होम / बिजनेस / Export बढ़ाने के लिए सरकार हर जिले में खोलेेगी ये सेंटर, जारी हुई नई विदेश व्यापार नीति
Export बढ़ाने के लिए सरकार हर जिले में खोलेेगी ये सेंटर, जारी हुई नई विदेश व्यापार नीति
सरकार का मकसद है कि देश के हर जिले में एक्सपोर्ट की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए. सरकार सिर्फ सेंटर खोलने की नहीं बल्कि उनकी मॉनिटरिंग करने की भी योजना बना रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
केन्द्र सरकार के कॉमर्स मंत्रालय ने अलगे पांच सालों के लिए नई विदेश नीति को जारी कर दिया है. सरकार की नई विदेश नीति के अनुसार वर्ष 2022-23 में एक्सपोर्ट 760 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान जताया है, वहीं देश की ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत रहने की बात कही गई है. सरकार ने अपनी इस नई पॉलिसी में जहां हर जिले में एक्सपोर्ट सेंटर खोले जाने की बात कही है वहीं मौजूदा इंसेटिव से इसे रेमीशन की ओर ले जाने का भी लक्ष्य रखा है.
क्या कहती है नई विदेश नीति
केन्द्र सरकार कि मौजूदा विदेश व्यापार नीति वर्ष 2020 में ही खत्म हो गई थी. लेकिन कोरोना का प्रभाव बढ़ने के कारण इसे लगातार तीन साल तक आगे बढ़ाया गया. लेकिन अब सरकार ने आज नई विदेश व्यापार नीति जारी कर दी है. सरकार ने इस साल की ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जबकि एक्सपोर्ट के 760 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने की बात कही है. सरकार ने 23-24 के लिए भी ग्रोथ रेट का आंकड़ा जारी किया है जो 6.5 प्रतिशत रहने की आशंका है. सरकार देश में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को भी बढ़ावा देने को लेकर कई कदम उठाने की बात कर रही है.
कैसे होगा इज ऑफ डूइंग बिजनेस
सरकार ने अपनी विदेश व्यापार नीति में कई नए बदलाव कर दिए हैं. इस नए बदलावों के तहत अब तक जिन परमिशन या क्लीयरेंस के लिए 3 से 7 दिनों का समय लगता है आने वाले दिनों में उसे 1 दिन में दिया जाएगा. जैसे एडवांस ऑथराईजेशन जैसे मामले, इनमें मौजूदा समय में 3 से 7 दिन का समय लगता है लेकिन आने वाले दिनों में ये 1 दिन में ही हो सकेगा. इसी तरह EPCG, Revalidation of Authrization, Export Obligation Period Extension Application जैसे मामलों को भी सरकार 1 दिन में क्लीयर करने का सिस्टम डेवलप करने जा रही है. इसे लेकर सरकार ने पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू भी कर दिया है.
एक्सपोर्ट में बढ़े रुपये का इस्तेमाल
सरकार ने अपनी इस नई विदेश व्यापार नीति में अन्तर्राष्ट्रीय कारोबार में रुपये के इस्तेमाल को बढ़ाने का मसौदा भी शामिल किया है. इससे देश के एक्सपोर्टरों को फायदा होगा. विदेश व्यापार नीति में पहली बार मर्चेंटिंग ट्रेड को भी बढ़ावा देने की बात की है. मर्चेंटिंग ट्रेड वो होता है जहां सामान भारत की सीमा को नहीं छूता और एक देश से दूसरे देश में सप्लाई कर दिया जाता है. सरकार इस तरह के कारोबार को भी बढ़ावा देना चाहती है. सरकार ने 4 नए शहरो को टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस में शामिल किया है. इसमें फरीदाबाद, वाराणसी, मिर्जापुर और मुरादाबाद शामिल हैं.
हर जिले में बनेगा एक्सपोर्ट हब
इस नई विदेश नीति के तहत सरकार हर राज्य के हर जिले में एक्सपोर्ट हब बनाने जा रही है. इसके लिए सरकार हर जिले में बनने वाले प्रोडक्ट की जानकारी जुटाएगी, इसके लिए राज्यों में SEPC/DEPC बनाई जाएगी. सरकार इसके लिए हर जिले में District Export Action Plan को भी लागू करने की तैयारी कर रही है. सरकार इसके लिए एक निगरानी तंत्र भी बनाएगी जिससे हर राज्य की एक्टिविटी पर नजर रखी जाए. सरकार का लक्ष्य ये भी है कि वो रूपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने को लेकर काम करे.
टैग्स