इन नए नियमों के अनुसार अब अगर कोई भी व्यक्ति या कंपनी कोई ऐसा कंटेट डालती है जो किसी भी प्रकार से आपत्तिजनक होगा तो उसे 72 घंटे के अंदर हटाना होगा. शिकायतों को निपटाने के लिए GAC का गठन किया गया है.
केन्द्र सरकार ने आईटी नियमों की समीक्षा करके नए नियम जारी कर दिए हैं. इन नए नियमों के अनुसार अब अगर कोई भी व्यक्ति या कंपनी कोई ऐसा कंटेट डालती है जो किसी भी प्रकार से आपत्तिजनक होगा तो उसे 72 घंटे के अंदर हटाना होगा. आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सभी प्रकार की शिकायतों को निपटाने के लिए एक अपीलीय अथॉरिटी का गठन भी किया गया है. तीन सदस्यीय ये कमेटी सभी प्रकार के मामलों को देखेगी और उनका निपटारा करेगी. सरकार की कोशिश इन नियमों में सुधार कर फेक न्यूज से लेकर अलग-अलग तरह के ऐसे कंटेट पर लगाम लगाना है जो किसी भी प्रकार के देश विरोधी या समाज विरोधी हैं.
क्या बोले आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर
केन्द्रीय आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार ने मूल रूप से तीन प्रकार के बदलाव किए हैं. जिनके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि
1- पहला बदलाव ये किया है कि कोई भी कंटेट ऐसा हो जो विवाद पैदा करता हो, जो गलत जानकारी देता हो, तो उन्हें ये कंटेट हटाना पड़ेगा. और सरकार की ओर से कहा जाता है तो उन्हें 72 घंटे के अंदर इसे हटाना अनिवार्य होगा. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
2- स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आप अमेरिका हो यूरोप हो या दुनिया के किसी भी देश की कंपनी हो कोई भी हमारे देश के नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा. कोई भी प्लेटफॉर्म हमारे नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा.
3- तीसरा प्रावधान हम लेकर आए हैं जो भी नागरिक अगर कोई शिकायत करेगा और उस पर कार्रवाई नहीं होती है तो वो सरकार की बनाई ग्रीवांस अपीलेट समिति जिसे सरकार बनाएगी वो समिति इसे डील करेगी.
क्या होगी जीएसी
सरकार ने सभी तरह के कंटेट और उनसे होने वाले विवादों को सुलझाने के लिए एक ग्रीवांस अपीलेट कमेटी बनाई है. जिसमें एक सदस्य सरकार का होगा और दो अन्य लोग भी होंगे. वो इस पूरे मामले में निगरानी करेगी. उन्होंने ये भी कहा कि अगर किसी को इस समिति के आदेश के खिलाफ किसी भी कोर्ट में जाने का पूरा अधिकार होगा. वो उच्च अदालत में जाकर उसे चुनौती दे सकता है. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार चाहती है सभी लोग जो इंटरनेट से लेकर दूसरे तरह के कंटेट से जुड़े हैं वो मिलजुलकर काम करे.
72 घंटे से भी कम होना चाहिए समय
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आज हमने जो नियम कायदों में सुधार किया है उसमें वीडियो या कंटेट को हटाने के लिए 72 घंटे का समय दिया गया है, लेकिन वो व्यक्तिगत तौर पर मानते हैं कि इस समय को और कम किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि ये समय कम हो.
अधिकांश सरकारी बैंकों के शेयरों में आज अच्छी-खासी गिरावट देखने को मिली. PNB के शेयर सबसे ज्यादा लुढ़के.
शेयर बाजार (Stock Market) में आज भरी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. सेंसेक्स लाल निशान पर खुला, लेकिन कारोबार की समाप्ति पर कुछ अंकों की मजबूती के साथ बंद हुआ. जबकि Nifty में लाल रंग बिखरा दिखाई दिया. सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को BSE सेंसेक्स 17.39 अंकों की तेजी के साथ 73,895.54 और NSE निफ्टी 33.15 पॉइंट्स की गिरावट के साथ 22,442.70 पर बंद हुआ. खासकर, पब्लिक सेक्टर बैंकों के शेयरों में ज्यादा गिरावट देखने को मिली. SBI से लेकर यूनियन बैंक तक के शेयर नरमी के साथ बंद हुए.
किसमें, कितनी गिरावट?
