डिविडेंड बांटेगी. कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है. वित्त वर्ष 2023-24 में यह दूसरा मौका है जब वेदांता अपने निवेशकों को डिविडेंड देगी. कंपनी ने 4089 करोड़ रुपए के अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया है. 1 रुपए की फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर निवेशकों को 11 रुपए का डिविडेंड मिलेगा. इसके लिए 27 दिसंबर की रिकॉर्ड डेट निर्धारित की गई है. बता दें कि डिविडेंड के मामले में वेदांता का रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा है. जुलाई 2001 से लेकर अब तक कंपनी ने 41 डिविडेंड ऐलान किया है. पिछले एक साल में ही यह 51.50 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड दे चुकी है.
ये भी पढ़ें - 'स्टील मैन' Jindal की कारोबारी सेहत पर कितना असर डालेगा ये गंभीर आरोप? शेयर लुढ़के
इधर, S&P ने घटाई रेटिंग
वहीं, कंपनी की आर्थिक सेहत की बात करें, तो उसे लेकर खास सकारात्मक खबरें सुनने में नहीं आ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने वेदांता की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज की लॉन्ग टर्म इश्यूअर क्रेडिट रेटिंग और लॉन्ग टर्म इश्यू रेटिंग्स को डाउनग्रेड कर दिया है. ऐसा अगले साल जनवरी और अगस्त 2024 में ड्यू बॉन्ड्स के बेसिस पर किया गया है. S&P का कहना है कि वेदांता की पैरेंट कंपनी की रेटिंग निगेटिव आउटलुक के साथ क्रेडिटवॉच में बनी हुई है. रेटिंग एजेंसी का ये भी कहना है कि इन बॉन्डों पर डिफॉल्ट की आशंका काफी अधिक है, क्योंकि कंपनी के भारी-भरकम कर्ज मेच्योर हो रहे हैं. कहने का मतलब है कि उन्हें चुकाने का समय नजदीक आ गया है.
क्या होता है डिविडेंड?
डिविडेंड की बात निकली है, तो चलिए इसे विस्तार से समझ लेते हैं. जब कोई कंपनी साल भर में कमाए गए अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयरहोल्डर्स में बांटती है तो उसे डिविडेंड कहते हैं. हालांकि कई बार ऐसे भी होता है कि कंपनियां मुनाफे की बजाय सरप्लस कैश से भी शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड बांटती हैं. कंपनियों के लिए डिविडेंड देना जरूरी नहीं होता है, क्योंकि इससे कंपनियों को कुछ हासिल नहीं होता, सिवाय शेयरहोल्डर्स की खुशी और भरोसे के. इसलिए कंपनी चाहे तो वो अपने मुनाफे में से एक भी पैसा शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड के रूप में न दे. अक्सर देखा गया है कि छोटी-छोटी कंपनियां या जिन्होंने अभी-अभी अपना काम शुरू किया है, वो कंपनियां डिविडेंड नहीं देतीं. क्योंकि वो अपने मुनाफे को शेयरहोल्डर्स को देने की बजाए वापस बिजनेस के विस्तार और ग्रोथ में लगा देती हैं. जो कंपनियां डिविडेंड देती हैं वो आमतौर पर पूरी तरह से स्थापित और बड़ी कंपनियां होती हैं, लेकिन हर बड़ी कंपनी डिविडेंड दे ये भी जरूरी नहीं.
टैग्स