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खत्म नहीं हुईं हैं IIFL फाइनेंस और JMFPL की मुश्किलें, अब सामने आई ये बड़ी खबर
RBI फाइनेंस की दो कंपनियों की स्पेशल ऑडिट करने जा रहा है. केंद्रीय बैंक ने विशेष ऑडिट करने के लिए ऑडिटर्स की नियुक्ति को लेकर टेंडर मंगाए हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
IIFL फाइनेंस लिमिटेड और JM फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (JMFPL) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) नियामक उल्लंघनों की जांच के लिए IIFL फाइनेंस लिमिटेड और JM फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (JMFPL) का एक स्पेशल ऑडिट शुरू करेगा. यह स्पेशल ऑडिट आगामी 12 अप्रैल से किया जाएगा. बता दें कि IIFL फाइनेंस को गोल्ड लोन देने से रोक दिया गया है, वहीं JMFPL की बात करें तो शेयरों या डिबेंचर के फाइनेंसिंग पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा है. इन दोनों कंपनियों पर प्रतिबंध लगाते समय आरबीआई ने कहा था कि एक स्पेशल ऑडिट पूरा होने और कमियों को दूर करने के बाद ही प्रतिबंधों की समीक्षा की जाएगी.
JM Financial पर रोक क्यों?
JM Financial Products Ltd पर RBI की कार्रवाई की बात करें तो केंद्रीय बैंक ने 5 मार्च को तत्काल प्रभाव से जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (JMFPL) को शेयरों और डिबेंचर पर लोन देने से रोक दिया था. इसमें। PO पर लोन की मंजूरी और डिस्बर्समेंट भी शामिल था. फैसले की घोषणा करते हुए RBI ने कहा था कि जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की ऋण प्रक्रिया में कुछ गंभीर कमियां देखने के बाद यह कार्रवाई की गई है. RBI ने यह भी कहा था कि रेगुलेटरी गाइडलाइंस के उल्लंघन के अलावा, कंपनी में गवर्नेस के मुद्दों पर गंभीर चिंताएं भी हैं.
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IIFL फाइनेंस पर कब हुई कार्रवाई?
4 मार्च, 2024 को केंद्रीय रिजर्व बैंक ने तत्काल प्रभाव से ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए IIFL फाइनेंस को नए गोल्ड लोन स्वीकृत करने और वितरित करने से रोक दिया था. 31 दिसंबर, 2023 तक IIFL फाइनेंस ग्रुप की मैनजमेंट के तहत कुल समेकित संपत्ति (एयूएम) में गोल्ड लोन का हिस्सा 32 प्रतिशत (24,692 करोड़ रुपये) और IIFL फाइनेंस के स्टैंडअलोन एयूएम का 79 प्रतिशत था. 25 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में गोल्ड लोन ब्रांच हैं, जिनमें लगभग 15,000 कर्मचारी हैं. जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के लिए 5 मार्च, 2024 को आरबीआई ने इसे तत्काल प्रभाव से शेयरों और डिबेंचर के खिलाफ किसी भी प्रकार का फाइनेंस प्रोवाइडर करने से रोक दिया, जिसमें आईपीओ के खिलाफ ऋण की मंजूरी और वितरण भी शामिल था.
ग्राहकों के हित में लिया गया फैसला
पिछले कुछ महीनों से RBI इन कमियों को लेकर IIFL Finance के सीनियर मैनेजमेंट और ऑडिटर्स के साथ बातचीत कर रहा है. हालांकि, अब तक कोई सार्थक सुधारात्मक कार्रवाई सामने नहीं आई है. इससे ग्राहकों के हित में तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाना जरूरी हो गया. RBI ने कहा कि लगाए गए प्रतिबंधों का रिव्यू RBI द्वारा शुरू किए जाने वाले एक विशेष ऑडिट के पूरा होने के बाद और कमियों को दूर किए जाने के बाद किया जाएगा.
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