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ये शख्स बनाए गए वित्त आयोग के स्थायी सदस्य, इनके बारे में कितना जानते हैं आप?
31 जनवरी 2024 को सरकार की ओर से इसके प्रमुख और चार सदस्यों का चयन हो गया था. लेकिन किसी कारण से एक सदस्य ने इस पद पर काम करने से मना कर दिया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
अब तक इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ की जिम्मेदारी संभाल रहे मनोज पांडा को अब नई जिम्मेदारी मिली है. उन्हें 16 वे वित्त आयोग का फुल टाइम सदस्य बनाया गया है. अब तक इस वित्त आयोग में अरविंद पनगढि़या के नेतृत्व में सिर्फ 3 फुल टाइम मेंबर ही काम कर रहे थे. लेकिन मनोज पांडा की नियुक्ति के बाद वित्त आयोग में तय सदस्यों की संख्या पूरी हो चुकी है. अरविंद पनगढि़या के इससे पहले नीति आयोग के वाइस चेयरमैन रह चुके हैं.
इस तारीख तक बने रहेंगे पद पर
मनोज पांडा की नियुक्ति को लेकर कहा गया है कि रिपोर्ट सौंपने की तारीख या 31 अक्टूबर 2025 तक वो अपने पद पर तब तक बने रहेंगे. मनोज पांडा जाने माने अर्थशास्त्री हैं और इससे पहले इंस्टीटयूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ में आरबीआई चेयर प्रोफेसर रह चुके हैं.
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फाइनेंस कमिशन के पास है अहम जिम्मेदारी
केन्द्र सरकार ने फाइनेंस कमिशन का गठन 31 दिसंबर 2023 को किया था. उसके बाद 31 जनवरी 2024 को सरकार ने इसके चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति की थी. फाइनेंस कमिशन में चार फुल टाइम सदस्य होते हैं. सरकार ने जिन चार लोगों की नियुक्ति इसमें की थी उनमें अजय नारायण झा, एन्नी जॉर्ज मैथ्यू, निरंजन राजाध्यक्षा, और सौम्य कांति घोष शामिल हैं. लेकिन निरंजन राजाध्यक्षा ने अपने व्यक्तिगत कारणों से इसका पदभार संभालने से मना कर दिया था. उनके मना करने के कारण इसमें तीन ही सदस्य रह गए थे. लेकिन अब सरकार ने इसमें मनोज पांडा की नियुक्ति कर दी है जिसके बाद इसमें चार सदस्य हो गए हैं.
आखिर क्या करता है वित्त आयोग?
वित्त आयोग एक संवैधानिक संस्था है. इसका गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत किया गया है. भारत के वित्त आयोग की मुख्य जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार के बीच वित्त की स्थिति का मूल्यांकन करना, उनके बीच करों की हिस्सेदारी को लेकर अपने सुझाव देना, राज्यों के बीच करों की हिस्सेदारी निर्धारित करने वाले सिद्धांतों को तैयार करना है.
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