#UPGISwithBW: 'पाकिस्तान से बेहतर अर्थव्यवस्था' वाले UP के लिए आज बड़ा दिन 

उत्तर प्रदेश के लिए आज बड़ा दिन है. आज से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट शुरू हो रही है, जिसका उद्घाटन PM मोदी करेंगे.

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Friday, 10 February, 2023
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारम्भ आज यानी शुक्रवार को PM मोदी करेंगे. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समिट को लेकर बेहद उत्साहित हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि प्रदेश के लिए ये समिट ऐतिहासिक रहेगी. कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि वह प्रदेश की जीडीपी के स्तर का निवेश इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए हासिल करने का प्रयास करेंगे. बता दें कि यूपी सरकार ने अगले पांच सालों यानी वर्ष 2027 तक के लिए वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य निर्धारित किया है. 

किए जा रहे कई उपाय
योगी आदित्यनाथ सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की दिशा में प्रभावी उपाय अमल में ला रही है. यूपी की पुरानी छवि बदलने का प्रयास तेजी से हो रहा है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले एक इंटरव्यू में CM योगी ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ा दावा किया था. उन्होंने कहा था कि यूपी की इकॉनमी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से बेहतर है और इसे अधिक बेहतर बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं.   

बुलेट की रफ्तार से विकास
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इंटरव्यू में कहा था - यूपी की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से बेहतर है. हम इसको शीघ्र और बेहतर कर देंगे. यूपी में बुलेट ट्रेन की रफ्तार से विकास हो रहा है. प्रदेश के समग्र विकास पर जोर दिया जा रहा है. डबल इंजन की सरकार में यूपी आगे बढ़ रहा है. उन्होंने आगे कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में बदलाव हो रहा है. जातिवाद, परिवारवाद और क्षेत्रवाद को सरकार में कोई जगह नहीं दी गई है. यूपी सरकार विकास पर केंद्रित है और इसके लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं. 

हुए कई बड़े बदलाव
बता दें कि पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है. तेल, आटा, चावल से लेकर आम जरूरत की चीजें आम आदमी की पहुंच से बाहर निकल रही हैं. CM योगी के दावे के मद्देनजर यूपी की स्थिति को देखा जाए तो यहां पिछले कुछ समय में कई बड़े बदलाव हुए हैं. सबसे पहले कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है, जो निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बेहद जरूरी है. योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर मॉडल चर्चा का विषय रहा है. 
उत्तर प्रदेश ने नीतियों में बदलाव कर खुद को बड़े निवेश हब के रूप में पेश किया है. ऐसे माहौल में 10 से 12 फरवरी के बीच हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से यूपी सरकार को काफी उम्मीदें हैं.  


निवेशकों के लिए काम की खबर, इस छुट्टी वाले दिन भी खुला रहेगा शेयर बाजार

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की तरफ से बताया गया है कि अगले हफ्ते शनिवार को भी शेयर बाजार में ट्रेडिंग होगी.

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Wednesday, 08 May, 2024
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आमतौर पर शेयर बाजार (Stock Market) में शनिवार और रविवार को साप्ताहिक अवकाश रहता है, लेकिन अगले हफ्ते आप शनिवार को भी ट्रेडिंग कर पाएंगे. वहीं, आज यानी 8 मई को बाजार के हाल की बात करें, तो मार्केट में नरमी बरकरार है. BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी दोनों दबाव में कारोबार कर रहे हैं. अच्छी बात यह है कि PSU बैंकों में छाई मंदी अब छंटने लगी है. आज अधिकांश सरकारी बैंकों के स्टॉक में तेजी दिखाई दे रही है. बीते 2 सत्रों में PNB का शेयर सबसे ज्यादा गिरा था पर अब उसमें उछाल आया है.  

DR पर किया जाएगा स्विच ओवर
अगले हफ्ते के शनिवार यानी 18 मई को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के लिए खुला रहेगा. दरअसल, इस दिन डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग होनी है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की तरफ से यह टेस्टिंग इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स में की जाएगी. इसके लिए डिजास्टर रिकवरी (DR) साइट पर स्विच-ओवर किया जाएगा. किसी आपात स्थिति के दौरान परिचालन बहाल करने के लिए डिजास्टर रिकवरी साइट का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक तरह से तैयारी है कि अगर भविष्य में कोई आपात स्थिति आती है, तो डिजास्टर रिकवरी साइट स्विच किया जा सके.

2 सेशन किए जाएंगे आयोजित
NSE की तरफ से बताया गया है कि 18 मई शनिवार को डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग की जाएगी. यह किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए किया जा रहा है. इस दौरान प्राइमरी साइट से डिजास्टर साइट पर स्विच ओवर किया जाएगा. शनिवार को डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग के दौरान दो सत्र आयोजित होंगे. पहला सत्र प्राथमिक साइट से सुबह 9:15 बजे से 10 बजे तक चलेगा. जबकि दूसरा सत्र डिजास्टर रिकवरी साइट से सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक होगा. 