आज भारतीय स्टेट बैंक यानी SBI के साथ-साथ पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा सहित अधिकांश सरकारी बैंकों के शेयर लाल निशान पर बंद हुए. एसबीआई का शेयर 2.64% की गिरावट के साथ 809.50 रुपए पर बंद हुआ. इसी तरह, PNB में सबसे ज्यादा 6.41%, केनरा बैंक में 5.38%, यूनियन बैंक में 2.62%, Bank of Baroda में 4.04% और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 2.19% की गिरावट दर्ज हुई. इन शेयरों में PNB सबसे बड़ा लूजर रहा. इसके बाद केनरा बैंक को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ.
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RBI का ये प्रस्ताव बना वजह
अब यह भी जान लेते हैं कि PSU बैंकों के शेयरों में इतनी गिरावट आखिर क्यों आई? एक्सपर्ट्स के अनुसार, सरकारी बैंक स्टॉक में नरमी की वजह है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का एक प्रस्ताव. दरअसल RBI ने अपने इस प्रस्ताव में क्रियान्वित हो रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को लोन देने से संबंधित नियमों को सख्त बनाने की बात कही है. RBI के मसौदा नियमों में प्रोजेक्ट्स के चरण के हिसाब से उनका वर्गीकरण करने और निर्माण चरण के दौरान 5% तक का उच्च प्रावधान करने का प्रस्ताव रखा गया है. पिछली लोन साइकिल में प्रोजेक्ट्स लोन की वजह से बैंकों के बही-खातों पर दबाव बढ़ गया था.
इन कंपनियों को भी नुकसान
RBI के प्रस्तावित मानदंडों के अनुसार, बैंक को निर्माण चरण के दौरान कर्ज का 5% अलग रखना होगा. प्रस्ताव पर 15 जून तक संबंधित पक्षों से राय मांगी गई है. आरबीआई के इस प्रस्ताव का असर सरकारी बैंकों के शेयरों पर पड़ा है और उनमें आज अच्छी-खासी गिरावट देखने को मिली है. केवल बैंक ही नहीं, केंद्रीय रिजर्व बैंक के नए प्रस्ताव के चलते Power Finance Corporation (PFC), आरईसी लिमिटेड जैसी NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट आई. PFC के शेयर जहां 8.95% लुढ़ककर 437.45 पर आ गए. वहीं, REC के शेयर 7.46% नीचे गिरकर 516.20 पर बंद हुए.
इंफ्रा प्रोजेक्ट (Infra Project) फाइनेंसिंग के लिए RBI के नए प्रस्ताव के बीच पावर फाइनेंस कॉर्पोर्शन (PFC), आरईसी (REC) और IREDA सहित कई सरकारी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है.
सोमवार यानी 06 मई 2024 की सुबह सरकारी कंपनियों में निवेश करने वालों को बड़ा झटका लगा है. इन कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है. यह गिरावट आरबीआई (RBI) द्वारा जारी एक ड्राफ्ट तैयार करने के बाद आई है. दरअसल, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स डूबने के कारण बैंक को उनके कर्ज के बोझ से बचाने के लिए आरबीआई ने ये नया प्रस्ताव रखा है. इसमें इंफ्रा प्रोजेक्ट्स फाइनेंसिंग के नियमों में सख्त बदलाव किए गए हैं.
इतने गिरे शेयर
सोमवार को शेयर बाजार बंद होने के बाद पावर फाइनेंस कॉर्पोर्शन (PFC)के शेयर में 8.95 प्रतिशत, आरईसी (REC) के शेयर में 7.46 प्रतिशत और इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) के शेयर में 4.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. वहीं, भारतीय स्टेट बैंक(SBI) 2.64 ,पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 6.41 , केनरा बैंक (Canara Bank)5.38, यूनियन बैंक (Union Bank) 2.62, बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) 4.04 और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) के शेयर 2.20, बैंक ऑफ महाराष्ट्र 2.19 से ज्यादा टूट गए. वहीं, निफ्टी पीएसयू इंडेक्स 3.66 प्रतिशत लुढ़ककर 7252.85 रुपये पर आ गया.
क्या है आरबीआई का नया प्रस्ताव?
आरबीआई के ड्राफ्ट के अनुसार बैंकों को प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन के दौरान लोन अमाउंट का 5 प्रतिशत हिस्सा अलग से रिजर्व रखना होगा. इसे प्रोजेक्ट के चालू हो जाने पर 2.5 प्रतिशत और रीपेमेंट की स्थिति में आ जाने के बाद 1 प्रतिशत पर भी लाया जा सकेगा. 2021 के सर्कुलर में इस रकम को फिलहाल 0.4 प्रतिशत रखा जाता है. आरबीआई ने कहा अगर कई बैंक मिलकर कंसोर्टियम बनाकर 15 अरब रुपये तक के प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग कर रहे हैं, तो उन्हें 10 प्रतिशत लोन अमाउंट रिजर्व रखना होगा.
