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SBI इकट्ठा करेगा 50,000 करोड़ रूपए, जानिए कैसे इकट्ठा होगा इतना बड़ा फंड?
बैंक के बोर्ड ने भारतीय रुपये या फिर किसी अन्य कनवर्टिबल करेंसी में डेट इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करके फंड्स इकट्ठा करने की अनुमति दे दी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
SBI यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, भारत का सबसे बड़ा उधारदाता है. हाल ही में भारत के इस सबसे बड़े उधारदाता को वित्त वर्ष 24 के दौरान डेट इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से 50,000 करोड़ रूपए इकट्ठा करने के लिए बोर्ड से अनुमति मिल गई है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि SBI द्वारा जिन डेट इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है उनमें लॉन्ग-टर्म बॉन्ड्स, बेसल 3 के अनुरूप अतिरिक्त टियर 1 के बॉन्ड्स और बेसल 3 के अनुरूप टियर 2 के बॉन्ड्स का इस्तेमाल किया जा सकता है.
कैसे फंड्स इकट्ठा करेगा SBI?
SBI ने एक्सचेंज फाइलिंग के दौरान कहा कि बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने आपसी सहमति से भारतीय रुपये या फिर किसी अन्य कनवर्टिबल करेंसी में डेट इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करके फंड्स इकट्ठा करने की अनुमति दे दी है. इन डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लॉन्ग-टर्म बॉन्ड्स, बेसल 3 के अनुरूप टियर 1 के अतिरिक्त बॉन्ड्स और बेसल 3 के अनुरूप टियर 2 के बॉन्ड्स शामिल जरूर हैं लेकिन 50,000 करोड़ का फंड इकट्ठा करने के लिए डेट इंस्ट्रूमेंट्स केवल इन्हीं कारकों पर आधारित नहीं है, बल्कि वित्त वर्ष 24 के दौरान भारतीय या फिर विदेशी इन्वेस्टर्स को प्राइवेट प्लेसमेंट मोड द्वारा भी फंड्स इकट्ठा किए जा सकते हैं और जहां आवश्यकता होगी, वहां सरकार की अनुमति भी ली जाएगी.
SBI का प्रॉफिट
हाल ही में SBI ने बताया था कि 9 जून को वित्त वर्ष के दौरान फंड्स इकट्ठा करने के लिए उसके बोर्ड की बहुत जरूरी मीटिंग होने वाली है. मार्च 2023 में खत्म हुए वित्त वर्ष 23 के चौथे क्वार्टर के लिए SBI ने 16,694.5 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट की सूचना दी थी. सालाना आधार पर इस आंकड़े में लगभग 83% की वृद्धि दर्ज की गई थी. पिछले वित्त वर्ष के इसी क्वार्टर के दौरान बैंक का नेट प्रॉफिट 9113.5 करोड़ रूपए हुआ करता था. वहीं दूसरी तरफ अगर वित्त वर्ष 23 की बात करें तो SBI ने 50,000 करोड़ रूपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था जो सालाना आधार पर 58.58% ज्यादा है.
SBI की परफॉरमेंस
वित्त वर्ष 23 के चौथे क्वार्टर के दौरान राज्य द्वारा चलाए जाने वाले इस बैंक की NII यानी नेट इंटरेस्ट इनकम में सालाना आधार पर 29.5% की बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी जिसके बाद यह 40,392 करोड़ रूपए पर पहुंच गई थी. दूसरी तरफ बैंक के घरेलु नेट इंटरेस्ट मार्जिन यानी NIM में 44 BPS की बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी. वित्त वर्ष 23 के आखिरी महीनों के दौरान SBI के CAR (Capital Adequacy Ratio) में सालाना आधार पर 85 bps की वृद्धि देखने को मिली और यह 14.68% पर स्थिर बना रहा. पिछले एक साल के दौरान SBI के स्टॉक की कीमतों में 23% से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है.
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