2 मार्च को भी हुआ था ऐसा 
NSE और BSE ने दो मार्च को भी इसी तरह के कारोबारी सत्र आयोजित किए थे. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए BSE और NSE ने आपदा रिकवरी साइट पर शिफ्टिंग के लिए ऐसा किया था. कामकाज को प्रभावित कर सकने वाली किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए एक्सचेंज को तैयार रखने के उद्देश्य से ऐसे स्पेशल सेशन आयोजित किए जाते हैं. अब सवाल ये उठता है कि क्या पूर्व में कभी ऐसी स्थिति बनी है जब अप्रत्याशित कारणों से बाजार बाधित रहा हो? तो इसका जवाब है हां. केवल भारत ही नहीं दुनिया भर के शेयर बाजारों को कभी न कभी किसी न किसी वजह से ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है.

कब-कब थमा था बाजार?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 24 फरवरी, 2021 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में तकनीकी खराबी के कारण चार घंटे के लिए कारोबार रोकना पड़ा था. NSE ने सुबह 11.40 बजे कारोबार बंद कर दिया और यह दोपहर 3.45 बजे फिर से शुरू हो पाया था. इसके मद्देनजर कारोबारी सत्र को बाद में डेढ़ घंटे के लिए बढ़ा दिया गया था. इसी तरह, 24 सितंबर, 2019 को एनएसई के सिस्टम को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ कनेक्टिविटी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ाथा. इस वजह से सत्र के अंतिम 15 मिनट में ट्रेडिंग बाधित रही थी. 11 जुलाई, 2017 को भी एनएसई पर ट्रेडिंग तीन घंटे के लिए रुकी रही थी. 3 जुलाई 2014 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने नेटवर्क आउटेज के चलते 3 घंटे के लिए कारोबार रोक दिया था.

ये बाजार भी हुए प्रभावित
दुनिया के अन्य बाजारों की बात करें, तो अक्टूबर, 2020 में ट्रेडिंग सिस्टम में हार्डवेयर संबंधी गड़बड़ी के कारण टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज को पूरे दिन के लिए कारोबार रोकना पड़ा था. इसी तरह, 16 अगस्त, 2019 को लंदन स्टॉक एक्सचेंज को सॉफ्टवेयर समस्या के चलते लगभग दो घंटे के लिए ट्रेडिंग बंद करनी पड़ी थी. 25 अप्रैल, 2018 को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने तकनीकी खराबी की वजह से पांच शेयरों में कारोबार निलंबित कर दिया था. इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ही एक्सचेंज स्पेशल सेशन आयोजित कर रहा है.

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जिस कंपनी में विराट कोहली ने किया है निवेश, आने जा रहा है उसका आईपीओ…

कंपनी इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में काम करती है और इसमें सिर्फ विरोट कोहली नहीं बल्कि उनकी पत्‍नी अनुष्‍का ने भी बड़ा निवेश किया है. 

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Wednesday, 08 May, 2024
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इंश्‍योरेंस सेक्‍टर की कंपनी गो डिजिट (Go Digit) का आईपीओ अगले हफ्ते आ सकता है. इस कंपनी में क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्‍नी अनुष्‍का ने निवेश किया है.  इस आईपीओ को मार्च में सेबी की अनुमति मिली थी. कंपनी अपने इस आईपीओ को 15 मई को जारी कर सकती है. इसकी घोषणा इस शुक्रवार को होने की संभावना है. कंपनी अपने आईपीओ के जरिए 1550 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है. 

इस तारीख को खुल सकता है आईपीओ 
इंश्‍योरेंस सेक्‍टर की ये कंपनी को फेयरफैक्‍स समूह का समर्थन हासिल है. कंपनी अपने इस आईपीओ के जरिए 1500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है जिसमें 1250 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल के जरिए जुटा रही है जबकि 10.94 करोड़ रुपये इक्विटी शेयर के जरिए और 250 करोड़ रुपये अपने प्रमोटर के जरिए जुटाने की तैयारी कर रही है. कंपनी यहां से जुटाए गए पैसे को कंपनी के विस्‍तार में लगाने की योजना बना रही है. कंपनी ने आईपीओ में शेयरों का 75 प्रतिशत क्‍वॉलीफाइड इंस्‍टीट्यूशल बिडर के लिए लगाने की तैयारी कर रही है वही कुछ शेयर कंपनी के कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कर रही है. जबकि 15 प्रतिशत शेयर नॉन इंस्‍टीट्यूशनल इनवेस्‍टर के लिए सुरक्षित किया है. 

ये भी पढ़ें: कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी ने वापस मंगवाई अपनी वैक्सीन, फैसले के पीछे ये वजह

विराट और अनुष्‍का ने किया है इतने करोड़ का निवेश 
गो डिजिट में क्रिकेटर विराट कोहली और अनुष्‍का ने बड़ा निवेश किया है. विराट कोहली ने जहां कंपनी में 2020 में 2 करोड़ रुपये का निवेश किया था, वहीं अनुष्‍का ने कंपनी में 50 लाख रुपये का निवेश किया है. विराट कोहली ने कंपनी का एक शेयर 75 रुपये के हिसाब से खरीदा और उनके पास आज इस कंपनी के 266667 शेयर हैं वहीं अनुष्‍का के पास 66667 शेयर हैं. गो डिजिट के आईपीओ के लिए आईसीआईसीआई सिक्‍योरिटीज(ICICI Securities), मार्गन स्‍टेनली इंडिया कंपनी(Morgan Stanley india Company), एक्सिस कैपिटल(Axis Capital), एचडीएफसी बैंक(HDFC Bank), एडेलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज(Edlewise Fianancial Services) और आईआईएफएल सिक्‍योरिटी(IIFL Security) रनिंग लीड मैनेजर हैं. 

