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आरिज खंबाटा का वो बिजनेस मंत्र, जिसने रसना को हर घर की पसंद बना दिया
रसना अपने टेस्ट और कम कीमत के लिए पहचाना जाता है. उस जमाने में 5 रुपए के रसना के एक पैकेट से 32 गिलास सॉफ्ट ड्रिंक बन जाते थे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
रसना ग्रुप के फाउंडर Ariz Pirojshah Khambata अब हमारे बीच नहीं हैं. उनका 85 साल की उम्र में निधन हो गया. 80 और 90 के दशक में रसना हर घर की पसंद था. कुछ और मिले या न मिले, लेकिन घरों में रसना जरूर मिलता था. इसका पूरा श्रेय आरिज खंबाटा को ही जाता है. कम कीमत और बेहतरीन स्वाद के चलते रसना इतना पॉपुलर हुआ कि लोग कहने को मजबूर हो गए - 'आई लव यू रसना'.
1976 में पड़ी थी नींव
रसना आज भी बाजार में अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए है. मार्केट में कई बड़ी कंपनियों की मौजूदगी और गला-काट प्रतिस्पर्धा के बावजूद रसना ने लोगों को अपना स्वाद भूलने नहीं दिया है. रसना की शुरुआत 1979 में हुई थी, मगर इसकी नींव सन 1976 में तब पड़ी, जब अहमदाबाद के खंबाटा परिवार ने रेडी-टू-सर्व कांसन्ट्रेट सॉफ्ट ड्रिंक्स तैयार करके ऑरेंज की एक वैरायटी ‘जाफे’ के नाम से लॉन्च किया. हालांकि, जब अरीज खंबाटा ने अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाया, तो उन्होंने ‘जाफे’ का नाम बदलकर रसना कर दिया यानी - रस + जूस. इसके बाद हुई देश के सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत.
क्या था बिजनेस मंत्र?
आरिज खंबाटा का बिजनेस मंत्र था - उत्पाद भारतीय परंपरा के अनुसार होना चाहिए और आम आदमी तक उसकी पहुंच होनी चाहिए. रसना में यह दोनों ही देखने को मिलते थे. रसना का बेहतरीन टेस्ट और कम कीमत ने इसे पूरे देश में फेमस कर दिया था. उस जमाने में 5 रुपए के रसना के एक पैकेट को 32 गिलास सॉफ्ट ड्रिंक में बदला जा सकता था. इस हिसाब से कीमत मात्र 15 पैसे प्रति गिलास पड़ती थी. यही वजह थी कि रसना हर घर की पसंद बन गया था.
ब्रैंड प्रमोशन पर जोर
आरिज खंबाटा ने ब्रैंड प्रमोशन पर भी जोर दिया. उन्होंने अपने प्रोडक्ट की टैग लाइन रखी - 'आई लव यू रसना' जो लंबे समय तक लोगों के दिलोदिमाग पर छाई रही. 80 और 90 के दशक में पले-बढ़े लोग शायद ही इसे कभी भूल पाएं. ऋतिक रोशन, अक्षय कुमार और कपिल देव जैसे कई सेलिब्रिटीज रसना के विज्ञापन में नजर आ चुके हैं. हालांकि, आरिज खंबाटा उन लोगों में नहीं थे, जिनका पूरा ध्यान केवल विज्ञापनों पर रहता है. उनके लिए प्रोडक्ट क्वालिटी पहली प्राथमिकता था, इसलिए वह रसना और बेहतर बनाने की कोशिश करते रहते थे.
बाजार में इतनी हिस्सेदारी
आरिज ने विरासत में मिले कारोबारों को जमीन से आसमां पर पहुंचा था और अब परिवार की अगली पीढ़ी इसे आगे बढ़ा रही है. सॉफ्ट ड्रिंक कांसन्ट्रेट मार्केट में ब्रांड की हिस्सेदारी करीब 80% है, इसके बाद मोंडेलेज इंडिया-मार्केटेड टैंग का नंबर आता है. रसना दुनिया भर के 60 देशों में बेचा जाता है. देशभर में कंपनी के 9 प्लांट हैं. 26 डिपो, 200 सुपर-स्टॉकिस्ट और 5,000 स्टॉकिस्ट सहित कंपनी के पास 16 लाख आउटलेट्स का नेटवर्क है. कोका-कोला और पेप्सी जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए रसना ने जिस तरह से बाजार में अपनी पकड़ बनाई है, उसके लिए आरिज पिरोजशाह खंबाटा की कुशल रणनीतियां ही जिम्मेदार हैं.
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