होम / बिजनेस / बस 10 दिन... और दिवालिया हो सकता है America, पूरी दुनिया पर दिखेगा असर
बस 10 दिन... और दिवालिया हो सकता है America, पूरी दुनिया पर दिखेगा असर
अमेरिका को जल्द ही संसद से नए लोन की मंजूरी नहीं मिली, तो हालात और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं. वो दिवालिया भी हो सकता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहा जाने वाला अमेरिका (America) मुश्किल दौर से गुजर रहा है. राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के पास केवल 10 दिन का समय बचा है. यदि वह नए कर्ज के लिए रिपब्लिकन पार्टी को मनाने में कामयाब नहीं हुए, तो अमेरिका डिफॉल्टर यानी ‘दिवालिया’ हो सकता है. अगर ऐसा हुआ, तो इसका असर केवल अमेरिका तक ही सीमित नहीं रहेगा. इससे पूरी दुनिया का प्रभावित होना लाजमी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइडेन संसद से नए कर्ज की मंजूरी हासिल करने की कोशिशों में जुटे हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है.
डेट् सीलिंग का अप्रूवल जरूरी
जो बाइडेन ने हाउस स्पीकर कैविन मैक्कार्थी से डेट् सीलिंग को लेकर सोमवार रात लंबी बातचीत की, मगर कोई सहमति नहीं बन पाई. बाइडेन के लिए समय तेजी से गुजरता जा रहा है. अब उनके पास केवल 10 दिन का समय बचा है. इस समयावधि में उन्हें किसी भी सूरत में रिपब्लिकन पार्टी को मनाकर डेट् सीलिंग का अप्रूवल लेना होगा. डेट् सीलिंग का मतलब नए कर्ज के लिए बिल पास कराने से है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो सरकार किसी तरह के नए जरूरी भुगतान नहीं कर पाएगी. तकनीकी तौर पर इसे दिवालिया होना या डिफॉल्टर कहा जा सकता है.
आखिर ऐसा कैसे हो गया
अमेरिका के इस हाल को देखकर यह सवाल लाजमी है कि आखिर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश ऐसी स्थिति में कैसे पहुंच गया? दरअसल, यह सीधे तौर पर कमाई और खर्चों से जुड़ा है. अमेरिका के खर्चे उसकी कमाई से ज्यादा हैं. जरूरी खर्चों को पूरा करने के लिए अमेरिका कर्ज का बोझ बढ़ाता जा रहा है. एक रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका की कुल आमदनी 334 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है और खर्चे 564 लाख करोड़ रुपए हैं. इस तरह उसका कुल घाटा 229 लाख करोड़ से ज्यादा का है. अमेरिकी सरकार मेडिकेयर, कॉमर्स और हाउसिंग क्रेडिट, शिक्षा, कृषि और एनर्जी आदि पर काफी खर्चा करती है. सबसे ज्यादा खर्चा इनकम सिक्योरिटी, सैलरी और पेंशन पर किया जाता है.
गोल्डमैन सैश की चेतावनी
वहीं, इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश का कहना है कि यदि अमेरिका अपने कर्ज संकट को खत्म नहीं करता, तो आने वाले तीन हफ्तों में कैश खत्म हो जाएगा. 8 या 9 जून तक ट्रेजरी डिपार्टमेंट के पास कैश गिरकर 30 बिलियन डॉलर रह जाएगा, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए ये बहुत कम है. गोल्डमैन सैश के अर्थशास्त्री एलेक फिलिप्स और टिम क्रुपा ने चेतावनी देते हुए कहा है कि मौजूदा हालात अमेरिका के लिए चिंता का विषय हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के डिफॉल्ट होने का सीधा मतलब है कि मंदी आ जाएगी और इसका असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर देखने को मिलेगा.
टैग्स