कंपनी के आईपीओ को मार्च में मिली थी अनुमति 
गो डिजिट के आईपीओ के दस्‍तावेजों की जांच करने के बाद सेबी ने इसे मंजूरी दे दी थी. इससे पहले फरवरी 2023 में किए गए आवेदन को  सेबी की ओर से खारिज कर दिया गया था. गो‍ डिजिट इंश्‍योरेंस मोटर, हेल्‍थ, ट्रैवल, प्रॉपर्टी, मरीन, लायबिलिटी इंश्‍योरेंस प्रोडक्‍ट ऑफर करती है. कंपनी ने पहले नौ महिने में 107 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. जबकि जनवरी 2024 में ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रीमियम इनकम 6645 करोड़ रुपये रहा है. ये साल दर साल के आधार पर 32 प्रतिशत ज्‍यादा है. 
 


10 साल से भी कम समय में 120 करोड़ की संपत्ति के मालिक, कैसे ये युवा बना अरबपति?

अंकुर जैन की बिल्ट में 36 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी अनुमानित कुल संपत्ति 1.2 बिलियन डॉलर है. 

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Wednesday, 08 May, 2024
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अंकुर जैन एक ऐसे युवा हैं, जो 10 साल से भी कम समय में अरबपति बन गए. Forbs (फोर्ब्स) 30 अंडर 30 यानी 30 साल से कम उम्र के 30 सबसे अमीर शख्स की सूची में शामिल अंकुर जैन को बिलेनियर यानी अरबपति बनने में दस साल से भी कम का समय लगा. हाल में सोशल मीडिया पर इनकी शादी भी खूब चर्चा में रही. तो चलिए जानते हैं इस युवा ने इतनी बड़ी उपलब्धि इतने कम समय में कैसे हासिल की?

ऐसे लिखी कामयाबी की दासतां
34 वर्षीय अंकुर ह्यूमन ऐप के जरिए पहली बार चर्चा में आए. ये एक ऐसा ऐप है, जिसने कॉन्ट्रैक्ट सर्च कैपेबिलिटी के जरिए फोन कांट्रैक्ट मैनेजमेंट में क्रांति ला दी है. ह्यूमन को साल 2016 में डेटिंग एप टिंडर ने खरीद लिया था. इस अधिग्रहण के बाद वह टिंडर के वाइस प्रेसिडेंट बने. इसके बाद 2019 में उन्होंने बट लॉन्च किया. अपने स्टार्टअप बिल्ट (Bilt) के दम पर आज वह अरबपति बन गए हैं. बिल्ट में अंकुर जैन की 36 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू करीब 120 करोड़ है. 

क्या है बिल्ट?
बिल्ट रेंटल पेमेंट से जुड़ा स्टार्टअप है, जो देशभर में किराएदारों को खर्चों पर रिवॉर्ड कमाने का मौका देता है. बिल्ट ने एक नया रेंटल पेमेंट सिस्टम है, जिसने पहली बार रिवॉर्ड का कॉन्सेप्ट पेश किया. किराएदार अगर बिल्ट के क्रेडिट कार्ड के जरिए अपना किराया चुकाते हैं तो यह उनके क्रेडिट स्कोर पर भी पॉजिटिव असर डालता है, बिल्ट का एक खास फीचर यह है, कि इसमें ट्रांजैक्शन फीस नहीं देनी होती, जो किराएदारों पर एक बोझ होता है. 

40 लाख से अधिक किराएदार बिल्ट से जुड़े
पिछले 5 वर्षों में बिल्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है, इसने काफी सारे मकान मालिकों के साथ साझेदारी की है. जिसके चलते बिल्ट पर अब देशभर में 40 लाख से अधिक किराएदार हैं हालांकि किराएदारों के बीच इसका क्रेज सिर्फ रेंट पेमेंट रिवार्ड्स के चलते ही नहीं है, बल्कि इसने कई एयरलाइंस होटल चेंज जिम और रेस्टोरेंट के साथ भी साझेदारी की हुई है. हाल ही में बिल्ट ने 310 करोड़ के वैल्यूएशन पर 20 करोड डॉलर जुटाए थे और अब तक यह 41.3 करोड डॉलर जुटा चुकी है.

हाल में इनकी शादी भी बनी थी चर्चा का विषय
हाल में अंकुर जैन ने WWE रेस्लर एरिका (Erika Hammond) के साथ मिस्र के पिरामिड (Egyptian pyramid) के बेस पर शादी की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन्होंने अपनी शादी की डेकोरेशन के लिए फूलों पर ही 20 हजार डॉलर खर्च किए थे. 


 


कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी ने वापस मंगवाई अपनी वैक्सीन, फैसले के पीछे ये वजह

कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर पिछले इसे बनाने वाली कंपनी पर कई गंभीर आरोप लगे थे. लोगों में साइड इफेक्ट के आरोपों के बीच कंपनी ने मार्केट से सभी वैक्सीन वापस मंगाने का फैसला लिया है.