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आरबीआई ने क्यों बनाया नया ड्राफ्ट?
बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर लोन डूबने के कारण आज कई बैंक मुसीबत में फंसे हुए हैं. इससे देश के बैंकिंग सिस्टम पर बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे में आरबीआई ने क्रियान्वित हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को लोन देने से संबंधित नियमों को सख्त बनाने का प्रस्ताव रखा है. पिछली लोन साइकल में प्रोजेक्ट्स लोन की वजह से बैंकों के बही-खातों पर दबाव बढ़ गया था. हालांकि इन नए मानकों को लाने की घोषणा आरबीआई ने पहली बार सितंबर, 2023 में की थी. अब प्रस्तावों पर 15 जून तक संबंधित पक्षों से राय मांगी गई है. ऐसे में अभी ये ही सरकारी बैंक और कंपनियों के शेयर लुढ़कने लगे हैं.
जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल को जमानत भले ही मिली हो लेकिन उन पर कई तरह की पाबंदियां भी लगाई गई हैं, जिसमें पासपोर्ट जमा कराने और बाहर जाने से पहने अनुमति लेने की बात शामिल है.
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. नरेश गोयल को 2 महीने की अंतरिम जमानत दी गई है. अदालत ने उनकी जमानत के साथ कई तरह शर्तों को भी शामिल किया है जिसमें उन पर एक लाख रुपये के जुर्माने से लेकर पासपोर्ट जमा कराने और मुंबई से बाहर जाने से पहले ट्रायल कोर्ट की अनुमति लेने जैसी शर्तें शामिल हैं.
इस आधार पर मिली जमानत
जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल ने बॉम्बे हाईकोर्ट से खराब स्वास्थ्य और मानवीय आधार पर जमानत मांगी थी, क्योंकि वो और उनकी पत्नी अनीता गोयल दोनों ही कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं. इससे पहले फरवरी में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. ट्रायल कोर्ट ने जमानत तो खारिज की थी लेकिन उन्हें उनके पसंदीदा अस्प्ताल में इलाज कराने की अनुमति दे दी थी. लेकिन स्वास्थ्य और मानवीयता को आधार बनाकर उनके वकील हरीश साल्वे की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया गया जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. हालांकि ईडी की ओर से उन्हें जमानत देने का विरोध किया गया था.
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अस्पताल में रहने का बढ़ाया जा सकता है समय
ईडी के वकील वेनेगांवकर ने जमानत का तो विरोध किया लेकिन कहा कि अगर उनकी अदालत में रहने की अवधि बढ़ाई जाती है तो उसे कोई समस्या नहीं है. ईडी ने कहा कि एक महीने बाद उनके स्वास्थ्य की स्थिति जानने के लिए नई मेडिकल रिपोर्ट की मांग कर सकती है. जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि उनका मानसिक स्वास्थ्य भी सही नहीं है.
पिछले साल सितंबर में हुई थी शादी
जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल को ईडी ने पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया था. उन पर केनरा बैंक की ओर से जेट एयरवेज को मिले 538.62 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा था.इस आरोप में ईडी ने उनकी पत्नी अनीता गोयल को भी गिरफ्तार किया था. लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण अदालत ने उन्हें जमानत दे दी.
इस साझेदारी का मुख्य मकसद अलग-अलग कंपनियों को एआई सुविधा मुहैया कराने के साथ उनके बिजनेस को आगे बढ़ाना है, जिससे उनकी क्षमताओं में इजाफा हो सके.
भारत की टेक्नोलॉजी कंपनी HCL ने अमेजन की अलग-अलग कंपनियों में एआई डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन करने के लिए हाथ मिलाया है. अमेजन वेब सर्विसेज ने अपनी कई कंपनियों को एआई टेक्नोलॉजी से लैस करने के लिए हाथ मिलाया है. कंपनी का मानना है कि ऐसा करने से जहां उसके बिजेनस की क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा वहीं दूसरी ओर इससे ग्राहक को मिलने वाली सुविधाओं में भी इजाफा किया जा सकेगा.
इन कंपनियों को एआई तकनीक से किया जाएगा लैस
HCL और अमेजन वेब सर्विसेज मिलकर जिन कंपनियों में इसे तेजी से लागू करने की तैयारी कर रहे हैं उनमें अमेजन बेडरॉक (Amazon Bedrock), अमेजन कोड व्हिसपर (Amazon Code Whisper), अमेजन सेज मेकर(Amazon Saze Maker) और अमेजन टाइटल (Amazon Title) शामिल हैं. कंपनी की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट प्रभाकर अपन्ना ने इस मौके पर कहा कि इस तकनीकी बदलाव से जहां बिजनेस की क्षमता में सुधार आएगा वहीं दूसरी ओर ग्राहक सेवा में भी तेजी से सुधार होगा. यही नहीं कंपनी की ग्रोथ में भी इजाफा देखने को मिलेगा.
