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आसमान से जमीन पर आई Go First को खरीदना चाहती हैं ये कंपनियां, 3 नाम आए सामने!
गो फर्स्ट को अपना बनाने के लिए 3 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है, इनमें से 2 विदेशी कंपनियां हैं. इन कंपनियों ने बोली की डेडलाइन बढ़ाने का अनुरोध किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
दिवालिया हो चुकी गो फर्स्ट (Go First) को खरीदने की दौड़ में 3 कंपनियों के नाम सामने आए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अफ्रीका की Safrik Investments, शारजहां की एविएशन कंपनी Sky One और घरेलू एयरलाइन स्पाइस जेट दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही Go First को अपना बनाना चाहती हैं. इन कंपनियों ने बोली आमंत्रित करने की डेडलाइन को बढ़ाने का आग्रह किया है. डेडलाइन आगे बढ़ेगी या नहीं, इस पर कर्जदाताओं की कमेटी आने वाले दिनों में फैसला लेगी.
बढ़ सकती है डेडलाइन
गो फर्स्ट के लिए बोलियां मंगाने की अंतिम तारीख 22 नवंबर 2023 थी, लेकिन तब तक किसी भी कंपनी की तरफ से इस खरीदने की इच्छा जाहिर नहीं की गई थी. ऐसे में उम्मीद है कि कंपनी के लेंडर्स डेडलाइन बढ़ाने के अनुरोध को स्वीकार कर लें. कंपनी की दिवालिया प्रक्रिया को देख रही संस्था को बोलियों से बेहतर रिकवरी की उम्मीद है. गो फर्स्ट ने अमेरिकी कंपनी Pratt & Whitney से 1 बिलियन डॉलर की मांग की है. आरोप है कि इस कंपनी ने समय रहते गो फर्स्ट के जहाजों में इंजन नहीं बदले, जिस वजह से उसके आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पाए और उसका घाटा बढ़ता चला गया.
सभी फ्लाइट्स हैं रद्द
गो फर्स्ट की सभी फ्लाइट्स 4 फरवरी तक रद्द हैं. कंपनी शुरू से यह कहती आई है कि प्रैट एंड व्हिटनी ने इंजनों की आपूर्ति समय पर नहीं की, जिसकी वजह से उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा. जाहिर है जब फ्लाइट ही नहीं चलेंगी, तो पैसा कहां से आएगा. गो फर्स्ट को बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के चलते लीज पर लिए गए विमानों को वापस करना पड़ा. कंपनी की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए ईंधन कंपनियों ने उसे कैश एंड कैरी वाले वर्ग में रख दिया. जिसका मतलब है हर दिन उड़ान के लिए ईंधन का भुगतान, जो कंपनी के लिए मुमकिन नहीं था. गौरतलब है कि प्रैट एंड व्हिटनी विमानों के इंजन बनाती है और इस मामले में दुनिया की लीडिंग कंपनी है.
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P&W पर लगाए हैं आरोप
गो फर्स्ट का कहना था कि अमेरिकी फर्म ने ऑर्डर के मुताबिक इंजन नहीं दिए, जिसके चलते उसके बेड़े के 50% विमानों का परिचालन ठप रहा. यानी वो उड़ान भरने की स्थिति में नहीं रहे. आरोपों के मुताबिक, Pratt & Whitney (P&W) की तरफ से इंजन की सप्लाई लगातार प्रभावित रही. गो फर्स्ट ने उसे 27 अप्रैल, 2023 तक कम से कम 10 स्पेयर लीज्ड इंजन और 10 अतिरिक्त इंजन देने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं किया. इतना ही नहीं, उसकी ओर से भेजे जा रहे इंजनों के विफल होने की संख्या बढ़ती रही. नतीजतन उड़ानें बंद करनी पड़ीं. गो फर्स्ट के बेड़े में लगभग 90% प्रैट एंड व्हिटनी के इंजन वाले A320 नियो विमान हैं. स्पेयर पार्ट्स की अनुपलब्धता और P&W की ओर से रेट्रो फिटेड इंजनों की आपूर्ति में देरी के कारण कई विमानों को सेवा से बाहर करना पड़ा था. अपनी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए कंपनी ने खुद ही नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में वॉलेंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए एप्लिकेशन दी थी.
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