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Wednesday, 08 May, 2024
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एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन को लेकर उठ रही सुरक्षा चिंताओं के बीच कंपनी ने दुनिया भर से अपने टीकों को वापस लेने का फैसला कर लिया है. इसमें भारत में बनाई गई कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन भी है. कुछ दिनों पहले ही इस फार्मास्यूटिकल कंपनी ने एक कोर्ट में वैक्सीन के खतरनाक साइड इफेक्ट्स की बात स्वीकार की थी. बता दें कि एस्ट्राजेनिका वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, कंपनी ने वैक्सीन को बाजार से हटाने के पीछे की कुछ और वजह बताई है.

वैक्सीन से हो रहे थे गंभीर साइड इफेक्ट्स

एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई कोरोना वैक्सीन भारत में कोविशील्ड के नाम से लगाई गई थी. अब कंपनी ने खुद से बनाई कोविड-19 वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर वापस ले लिया है. इससे पहले कंपनी ने अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया था कि उसके द्वारा बनाई कोरोना वैक्सीन लगने से खून के थक्के जमना जैसे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. हालांकि, फार्मा दिग्गज ने कहा कि वैक्सीन को व्यावसायिक कारणों से बाजारों से हटाया जा रहा है. 

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कंपनी ने क्या दी जानकारी?

एस्ट्राजेनेका ने मंगलवार को यह कहा था कि बाजार में जरूरत से ज्यादा मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है इसलिए कंपनी ने बाजार से सभी टीके वापस लेने का फैसला किया है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले कंपनी ने इस बात को भी स्वीकार किया था कि वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं. जैसे वैक्सीन की वजह से खून का जम जाना और ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाना. बता दें कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में अब तक 220 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी है.

कैसे सामने आया था मामला

ये पूरा मामला तब सामने आया था, जब एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की हाईकोर्ट में माना था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं या फिर शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं. बॉडी में ब्लड क्लॉट की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की भी आशंका बढ़ जाती है. एस्ट्राज़ेनेका के ये स्वीकार करने के बाद कि उनकी वैक्सीन की वजह से कई लोगों की जान गई और कई बीमार हुए, यूके में उनको 100 मिलियन पाउंड के मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है.

भारत में कोवीशिल्ड के नाम से हुआ वैक्सीन का इस्तेमाल

वैक्सीन को बाजार से वापसी के लिए आवेदन 5 मार्च को किया गया था जो 7 मई तक प्रभावी हुआ. एस्ट्राजेनेका ने साल 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाई थी. भारत में इस AstraZeneca की इस वैक्सीन का प्रोडक्शन अदार पूनावाला की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया था.  कंपनी ने इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से बाजार में लॉन्च किया था. भारत में ये वैक्सीन करोड़ों लोगों को लगाई गई थी.
 


अपने करोड़पति भतीजे से क्यों नाराज हुईं मायावती, क्या गलती कर बैठे Akash Anand?

मायावती ने आकाश को पिछले साल ही अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था और अब उन्होंने अपना फैसला पलट दिया है.

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Wednesday, 08 May, 2024
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बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) कल तक अपने जिस भतीजे की तारीफ कर रही थीं, आज उन्होंने उसी के खिलाफ बड़ा एक्शन ले डाला है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेशनल कोओर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी पद से हटा दिया है. उन्होंने पिछले साल ही आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. लोकसभा चुनाव के बीच लिए गए मायावती के इस फैसले के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. 

बसपा सुप्रीमो ने कही ये बात
मायावती का कहना है पूर्ण परिपक्वता आने तक आकाश आनंद को दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग रखा जाएगा. अब सवाल यह उठता है कि आखिर आकाश ने ऐसा क्या कर दिया कि बसपा सुप्रीमो को इतना बड़ा फैसला लेना पड़ गया? आकाश की लॉन्चिंग के समय मायावती काफी उत्साहित थीं. आकाश की सभाओं में उमड़ रही भीड़ उन्हें बसपा के अच्छे दिनों की याद दिलाने लगी थी. यह माना जाने लगा था कि मायावती ने युवा आकाश को आगे करके अच्छा किया है, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि भतीजे को लेकर माया का मूड बिगड़ गया.    

इस वजह से नाराज हुईं माया
दरअसल, आकाश आनंद के कुछ बयानों ने मायावती को काफी असहज कर दिया था. यह आशंका भी जताई जा रही थी कि उनके बयानों का खामियाजा बसपा को भी भुगतना पड़ सकता है. आकाश ने कुछ दिनों पहले सीतापुर में BJP सरकार को आतंक की सरकार करार दिया था. इसके लिए उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो गई थी. इतना ही नहीं, कुछ मौकों पर बयान देते वक्त वह इतने जोश में आ गए कि उनके मुंह से गाली जैसे शब्द निकल गए. उनके 'जूते मारने का मन करता है' जैसे बयानों की खूब आलोचना हुई थी. माना जा रहा है कि आकाश के इन बयानों ने मायावती को नाराज कर दिया और उन्हें समझ आ गया कि भतीजे में अभी राजनीति के लिए परिपक्वता नहीं आई है. 