इस साझेदारी का ये भी है मकसद
GenAI अपनाने में तेजी लाने के लिए HCLTech-AWS गठबंधन HCLTech सुरक्षित एप्लिकेशन बनाने और आंतरिक रूप से और ग्राहकों के लिए जिम्मेदारी से AI का लाभ उठाने के लिए 50,000 से अधिक HCLTech इंजीनियरों, क्लाउड प्रैक्टिशनरों और डेवलपर्स के साथ अमेजन कोडव्हिस्परर का उपयोग करने की योजना पर काम कर रहा है. दोनों कंपनियों के बीच हुई साझेदारी इंडस्ट्री में एआई सॉल्यूशन को मुहैया कराने को लेकर भी काम करेगी. एचसीएल टेक इससे पहले भी इस तरह से काम कर करते हुए फाइनेंशियल सेक्टर के लिए एआई पर आधारित एआई बॉट जीवा को विकसित कर चुका है.
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हर्षद मेहता देश की बैंकिंग व्यवस्था में खामियों का फायदा उठाकर स्टॉक मार्केट का बिग बुल बन गया था.
पिछले कुछ वक्त में शेयर बाजार (Stock Market) में जो तेजी आई है, उससे आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन और मशहूर उद्योगपति हर्ष गोयनका को हर्ष मेहता के दिनों की याद आ गई है. उन्होंने शेयर बाजार में गड़बड़ी की आशंका जताई है. गोयनका ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस गड़बड़ी की वजह से छोटे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. हर्ष गोयनका ने कहा कि तेजी से बढ़ते शेयर बाजार के साथ हर्षद मेहता और केतन पारेख युग की वापसी हो रही है.
इस तरह उठाया था फायदा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हर्ष गोयनका ने दावा किया कि कोलकाता से गड़बड़ी की जा रही है और इसमें गुजराती एवं मारवाड़ी दलालों का गठजोड़ काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रमोटर्स मुनाफा बढ़ा रहे हैं और गुजराती-मारवाड़ी दलालों का गठजोड़ स्टॉक की कीमतों को अवास्तविक स्तर पर ले जा रहा है. इससे परिणामस्वरूप छोटे निवेशकों को भारी नुकसान हो सकता है. वक्त आ गया है, जब सेबी और वित्त मंत्रालय इसमें दखल दें. बता दें कि 90 के दशक में शेयर बाजार हर्षद मेहता के घोटाले से हिल गया था. मेहता शुरुआत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एक सामान्य स्टॉक ब्रोकर था, लेकिन देश की बैंकिंग व्यवस्था में खामियों का फायदा उठाकर वह स्टॉक मार्केट का बेताज बादशाह बन गया था.
खरीदने की मच गई थी होड़
हर्षद मेहता ने चुनिंदा शेयरों की कीमत को फर्जी तरीके से बढ़ाकर खूब मुनाफा कमाया था. मेहता सरकारी बैंकों से हुंडी पर पैसा उठाता और उसे शेयरों की कीमत बढ़ाने में इस्तेमाल करता. इससे लोगों में संबंधित शेयरों की खरीदने की होड़ मच गई और इससे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में भारी वृद्धि हुई. हालांकि, जब धांधली का खुलासा हुआ तो निवेशकों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा. इस घोटाले के बाद ही बाजार नियामक सेबी का गठन हुआ था. हर्षद मेहता घोटाले के लगभग दस साल बाद केतन पारेख पर भी ऐसा ही घोटाले का आरोप लगा था.
इतना चढ़ चुका है ACC
निश्चित तौर पर हर्षद मेहता ने गलत तरह से पैसा कमाया, लेकिन उसके बताए शेयरों पर दांव लगाकर लोगों ने भी जमकर झोली भरी थी. 1990 के दौर में हर्षद ने निवेशकों को कुछ शेयर सुझाए थे, जो आज भी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं. ये शेयर अपने निवेशकों को अच्छा-खासा रिटर्न दे चुके हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, हर्षद मेहता ने एसीसी सीमेंट, जिसे पहले Associated Cement Companies के नाम से जाना जाता था, के शेयरों पर दांव लगाया था. 1990 में इस शेयर की कीमत 59.64 रुपए थी और आज इसका भाव 2,487.20 रुपए है. बीते 5 सालों में ही ये शेयर 2,742.15% चढ़ चुका है. ACC सीमेंट का मालिकाना हक अब अडानी समूह के पास है.
