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अभी नहीं सुलझी है Go First के उड़ान भरने की गुत्थी, अब नया सवाल आया सामने
गो फर्स्ट पर कुल 7040 करोड़ रुपये का कर्ज है, इसमें 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा सेंट्रल बैंक हैं. वहीं गो फर्स्ट के लिए कुल 1600 करोड़ का ऑफर मिला है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
Go First को लेकर चल रहे विवाद का समाधान सुलझने की उम्मीद स्पाइसजेट (Spicejet) और EaseMytrip के प्रपोजल को लेकर देखने को मिली थी. लेकिन अब खबर आ रही है कि इस मामले में गो फर्स्ट के कर्जदाता अब एक नई मांग कर रहे हैं. उनकी मांग है कि वो इस प्रपोजल को तभी स्वीकार करेंगें जब उनके कर्ज की पर्याप्त रिकवरी संभव होगी. स्पाइसजेट (EaseMytrip) के साथ मिलकर 1600 करोड़ रुपये का ऑफर दे रहे हैं.
आखिर क्या है ये नया डेवलपमेंट?
गो फर्स्ट के समाधान के लिए Spicejet और Easemytrip ने मिलकर 1600 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है. इसमें 1000 करोड़ रुपये में उसका अधिग्रहण शामिल है. जबकि 600 करोड़ रुपये विमान सेवा के संचालन के लिए हैं. शुक्रवार को इस मामले में दो बोलियां लगाई गई हैं. अब इनकी कोर्ट के अधिकारी जांच ककुल रेंगे. लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गो फर्स्ट के कर्जदाताओं का कहना है कि अगर बेहतर ऑफर मिलेगा वो तभी इस ऑफर को स्वीकार करेंगे. अगर बोलियां सही नहीं हुई तो वो परिसमापन (Liquidation) का विकल्प सुन सकते हैं.
गो फर्स्ट पर इतना है कर्ज
गो फर्स्ट पर मौजूदा समय में बड़ा कर्ज है. सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने गो फर्स्ट को बड़ा कर्ज दिया है. गो फर्स्ट पर कुल 11463 करोड़ रुपये का कर्ज है. जबकि बैंकों के कर्ज की बात करें तो गो फर्स्ट पर 6521 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसमें 1300 करोड़ रुपये कंपनी को इमरजेंसी क्रेडिट लाइन कर्ज के मिले हैं. इस मामले में आरपी बनाए गए अधिकारी ने 7040 करोड़ रुपये के दावों को स्वीकार किया है, जिसमें 4257 करोड़ रुपये अकेले सेंट्रल बैंक के हैं.
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