इतने अमीर हैं आकाश आनंद
आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. 28 साल आनंद की शुरुआती शिक्षा नोएडा में हुई. इसके बाद वह एमबीए करने के लिए लंदन चले गए. पिछले साल मार्च में उनकी शादी बसपा के वरिष्ठ नेता अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा से हुई थी. आकाश पहली बार 2017 में सार्वजनिक मंच पर नजर आए थे. उन्हें मायावती के साथ सहारनपुर में आयोजित एक सभा में देखा गया था. आकाश आनंद की नेटवर्थ को लेकर वैसे तो कोई पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन एक रिपोर्ट बताती है कि उनके पास 66 करोड़ रुपए की संपत्ति है. बता दें कि एक समय था जब मायवती उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अहम किरदार थीं. 2012 के चुनावी हलफनामे में मायावती ने बताया था कि उनके पास 111.64 करोड़ रुपए की संपत्ति है.


कम वोटिंग के सदमे से नेता तो उबर गए, क्या आज गिरावट से बाहर निकलेगा बाजार? 

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में हुई ज्यादा वोटिंग से नेता खुश हैं. इस चरण में करीब 65% मतदान हुआ है.

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Wednesday, 08 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) के लिए इस हफ्ते की शुरुआत अच्छी नहीं रही. सोमवार को जहां बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. वहीं, कल यानी मंगलवार को बाजार पूरी तरह बिखर गया. रिलायंस इंडस्ट्रीज, HDFC और ICICI बैंक में बिकवाली के चलते बाजार में गिरावट देखने को मिली. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 383.69 अंकों की नरमी के साथ 73511.85 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 636.28 अंक तक लुढ़क गया था, लेकिन बाद में कुछ रिकवरी करने में सफल रहा. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 140.20 अंक गिरकर 22,302.50 पर पहुंच गया. 

MACD ने दिए ये संकेत
अब जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं. सबसे पहले बात करते हैं MACD के संकेतों की. मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज KPI Green Energy, Oil India, Siemens, Novartis India और Khadim India पर तेजी का रुख दर्शाया है. दूसरे शब्दों में कहें तो आज इन शेयरों की कीमतों में उछाल आ सकता है और आपके लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.  वहीं, MACD ने MCX, Cochin Shipyard, Sundaram Finance और Venus Pipes & Tube में मंदी के संकेत दिए हैं.

इनमें मजबूत खरीदारी
कुछ शेयर ऐसे भी हैं जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. Godrej Consumer Products के साथ-साथ ABB India, CG Power, Finolex Industries, Colgate-Palmolive, Siemens और Supreme Industries पर निवेशकों का भरोसा कायम है. इनमें से कुछ ने अपना 52 वीक का हाई लेवल भी पार कर लिया है. गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के शेयर कल के गिरावट वाले बाजार में भी करीब छह प्रतिशत की बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे. 1,320 रुपए के भाव पर मिल रहा ये शेयर इस साल अब तक 15.30% का रिटर्न दे चुका है. उधर, Zee Entertainment Enterprises, Syngene International, Dalmia Bharat और Ramco Cements उन शेयरों में शामिल हैं, जिनमें बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


नहीं रुक रहा पेटीएम में इस्‍तीफों का सिलसिला, अब इन दो लोगों ने अपने पद से दिया इस्‍तीफा

अभी दो दिन पहले ही कंपनी के सीओओ भावेश गुप्‍ता ने कंपनी से इस्‍तीफा दे दिया था. हालांकि भावेश का इस्‍तीफा 31 मई 2024 से प्रभावी होगा.  

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Tuesday, 07 May, 2024
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रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद डिरेल हुई पेटीएम की गाड़ी पटरी पर लौटने का नाम नहीं ले रही है. कंपनी के सीओओ और प्रेसीडेंट भावेश गुप्‍ता के इस्‍तीफे के बाद अब कंपनी के CBO विक्रम सिंह और विक्रम कौल अपने पद छोड़ने जा रहे हैं. विक्रम सिंह कंपनी में जहां यूपीआई और यूजर ग्रोथ के चीफ बिजनेस ऑफिसर का काम देख रहे थे वहीं ऑनलाइन पेमेंट का काम CBO विपिन कॉल देख रहे थे. ये दोनों कंपनी के साथ लंबे समय से काम कर रहे हैं. पेटीएम पर आरबीआई की कार्रवाई के बाद लगातार इस्‍तीफों का दौर जारी है. 

इन जिम्‍मेदारियों को देख रहे थे अजय कॉल 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम के चीफ बिजनेस ऑफिसर अजय कौल इस्‍तीफा देने से पहले यूपीआई और यूजर ग्रोथ का काम देख रहे थे. ये पेटीएम में उनका दूसरा कार्यकाल था. अजय कौल डिजिटल व्‍यापार और खुदरा कारोबार का नेतृत्‍व करने वाली कोर टीम के सदस्‍यों में से एक है. अजय कौल इससे पहले इंडसइंड बैंक,  IDFC First Bank, ICICI Bank, में सीनियर पोजीशन पर काम कर चुके हैं. अजय कौल इससे पहले Xiomi में 2021 में काम कर चुके हैं. अजय को जनवरी 2024 में UPI और यूजर ग्रोथ को संभालने की जिम्‍मेदारी दी गई थी. हालांकि पेटीएम की ओर से इन इस्‍तीफों को लेकर रिस्‍ट्रक्‍चरिंग की बात कही जा रही है. 

