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पहले से मजबूत हुआ ये सरकारी बैंक, एक लाख करोड़ के पार पहुंचा मार्केट कैप
पिछले कुछ वक्त में सरकारी बैंकों के कामकाज में सुधार आया है और इसका असर उनके शेयरों पर भी पड़ रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
सरकारी क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) का मार्केट कैप मंगलवार को 1 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया. इसके साथ ही यह इस मुकाम को हासिल करने वाला देश का चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया. पहले नंबर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) है, जिसका मार्केट कैप करीब 5.7 लाख करोड़ रुपए है. हालांकि, बुधवार को यूनियन बैंक के शेयरों में आई गिरावट के चलते उसका मार्केट कैप भी प्रभावित हुआ. खबर लिखे जाने तक बैंक के शेयर तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे.
इन बैंकों का नाम भी शामिल
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा जो अन्य सरकारी बैंक 1 लाख करोड़ रुपए का मार्केट कैप पार कर चुके हैं, उसमें बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) शामिल हैं. पंजाब नेशनल बैंक का मार्केट कैप दिसंबर 2023 में 1 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया था. जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा ने इस जादुई आंकड़े को अक्टूबर 2019 में ही छू लिया था. 1 लाख करोड़ के मार्केट कैप वाले इन चार सरकारी बैंकों के साथ, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स का ज्वाइंट मार्केट कैप मंगलवार को 13.5 लाख करोड़ रुपए हो गया था.
कामकाज में लगातार आया सुधार
पब्लिक सेक्टर बैंकों का स्टॉक मार्केट में प्रदर्शन लगातर बेहतर हो रहा है. दरअसल, सरकारी बैंकों के कामकाज में तेजी से सुधार आ रहा है और इसी के चलते उनके शेयरों की स्थिति पहले से बेहतर हुई है. यूनियन बैंक का शेयर पिछले 5 कारोबारी सत्रों में 6.21% ऊपर चढ़ चुका है. बीते एक महीने में इसने 6.95%, छह महीनों में 58.61% और एक साल में 61.63% का रिटर्न दिया है. आज यानी बुधवार को जरूर बैंक के शेयरों में गिरावट का माहौल है. दरअसल, पूरा मार्केट इस समय लाल निशान पर कारोबार कर रहा है. खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 1,364.30 अंकों का गोता लगा चुका था. इसी तरह, निफ्टी भी 392.25 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था.
कब पूरी होगी ये डिमांड?
बैंक कर्मियों (Bankers) की 5-डेज बैंकिंग की डिमांड पर अब तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है. हालांकि, पिछले साल ये खबर जरूर आई थी कि सरकार हर शनिवार को बैंकों में अवकाश के प्रस्ताव पर फैसला लेने की तैयारी में है. सरकार ने स्वीकार किया था कि उसे इस संबंध में इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) से प्रस्ताव मिला है. दरअसल, राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मिक ने इस बारे में सदन में वित्त मंत्रालय से सवाल पूछे थे, जिसके जवाब में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने स्वीकार किया था कि IBA से सप्ताह में 5 कार्यदिवस का प्रपोजल मिला है.
क्या है मौजूदा व्यवस्था?
मौजूदा व्यवस्था के तहत बैंकों में हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को सार्वजनिक अवकाश रहता है. माना जा रहा है कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों से खुश PM मोदी जल्द ही बैंककर्मियों की 5-डेज बैंकिंग की मांग को पूरा कर सकते हैं. बता दें कि केंद्र सरकार की निजीकरण की योजना से बैंककर्मी पहले से ही नाराज चल रहे हैं. बैंक यूनियन इसे लेकर प्रदर्शन भी कर चुकी हैं. ऐसे में सरकार लोकसभा चुनाव से पहले प्रत्येक शनिवार को छुट्टी घोषित करके उनकी नाराजगी को कम करने का फैसला ले सकती है.
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