इन पर भी लगाया था दांव
Reliance Industries का शेयर भी हर्षद की फेवरेट लिस्ट में था. 1990 के दौर में मुकेश अंबानी के इस शेयर की कीमत महज 11.74 रुपए थे और आज यह 2,846.45 रुपए पर ट्रेड कर रहा है. बीते 5 सालों में ही इस शेयर ने 129.66% का रिटर्न दिया है. इसी तरह, मेहता ने टाटा स्टील पर भी दांव लगाया था. उस समय इसका नाम टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड (टिस्को) था और इसके स्टॉक की कीमत 6 रुपए थी. अब इसके भाव 168.15 रुपए पहुंच चुके हैं. अपोलो टायर्स लिमिटेड भी हर्षद मेहता की स्टॉकलिस्ट में शुमार था. 1990 में 4.60 रुपए के भाव पर मिलने वाले ये शेयर आज 483.55 रुपए की कीमत पर मिल रहा है.
अब इतना है Hero MotoCorp का भाव
हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp) को पहले हीरो होंडा के नाम से जाना जाता था. इस कंपनी का शेयर भी मेहता की लिस्ट में शामिल था. उस समय इसकी कीमत 6.75 रुपए के आसपास थी और अब इसका भाव 4,489.20 रुपए है. इया लिहाज से यदि देखें, तो जिसने मेहता काल में इन स्टॉक्स में दांव लगाया और अभी तक उन्हें अपने पोर्टफोलियो में शामिल रखा, उन्हें बंपर प्रॉफिट हुआ होगा. गौरतलब है कि हर्षद मेहता ने करीब 4000 करोड़ का घोटाला किया था, जिसका खुलासा 1992 में हुआ. हर्षद की 2001 में पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. करीब 27 साल की कानूनी लड़ाई के बाद इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल ने 2019 में मेहता परिवार से की गई 2014 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड को खारिज कर दिया था.
Muthoot Finance की माइक्रो फाइनेंस यूनिट जल्द ही IPO के जरिए 1300 करोड़ रुपए जुटाएगी. इसके लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस फाइल कर दिया है.
मुथूट फाइनेंस की माइक्रोफाइनेंस आर्म बेलस्टार माइक्रोफाइनेंस अपना IPO लाने जा रही है. कंपनी ने इसके लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल कर दिए हैं. कंपनी का इरादा इश्यू के जरिए 1300 करोड़ रुपये जुटाने का है. ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार चेन्नई स्थित एंटिटी के इस IPO के तहत 1,000 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे. इसके अलावा इनवेस्टर शेयरहोल्डर्स द्वारा 300 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत की जाएगी
आईपीओ की डिटेल
बेलस्टार माइक्रोफाइनेंस के DRHP के मुताबिक ऑफर फॉर सेल के जरिए डेनिश एसेट मैनेजमेंट कंपनी MAJ इनवेस्ट का टारगेट 175 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. वहीं, Arum Holdings 97 करोड़ रुपए और अगस्ता इनवेस्टमेंट्स जीरो पीटीई लिमिटेड 28 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. आपको बता दें कि मुथुट फाइनेंस की बेलस्टार में 66 फीसदी की हिस्सेदारी है. वह बेलस्टार की प्रमोटर कंपनी भी है. वहीं, MAJ Invest ने 2018 और 2022 में भी निवेश किया था.
IPO फंड का कहां होगा इस्तेमाल
कंपनी के DRHP के मुताबिक IPO के जरिए जुटाई गई एक हजार करोड़ रुपए की रकम में 760 करोड़ रुपए का इस्तेमाल भविष्य में उधार चुकाने और फ्यूचर कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा. इसके अलावा बाकी बची हुई रकम का इस्तेमाल कंपनी की कारोबारी जरूरतों को पूरा किया जाएगा. बेलस्टार ने आईपीओ के लिए ICICI सिक्योरिटीज, एक्सिस बैंक, HDFC बैंक और SBI कैपिटल मार्केट को बुक रनिंग लीड मैनेजर (BRLM) नियुक्त किया है.