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कंपनी में बड़े पैमाने पर हुई थी रिस्‍ट्रक्‍चरिंग
कुछ समय पहले ही पेटीएम में बड़े पैमाने पर रिस्‍ट्रक्‍चरिंग की गई थी. इस रिस्‍ट्रक्‍चरिंग में राकेश सिंह को पेटीएम मनी का सीईओ बनाया गया था जबकि वरुण श्रीधर को पेटीएम सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का सीईओ बनाया गया था. पेटीएम मनी और पीएसपीएल दोनों ही कंपनियां पेटीएम की सब्सिडियरी कंपनियां हैं. राकेश सिंह इससे पहले फिक्‍स्‍ड में स्‍टॉक ब्रोकिंग बिजनेस के सीईओ रह चुके हैं. राकेश सिंह इस इंडस्‍ट्री में 20 सालों से काम कर रहे हैं. राकेश सिंह आईसीआईसीआई और स्‍टैंडर्ड चार्टड बैंक में भी काम कर चुके हैं. 

भावेश गुप्‍ता ने इस्‍तीफे ने दिया था झटका 
दो दिन पहले पेटीएम के सीओओ भावेश गुप्‍ता ने भी इस्‍तीफा दे दिया था. हालांकि उनका इस्‍तीफा 31 मई 2024 से प्रभावी होने जा रहा है. भावेश गुप्‍ता ने इस्‍तीफे के पीछे व्‍यक्तिगत कारणों को जिम्‍मेदार बताया था. इससे पहले जब से आरबीआई ने पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई की है तब से कंपनी के लिए संभल पाना बड़ी चुनौती बनी हुई है. एक ओर जहां कंपनी अपने कारोबार को फिर से स्थिर करने पर काम कर रही है वहीं दूसरी ओर लगातार हो रहे ये इस्‍तीफे उसके लिए परेशानी बने हुए हैं. 
 


Indian Tourist की नाराजगी ने मालदीव को ये कहने पर क्‍यों कर दिया मजबूर, जानिए पूरी वजह

भारत से मालदीव जाने वाले लोगों की संख्‍या में बड़ा अंतर आया है. पिछले साल से जहां 70 हजार से ज्‍यादा लोग मालदीव गए थे वहीं इस साल इन तीन महीनों में सिर्फ 40 हजार लोग मालदीव गए. 

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Tuesday, 07 May, 2024
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मालदीव के साथ भारत के संबंधों का असर भले ही भारत पर कुछ खास न पड़ा हो लेकिन मालदीव पर इसका गहरा असर पड़ा है. हालत ये हैं  कि मालदीव का पर्यटन कारोबार बुरी तरह से चरमरा गया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि मालदीव के पर्यटन मंत्री को ये कहना पड़ा कि वो भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है. भारतीय पर्यटकों के विरोध के कारण असर ये हुआ पर्यटकों की संख्‍या 40 प्रतिशत तक गिर गई है. इतनी बड़ी संख्‍या में कमी होने के कारण वहां के पर्यटन मंत्री को अपील करने पर मजबूर कर दिया है. 

आखिर क्‍या बोले पर्यटन मंत्री?
मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहीम फैसल ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. उन्‍होंने ये भी कहा कि हम भारतीयों का गर्मजोशी से स्‍वागत करेंगे. उन्‍होंने भारतीयों से अपील की कि आप लोग मालदीव आएं. उन्‍होंने ये भी कहा कि हमारी जो अर्थव्‍यवस्‍था है उसका मुख्‍य आधार पर्यटन ही है. दरअसल पिछले साल पीएम मोदी के लक्ष्‍यद्वीप दौरे के बाद जिस तरह से वहां के तीन मंत्रियों ने उनके खिलाफ बयानबाजी की थी उसके बाद दोनों देशों के रिश्‍तों में तनाव आ गया था. हालांकि बाद में वहां की सरकार ने तीनों मंत्रियों को हटा दिया था लेकिन तब तक उनके बयान बड़ा नुकसान कर चुके थे. 

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क्‍या कह रहे हैं पर्यटकों की संख्‍या के आंकड़े? 
दरअसल मालदीव बीते एक दशक में ऐसे पर्यटक स्‍थल के रूप में उभर कर आया है जहां भारतीय सबसे ज्‍यादा जाना पसंद करते हैं. लेकिन उस विवाद के बाद से मालदीव जाने वाले पयर्टकों की संख्‍या में बड़ी कमी आई है. अगर आंकड़ों की तरह देंखें तो जनवरी से लेकर अप्रैल तक इस साल 42638 हजार लोग मालदीव जा चुके हैं. जबकि पिछले साल के इन्‍हीं महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो वो 73785 हजार लोग मालदीव गए थे. Sun.mv के आंकड़े बता रहे हैं कि इस साल मालदीव जाने वाले यात्रियों की संख्‍या में 42 प्रतिशत तक कमी आई है. 

