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Tata Group की ये कंपनी देने वाली है अपने निवेशकों को बड़ी खुशखबरी!
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड दूसरे अंतरिम डिविडेंड का जल्द ऐलान कर सकती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने वालों को डिविडेंड (Dividend) की घोषणा का बेसब्री से इंतजार रहता है. लिस्टेड कंपनियां अपनी सुधरती बैलेंसशीट की खुशी में शेयरधारकों को डिविडेंड देकर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखरती रहती हैं. अब टाटा समूह (Tata Group) की एक कंपनी भी कुछ ऐसा ही करने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (Tata Consultancy Services Ltd) दूसरे अंतरिम डिविडेंड का जल्द ऐलान कर सकती है. कंपनी ने इसके लिए रेकॉर्ड डेट की घोषणा कर दी है.
बोर्ड की मंजूरी का इंतजार
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड को बस बोर्ड की मंजूरी का इंतजार है. मंजूरी मिलते ही कंपनी 20 अक्टूबर से पहले एक्स-डिविडेंड ट्रेड करेगी. गौरतलब है कि TCS ने एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि 11 अक्टूबर को Tata Group की बैठक है, जिसमें अंतरिम डिविडेंड पर फैसला हो सकता है. इसी के साथ ही, 19 अक्टूबर डिविडेंड की एक्स डेट तय हो सकती है. इससे पहले कंपनी ने जनवरी 2023 को दो बार डिविडेंड दिए थे. उसकी तरफ से अपने निवेशकों को 67 और 8 रुपए का डिविडेंड दिया गया था. इसी साल जून में भी कंपनी ने 24 रुपए और जुलाई में 9 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड दिया था.
ऐसा है शेयरों का हाल
वहीं, शेयर मार्केट में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड के प्रदर्शन की बात करें, तो बीते 5 दिनों में कंपनी के शेयरों में 1.63% के गिरावट आई है. शुक्रवार को भी TCS के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए थे. हालांकि, एक पिछले एक महीने में TCS ने 4.31%, छह महीनों में 10.16% और एक साल में 18.09% का रिटर्न दिया है. टीसीएस के शेयरों का 52 सप्ताह का हाई लेवल 3,633.75 रुपए है और 52 वीक का लो लेवल 2,950.10 रुपए.
क्या होता है डिविडेंड?
डिविडेंड की बात निकली है, तो चलिए इसे विस्तार से समझ लेते हैं. जब कोई कंपनी साल भर में कमाए गए अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयरहोल्डर्स में बांटती है तो उसे डिविडेंड कहते हैं. हालांकि कई बार ऐसे भी होता है कि कंपनियां मुनाफे की बजाय सरप्लस कैश से भी शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड बांटती हैं. कंपनियों के लिए डिविडेंड देना जरूरी नहीं होता है, क्योंकि इससे कंपनियों को कुछ हासिल नहीं होता, सिवाय शेयरहोल्डर्स की खुशी और भरोसे के. इसलिए कंपनी चाहे तो वो अपने मुनाफे में से एक भी पैसा शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड के रूप में न दे. अक्सर देखा गया है कि छोटी-छोटी कंपनियां या जिन्होंने अभी-अभी अपना काम शुरू किया है, वो कंपनियां डिविडेंड नहीं देतीं. क्योंकि वो अपने मुनाफे को शेयरहोल्डर्स को देने की बजाए वापस बिजनेस के विस्तार और ग्रोथ में लगा देती हैं. जो कंपनियां डिविडेंड देती हैं वो आमतौर पर पूरी तरह से स्थापित और बड़ी कंपनियां होती हैं, लेकिन हर बड़ी कंपनी डिविडेंड दे ये भी जरूरी नहीं.
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