मुथूट फाइनेंस की है कंपनी बेलस्टार
बेलस्टार, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी-माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (NBFC-MFI) है. यह कंपनी मुथूट फाइनेंस की सब्सिडयरी है. मुथूट फाइनेंस बतौर प्रमोटर बेलस्टार माइक्रोफाइनेंस में 66 प्रतिशत से अधिक का हिस्सेदार है. इस कंपनी का लोन मॉडल मुख्य रूप से 'स्वयं सहायता समूह' (SHG) मॉडल पर केंद्रित है. दिसंबर 2023 को समाप्त नौ महीनों तक माइक्रोफाइनेंस फर्म ने 1,283 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ 235 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है.
राजनाथ सिंह के बयान के जवाब में फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नहीं पहनी हैं.
जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) एक बार फिर खबरों में आ गए हैं. बड़बोले अब्दुल्ला पाकिस्तान को लेकर कुछ ऐसा कह गए हैं, जिस पर विवाद जल्द थमने वाला नहीं है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के एक बयान का जिक्र करते हुए पूर्व CM ने कहा कि पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं. उसके पास परमाणु बम हैं, जो हम पर गिरेंगे.
क्या कहा था राजनाथ ने?
पिछले महीने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत में हो रहे विकास को देखते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के लोग खुद भारत के साथ रहने की मांग करेंगे. सिंह ने आगे कहा था कि चिंता न करें, POK हमारा था, है और हमेशा रहेगा. भारत की ताकत बढ़ रही है, दुनिया भर में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ रही है, हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से मजबूत हो रही है. अब पीओके में हमारे भाई-बहन खुद भारत के साथ आने की मांग करेंगे.
हमारा ही है POK
राजनाथ के इसी बयान पर बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि यदि रक्षा मंत्री कह रहे हैं, तो कहें. हम उन्हें रोकने वाले कौन होते हैं? लेकिन याद रखें कि पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नहीं पहनी हैं. उनके पास भी एटम बम है और दुर्भाग्य से वो एटम बम हम पर गिरेगा. गौरतलब है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का वह हिस्सा है, जो पाकिस्तानी सीमा से लगता है. 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने विद्रोहियों की मदद से जम्मू-कश्मीर के इस भाग पर कब्जा कर लिया था. भारतीय सेना इस हिस्से को पाकिस्तान से वापस लेने के लिए लड़ रही थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) ने दखल देकर दोनों देशों के बीच युद्ध विराम करवा दिया और हमारे कश्मीर का ये हिस्सा पाकिस्तान के पास रह गया.
पहले से कम हुई दौलत
अब जब बात फारूक अब्दुल्ला की निकली है, तो यह भी जान लेते हैं कि उनके पास कितनी दौलत है. नेताओं की जन्मकुंडली बताने वाली वेबसाइट myneta के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव में अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे में बताया था कि उनके पास 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है. जबकि 2014 में उन्होंने 13 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति की बात कही थी. फारूक पहली बार 1980 में श्रीनगर सीट से सांसद चुने गए थे. इसके बाद वह 2009, 2017 (उपचुनाव) और 2019 में भी श्रीनगर सीट से जीतकर संसद पहुंचे.
रिलायंस के इतने शेयर
अब्दुल्ला ने 2017 - 2018 में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में अपनी इनकम 28 लाख 60 हजार दर्शाई थी. 2016 - 2017 में 17 लाख, 22 हजार, 2015 - 2016 में 21 लाख, 20 हजार, 2014 - 2015 में 13 लाख, 72 हजार और 2013 - 2014 में उनकी आय 13 लाख 49 हजार थी. 2019 के हलफनामे के अनुसार, उनके पास एक लाख रुपए कैश था. इसके अलावा, उनकी J&K बैंक में करीब 67 लाख रुपए की FD थीं. इसी तरह SBI में भी उन्होंने 20,66,708 रुपए और HDFC बैंक में 30,41,670 की FD कराई थी. फारूक अब्दुल्ला ने अपने पास रिलायंस के 6,63,964 रुपए के शेयर होने की भी जानकारी दी थी. उनके नाम पर मारुति और महिंद्रा की दो गाड़ियां हैं.
करोड़ों की बिल्डिंग है नाम
अब्दुल्ला के पास 2 करोड़ से अधिक मूल्य वाली एक कृषि भूमि है. इसी तरह, 60 लाख मूल्य की गैर-कृषि भूमि, 2 करोड़ की कमर्शियल बिल्डिंग, 4 करोड़ रुपए से अधिक कीमत वाली एक रेजिडेंशियल बिल्डिंग भी उनके नाम पर है. उनके ऊपर कोई देनदारी नहीं है. उन्होंने किसी भी बैंक से कोई लोन नहीं लिया है. अब्दुल्ला को श्रीनगर संसदीय सीट से 2014 में हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें पीडीपी के तारिक हमीद ने शिकस्त दी थी. फारूक अब्दुल्ला ने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली है. उन्होंने सेहत का हवाला देते हुए इस बार का लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है.
दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. वह आए दिन कुछ न कुछ दिलचस्प पोस्ट करते रहते हैं, जो वायरल हो जाता है. इस बार भी उन्होंने कुछ स्पेशल शेयर किया है.
देश में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का खुमार जोरों पर है और आम आदमी से लेकर अरबपति तक इनका लुत्फ उठा रहे हैं. भारतीय अरबपति आनंद महिंद्रा भी क्रिकेट प्रेमी हैं और उन्हें आईपीएल मैच आराम से देखने के लिए एक खास सोफे की तलाश है. महिंद्रा चेयरमैन ने अपने ट्विटर हैंडल से इस सोफे की तस्वीर शेयर की है और कहा है कि IPL Match देखने के लिए ये परफेक्ट है.
आनंद महिंद्रा ने शेयर की सोफे की तस्वीर
देश के दिग्गज बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहने वाले कारोबारियों में गिने जाते हैं. वह आए दिन कुछ न कुछ दिलचस्प पोस्ट करते रहते हैं, जो वायरल हो जाता है. इस बार भी उन्होंने कुछ खास पोस्ट शेयर किया है. इस एक्स पोस्ट में आनंद महिंद्रा ने एक सोफे की तस्वीर शेयर की है, जो एक कंगारू की थीम पर बना हुआ है. ये देखने में बेहद ही आकर्षक लग रहा है और इसकी डिजाइन महिंद्रा चेयरमैन को खासी पसंद आई है.
THIS is the Sunday Sofa I need.
— anand mahindra (@anandmahindra) May 5, 2024
Perfect for watching #IPL matches.. pic.twitter.com/OSKaVlRWlR
ये एक संडे सोफा है...
आनंद महिंद्रा ने ने इस सोफे की तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, 'ये एक Sunday Sofa है जिसकी मुझे जरूरत है.' उन्होंने आगे लिखा कि फिलहाल जारी IPL मैचों को देखने के लिए ये बिल्कुल परफेक्ट है. उनके द्वारा पोस्ट की गई इस सोफे की तस्वीर को अब तक 6 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. और 19000 से ज्यादा लाइक मिले हैं. सोशल मीडिया पर वायरल उनकी इस पोस्ट पर एक्स (X) यूजर्स भी अलग-अलग डिजाइन के सोफे की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं और मजाकिया कमेंट भी कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्ट
आनंद महिंद्रा द्वारा एक्स (X) पर किए गए पोस्ट तेजी से वायरल होते हैं और कुछ ऐसा ही इस बार भी हुआ है. महिंद्रा ग्रुप के मालिक द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने वाले पोस्ट को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है वो मोटिवेशन और इनोवेटिव होते हैं. कुछ ऐसा ही इनोवेशंस उनकी नई पोस्ट में नजर आ रहा है और इसे यूजर्स काफी पसंद कर रहे हैं. आनंद महिंद्रा की पोस्ट पर हजारों लोग कमेंट कर चुके हैं.
1 करोड़ से ज्यादा लोग करते हैं फॉलो
सोशल मीडिया पर वायरल उनकी इस पोस्ट पर एक्स यूजर्स भी अलग-अलग डिजाइन के सोफे की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं और मजाकिया कमेंट भी कर रहे हैं. महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन के हर सोशल मीडिया पोस्ट की तरह ये तस्वीर भी इंटरनेट पर छा चुकी है. गौरतलब है कि आनंद महिंद्रा के एक्स पर अपनी पोस्ट के लिए हिट हैं, उन्हें इस प्लेटफॉर्म पर 1.1 करोड़ से ज्यादा यूजर्स फॉलो करते हैं.
रिलायंस कैपिटल के लिए हिंदुजा समूह की आईआईएचएल की ओर से सबसे ज्यादा बोली लगाई गई है. लेकिन इस खरीद प्रक्रिया की धीमी रफ्तार को लेकर भी सवाल उठाया जा चुका है.
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए वैसे तो बोलियां कई लोगों ने लगाई हैं लेकिन अब तक की सबसे बड़ी बोली हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग की ओर से लगाई गई है. लेकिन वो फंड जुटा पाएगी या नहीं इसे लेकर संशय चल रहा था. लेकिन अब कंपनी की ओर से ये बताया गया है कि वो कैसे इसके लिए फंड का इंतजार करेगी. कंपनी की ओर से ये जानकारी सामने आने के बाद माना जा रहा है कि अब अनिल अंबानी की कंपनी का बिकना तय है.