इस साल अप्रैल में मालदीव को मिली थी बड़ी राहत 
इस साल अप्रैल में मालदीव को उस वक्‍त बड़ी राहत मिली थी जब भारत ने इस साल भी उसे जरूरी सामान की आपूर्ति निर्बाध तरीके से करने की बात कही थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मालदीव के हाईकमीशन की ओर से कहा गया था कि आने वाले दिनों में भारत 1981 से भी ज्‍यादा सामान मालदीव को देता रहेगा. सबसे बड़ी बात ये है कि मालदीव को भारत चावल, अंडे, आलू, आटा और दाल जैसे जरूरी सामान की सप्‍लाई करता है. इसमें भारत सरकार की ओर से इस बार 5 प्रतिशत का इजाफा भी किया गया है. भारत पूरी दुनिया में सबसे बड़ा चावल का एक्‍सपोर्टर है.
 


रूस में फिर Putin राज, दुनिया के सबसे अमीर राष्ट्रपति के पास है समंदर की गहराई जितनी दौलत

व्लादिमीर पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं. शपथ लेने के बाद उन्होंने दुनिया से रिश्ते सुधारने की बात कही है.

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Tuesday, 07 May, 2024
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रूस का राष्ट्रपति कौन है? लगता है इस सवाल का एक ही जवाब रहने वाला है. व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं. मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में पुतिन ने केवल 33 शब्दों में राष्ट्रपति पद की शपथ ली. इसके बाद उन्होंने कहा कि रूस दूसरे देशों से अपने रिश्ते मजबूत करेगा. पुतिन ने कहा कि हम उन देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करेंगे, जो हमें दुश्मन समझते हैं. बता दें कि रूस में 15-17 मार्च को हुए चुनाव में व्लादिमीर पुतिन को 88% वोट मिले थे. जबकि उनके विरोधी निकोले खारितोनोव के खाते में महज 4% वोट आए थे.

इन देशों ने बनाए रखी दूरी 
व्लादिमीर पुतिन के शपथ ग्रहण समारोह का अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई यूरोपीय देशों ने बहिष्कार किया है. पुतिन वर्ष 2000 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे. इसके बाद वह 2004, 2012 और 2018 में भी राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठ चुके हैं. रूस में तो अब यह माना जाने लगा है कि प्रेसिडेंट की कुर्सी केवल पुतिन के लिए ही बनी है. रूस से सरकार से जुड़ी खबरें अक्सर कम ही बाहर आती हैं. 2012 में यह खबर सामने आई थी कि पुतिन के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह पर करीब साढ़े 5 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. 

दुनिया के सबसे अमीर राजनेता
रूसी संविधान के अनुसार, कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता. यही वजह थी कि 8 मई 2008 को पुतिन ने प्रधानमंत्री रह चुके दिमित्री मेदवेदेव को रूस का राष्ट्रपति बनवाया और खुद PM की कुर्सी संभाल ली. इसके बाद नवंबर 2008 में दिमित्री ने संविधान संशोधन कर राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया. इस लिहाज से देखें, तो वह 2036 तक रूस के राष्ट्रपति रह सकते हैं. फोर्ब्स ने 2013 से लेकर 2016 तक लगातार 4 बार पुतिन को दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स घोषित किया गया था. वह आज भी दुनिया के सबसे अमीर राजनेता हैं. 

वेतन केवल इतना, दौलत अकूत
व्लादिमीर पुतिन अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल और लव लाइफ को लेकर हमेशा से चर्चा में रहे हैं. पुतिन भले ही यह दावा करते हैं कि उन्हें 1,40,000 डॉलर का सालाना वेतन मिलता है, लेकिन उनके पास बेशुमार दौलत है. जिस तरह समुंदर की गहराई का सटीक अंदाजा मुश्किल है, वैसे ही उनकी संपत्ति की सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उनके पास 200 अरब डॉलर से ज्यादा की निजी संपत्ति है. काला सागर के नजदीक उनकी एक हवेली है, जिसे ‘पुतिन का कंट्री कॉटेज’ कहा जाता है. हवेली में 500,000 डॉलर की कीमत वाला डाइनिंग रूम फर्नीचर, 54,000 डॉलर मूल्य की बार टेबल, 850 डॉलर मूल्य वाले इतालवी टॉयलेट ब्रश, 1,250 डॉलर का टॉयलेट पेपर होल्डर है. हवेली की देखरेख के लिए 40 लोगों का स्टाफ है, जिसकी सालाना सैलरी पर ही 20 लाख डॉलर खर्च होते हैं.

ये सब भी है पुतिन के पास
बताया जाता है कि हवेली के अलावा, पुतिन के पास 19 दूसरे घर हैं. वह 700 कारें, 58 प्लेन-हेलीकॉप्टर के साथ-साथ 71.6 करोड़ डॉलर की कीमत वाले एक विमान के भी मालिक हैं, जिसे ‘द फ्लाइंग क्रेमलिन’ नाम दिया गया है. पुतिन के पास एक मेगा यॉट भी है, जिसकी कीमत 70 करोड़ डॉलर है. पिछले साल राष्ट्रपति पुतिन को 22 कोच वाली एक आलीशान ट्रेन में सफर करते देखा गया था. यह ट्रेन पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है. इस ट्रेन के अंदर एक शानदार अस्पताल भी मौजूद है. Train के कोच में मौजूद बाथरूम, जिम और सैलून के निर्माण पर ही 33 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. एडवेंचर पसंद पुतिन को महंगी घड़ियों का भी काफी शौक है. उनके पास 60,000 डॉलर से लेकर 5,00,000 डॉलर की कीमत वालीं कई घड़ियां हैं. कहा जाता है कि पुतिन की इन घड़ियों की कीमत ही उनके आधिकारिक सालाना वेतन से छह गुना अधिक है.

