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अब सेमीकंडक्टर में भी आत्मनिर्भर बनेगा भारत, इस राज्य में लगने जा रहा है प्लांट!
आजकल गाड़ियां लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पर बन रही हैं, जिनमें तमाम आधुनिक फीचर्स होते हैं. गाड़ियों की पावर स्टीयरिंग, ब्रेक सेंसर, एंटरटेनमेंट सिस्टम, एयरबैग आदि में सेमीकंडक्टर चिप इस्तेमाल होती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
कोरोना महामारी के बाद से सेमीकंडक्टर (Semiconductor) चिप की किल्लत देखने को मिल रही है. चूंकि ये छोटी सी चिप विदेशों से भारत में आती है, इसलिए हमारी कंपनियों के पास इंतजार के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. इस 'इंतजार' की वजह से ऑटोमोबाइल से लेकर स्मार्टफोन इंडस्ट्री तक से जुड़ी कंपनियों को अच्छा-खासा नुकसान उठाना पड़ा है. हालांकि, आने वाले समय में स्थिति ऐसी नहीं रहेगी, क्योंकि भारत इस मामले में भी आत्मनिर्भर बनने जा रहा है.
20 अरब डॉलर का निवेश
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) के साथ मिलकर वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd) 20 अरब डॉलर का जॉइंट वेंचर स्थापित करेगी. देश में जल्द ही समीकंडक्टर का एक बड़ा प्लांट लगाया जाएगा. वेदांता ने इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए उस राज्य का भी चुनाव कर लिया है, जहां प्लांट लगाया जाएगा. रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने गुजरात के अहमदाबाद के पास एक जगह चुनी है.
सरकार की है ये मांग
वेदांता ने सेमीकंडक्टर प्लांट बनाने के लिए गुजरात से सस्ती बिजली, वित्तीय और गैर वित्तीय सब्सिडी की मांग की है. रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि राज्य सरकार इसके लिए तैयार है. यदि सबकुछ ठीक रहा, तो गुजरात में अहमदाबाद के पास डिस्प्ले और सेमीकंडक्टर बनाने का प्लांट लगेगा. यह भी बताया गया है कि वेदांता ने मुफ्त में 1000 एकड़ जमीन 99 वर्षों के लिए लीज पर देने की मांग की थी. इसके अलावा, 20 वर्षों के लिए रियायती और तय कीमतों पर पानी-बिजली भी मांगा था.
इन राज्यों पर भी नज़र
हालांकि, वेदांता या फॉक्सकॉन की तरफ से इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आता है. न ही सरकार ने इस पर कोई टिप्पणी की है. जबकि सूत्र बताते हैं कि दोनों पक्षों के बीच एमओयू साइन होने की घोषणा इस हफ्ते हो सकती है. गुजरात के अलावा, वेदांता और फॉक्सकॉन के इस प्रोजेक्ट के लिए महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में तलाशी जा सकती है.
क्या है चिप, क्यों है ज़रूरी?
आजकल सभी गाड़ियां लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पर बन रही हैं, जिनमें तमाम तरह के आधुनिक फीचर्स होते हैं. गाड़ियों की पावर स्टीयरिंग, ब्रेक सेंसर, एंटरटेनमेंट सिस्टम, एयरबैग और पार्किंग कैमरों में सेमीकंडक्टर चिप इस्तेमाल होती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक वाहन में 1,000 से अधिक सेमीकंडक्टर चिप्स लगाईं जाती हैं. ऐसे में इसकी कमी ने कंपनियों को परेशान कर दिया है. ऑटो सेक्टर के अलावा, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री में भी चिप बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होती है. भारत में चिप बनने से इसकी कमी दूर हो जाएगी.
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