हिंदुजा समूह ने अपनी जानकारी में क्या कहा?
दरअसल हिंदुजा समूह इंडसइंड इंटरनेशन होल्डिंग का टारगेट 2030 तक 50 अरब डॉलर यानी 4.2 लाख करोड़ रुपये तक लेकर जाना चाह रही है. कंपनी ने इस टारगेट में रिलायंस कैपिटल के साथ होने वाला नया कारोबार भी शामिल है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अशोक हिंदुजा बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत पर ले जाना चाह रही है. इसके लिए समूह की ओर से रेग्यूलेटरी अप्रूवल भी ले लिए गए हैं. लेकिन कंपनी का कहना है कि वो इस काम को चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी.
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अब जानिए आखिर कहां से पैसा जुटाएगा हिंदुजा समूह
रिलायंस कैपिटल को खरीदने हिंदुजा समूह ने 9661 करोड़ रुपये में बोली लगाई है. हिंदुजा समूह का कहना है कि जैसे ही इरडा (इंश्योरेंस रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) की ओर से इस डील को मंजुरी मिलेगी तुरंत सभी बैंकों का बकाया अदा कर दिया जाएगा. उनका कहना है कि हमें बैंकरों से 7500 करोड़ मिल जाएंगे. इस मामले में बैंकरों ने हमें पत्र से सूचित किया है. उन्होंने ये भी कहा है कि कंपनी रिलायंस हेल्थ स्कीम को फिर से लाने पर विचार कर रही है. यही नहीं कंपनी रिलायंस सिक्योरिटीज और रिलायंस एसेट क्रिएशन को भी बढ़ाने का फैसला किया है.
27 मई तक लागू करनी है समाधान योजना
कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल को लेकर हिदुंजा समूह को 27 मई तक का समय दिया गया है. ये तारीख समूह को एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) की ओर से दी गई है. IIHL को रिलालंस कैपिटल के कर्जदारों को 9650 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. इससे पहले रिलायंस कैपिटल का ऑडिट करने वाली कंपनी और उसके ऑडिटर्स पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है. कंपनी और ऑडिटर्स पर 4.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था.
सोमवार को बाजार तो तेजी से खुला लेकिन निफ्टी में गिरावट का असर कई शेयरों पर देखने को मिला. इस गिरावट के कारण कई कारोबारियों को नुकसान हुआ.
सोमवार को बाजार खुलते ही तो तेजी देखने को मिली लेकिन निफ्टी में 6 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. इस गिरावट का असर ये रहा कि बाजार में कई कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट हो गई, जिससे झुनझुनवाला परिवार को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा. टाइटन कंपनी के शेयरों को होल्ड करने वाले झुनझुनवाला परिवार को इस गिरावट के कारण 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
आखिर सोमवार को कितने पर खुला बाजार?
सोमवार को बाजार तेजी के साथ खुला, जिसमें निफ्टी 85.80 अंक के यानी 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22561.60 के स्तर पर खुला, सेंसेक्स 318.53 अंक यानी 0.43 की बढ़त के साथ 74196.68 के स्तर पर खुला. वहीं अगर निफ्टी बैंक पर नजर डालें तो 251.05 अंक यानी 0.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 49174.60 अंक पर खुला.
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इन शेयरों में दिखी तेजी और इनमें हुआ नुकसान
सोमवार को बाजार खुलने के साथ ही जिन शेयरों में बढ़त देखने को मिली उनमें ब्रिटानिया(Britania), Mahindra Kotak Bank, TCS, Eicher Motors, Ultratech Cement, जैसे शेयर शामिल हैं. वहीं जिन शेयरों में गिरावट देखने को मिली उनमें Titan, SBI, Sriram Finance, Bajaj Auto और Adani Ports, जैसे शेयरों में गिरावट देखने को मिली.
इस कारोबारी को हुआ करोड़ों का नुकसान
झुनझुनवाला परिवार को उठाना पड़ा बड़ा नुकसान हुआ. टाटा के वेंचर टाइटन में भागीदारी रखने वाले झुनझुनवाला के पास कंपनी के 5.35 प्रतिशत शेयर हैं. इन शेयरों की कुल कीमत 16792 करोड़ रुपये है. ये वैल्यू शुक्रवार को बाजार बंद होने के दौरान थी. लेकिन सोमवार को टाइटन के मार्केट कैप में बड़ी गिरावट देखने को मिली. ये 3 लाख करोड़ रुपये से 298815 तक पहुंच गया. जबकि शु्क्रवार को कंपनी के शेयरों की कीमत 313868 करोड़ रुपये थी.