पुतिन की तुलना में Biden बेहद गरीब
वहीं, दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश यानी अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden की संपत्ति पुतिन के मुकाबले कुछ नहीं है. फोर्ब्‍स के मुताबिक, जब जो बाइडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभाला था, तब उनकी संपत्ति तकरीबन 8 मिलियन डॉलर थी. पिछले साल तक यह बढ़कर 10 मिलियन डॉलर यानी करीब 74 करोड़ रुपए हो गई थी. बाइडेन के पास डेलावेयर में दो घर हैं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 7 मिलियन डॉलर है. सरकारी पेंशन के तौर पर बाइडेन के पास करीब 1 मिलियन डॉलर हैं. उन्होंने बतौर प्रोफेसर 540,000 मिलियन डॉलर कमाए हैं. 


Microsoft ने इस शहर में खरीदी हजारों एकड़ जमीन, ये करने जा रही है कंपनी

डेटासेंटर वो क्षेत्र है जो तेजी से ग्रो कर रहा है. इससे पहले ग्रेटर नोएडा में यूपी सरकार और YOTTO के बीच इस क्षेत्र का सबसे बड़ा सेंटर शुरू हो चुका है. 

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Tuesday, 07 May, 2024
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भारत की तेजी से बढ़ती आर्थिक गतिविधियों के बीच सभी कंपनियां देश में अपना कारोबार बढ़ाने को लेकर काम कर रही हैं. इसी कड़ी में अब दक्षिण के राज्‍य तेलंगाना के महत्‍वपूर्ण शहर हैदराबाद में जानी मानी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने कई एकड़ जमीन खरीदी है. कंपनी इस जमीन के साथ वहां डेटा सेंटर की शुरुआत करने जा रही है. माना जा रहा है कि इस इलाके में माइक्रोसाफ्ट का सबसे बड़ा सेंटर होगा. कंपनी इससे पहले भी भारत के कई राज्‍यों में अपने डेटा सेंटर चला रही है. 

कितनी है इस जमीन की कीमत 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसाफ्ट ने हैदराबाद में 48 एकड़ जमीन खरीदी है. इस जमीन को कंपनी ने श्री बालाजी डेवलपर्स से खरीदा है. माइक्रोसॉफ्ट ने जमीन खरीदी है उसके लिए उसने 267 करोड़ रुपये चुकाए हैं. कंपनी आने वाले दिनो में यहां दक्षिण भारत का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने की तैयारी कर रही है. माइक्रोसॉफ्ट ने जिस जगह पर ये जमीन खरीदी है वो हैदराबाद से 40 किलोमीटर दूर है. कंपनी ने इसके लिए प्रीमियम भी चुकाया है. कंपनी इससे पहले चेन्‍नई पूणे और मुंबई में अपने डेटा सेंटर की शुरुआत कर चुकी है. 

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इससे पहले पुणे में कर चुकी है निवेश 
कंपनी 2022 में इससे पहले पुणे में भी फिनोलेक्‍स इंडस्‍ट्रीज से 328.84 करोड़ की समेकित राशि में 10.89 लाख वर्ग फुट का कमर्शियल प्‍लॉट खरीद चुकी है. माइक्रोसॉफ्ट ने जो जमीन खरीदी थी वो पुणे के पिंपरी वाघेरे में स्थित है. कंपनी ने इसके लिए 16 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की स्‍टांप ड्यूटी अदा की थी. सिर्फ पुणे में ही नहीं बल्कि कंपनी 2021 में नोएडा में भी एक कमर्शियल प्‍लॉट खरीद चुकी है. कंपनी ने नोएडा के सेक्‍टर 145 में जो जमीन खरीदी थी उसके लिए उसने 103.66 करोड़ रुपये का प्रीमियम अदा किया था. कंपनी ने यहां जो प्‍लॉट खरीदा था उसका साइज 60 हजार वर्ग मी‍टर था. 

कंपनी इससे पहले 2022 में भी हैदराबाद में खरीद चुकी है जमीन 
माइक्रासॉफ्ट इससे पहले 2022 में हैदराबाद में जमीन के तीन सौदे कर चुकी है. इनमें कंपनी ने 40 करोड़ रुपये में 22 एकड़ जमीन खरी थी. ये जमीन कंपनी ने मेकागुड़ा में खरीदी थी. साथ ही 164 करोड़ रुपये में 41 एकड़  शादनगर में खरीद चुकी है. जबकि कंपनी चंदेनवेल्‍ली में 72 करोड़ रुपये में 52 एकड़ जमीन को हासिल कर चुकी है. कंपनी डेटा सेंटर कारोबार में तेजी से अपने पांव पसार रही है, जिससे इस क्षेत्र की सभी जरुरतों को पूरा कर सके और तेजी से इस क्षेत्र में आगे बढ़ सके.