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Tata Steel की मदद करेगी ब्रिटिश सरकार, प्रदान करेगी 621 मिलियन की सहायता!
ब्रिटेन सरकार द्वारा समर्थन पैकेज के रूप में 621 मिलियन डॉलर्स की राशी भी कंपनी को प्रदान की जाएगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
पिछले कुछ सालों के दौरान भारत तेजी से दुनिया भर में इन्वेस्टमेंट के पसंदीदा विकल्प के रूप में उभर रहा है. अब हाल ही में भारतीय स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील (Tata Steel) को लेकर एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. ब्रिटेन की सरकार ने घोषणा कर जानकारी दी है कि वह टाटा स्टील को 621 मिलियन डॉलर्स का पैकेज देगी.
सहायता प्रदान करेगी ब्रिटिश सरकार
ब्रिटिश सरकार ने हाल ही में घोषणा कर इस बात की जानकारी दी है कि स्टील का निर्माण करने के लिए स्टेट-ऑफ-दि-आर्ट इलेक्ट्रिक भट्टी बनाने में वह टाटा स्टील की मदद करेगी. इसके साथ ही ब्रिटेन सरकार द्वारा समर्थन पैकेज के रूप में 621 मिलियन डॉलर्स की राशी भी कंपनी को प्रदान की जाएगी. स्टील बनाने वाली इस स्टेट-ऑफ-दि-आर्ट इलेक्ट्रिक भट्टी का निर्माण साउथ वेल्स शहर के पोर्ट टालबोट (Port Talbot) नामक स्थान पर किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट का निर्माण कुल 1.25 बिलियन डॉलर्स की लागत से किया जाएगा. समझौते के तहत ब्रिटिश सरकार द्वारा कोयले से चलने वाली दो भट्टियों को हटाकर जीरो-कार्बन वाली भट्टी लगाने और पर्यावरण के नजरिये से ज्यादा सुरक्षित विकल्प प्रदान करने में राज्य की तरफ से सहायता प्रदान की जाएगी.
कार्बन एमिशन से मिलेगी मुक्ति
कल एक रेगुलेटरी फाइलिंग के दौरान टाटा स्टील (Tata Steel) ने जानकारी देते हुए बताया था कि यह प्रोजेक्ट ब्रिटेन की स्टील सुरक्षा को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय स्टील इंडस्ट्री को कोयले से मुक्ति दिलाने की तरफ यह पहला और काफी जरूरी कदम होगा. कंपनी का कहना है कि इस एक प्रोजेक्ट की मदौलत आने वाले दशक के दौरान 50 मिलियन टन एमिशन से सीधे तौर पर मुक्ति मिलेगी. इसके साथ ही क्षेत्रीय स्टील को बढ़ावा देने में और इसकी कीमत में बढ़ोत्तरी करने में भी ब्रिटेन को काफी मदद मिलेगी.
ब्रिटेन को भी होगा फायदा
कंपनी ने यह भी बताया है कि इस प्रोजेक्ट के बाद पोर्ट टालबोट (Port Talbot) में स्टील बनाने की प्रक्रिया जारी रहेगी और इससे टाटा स्टील ब्रिटेन एक ज्यादा टिकाऊ और कैपिटल-कुशल कंपनी के रूप में उभरेगी और साथ ही कंपनी को प्रॉफिटेबलिटी प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी. साथ ही कंपनी ने यह भी कहा है कि ब्रिटिश सरकार की मदद से यह प्रोजेक्ट एक जबरदस्त इन्वेस्टमेंट के रूप में उभरकर भी सामने आएगा.
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