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देशी-विदेशी स्टार्टअप्स एम्पलाइज के लिए 'संकट'; 2022 पड़ रहा है यूं भारी
भारत सहित विश्व भर में स्टार्टअप्स की बयार मंद पड़ गई है. भारत में दुनिया के 60 फीसदी स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः भारत सहित विश्व भर में स्टार्टअप्स की बयार मंद पड़ गई है. इसके कारण तो काफी है, लेकिन इस वजह से एक साल में 93 हजार से अधिक लोगों को छंटनी का शिकार होना पड़ा है. इसका असर भारत में भी देखने को मिला है. इस साल जुलाई तक भारतीय स्टार्टअप्स भी 12 हजार लोगों को नौकरी से अलविदा कह चुके थे और ये सिलसिला अभी भी जारी है. फंडिंग न मिलने से विश्लेषकों का कहना है कि इस साल के अंत तक लागत को घटाने के लिए 50,000 और लोगों को नौकरी से निकाला जा सकता है.
भारत में दुनिया के 60 फीसदी स्टार्टअप्स
भारत में दुनिया के 60 फीसदी स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं. फंडिंग की कमी और कारोबार में फायदा नहीं होने की वजह से स्टार्टअप के हालात खराब हैं. यही कारण है कि लागत घटाने के लिए कर्मचारियों की छंटनी हो रही है.सबसे ज्यादा प्रभावित होनेवाली कंपनियों में एडटेक क्षेत्र की हैं. इसमें बायजू, अनअकादमी, वेदांतू, कार्स 24, एमपीएल, लिडो लर्निंग, ट्रेल, फारआई और अन्य हैं.
क्रिप्टो में भी मची मारामारी
कोरोना के बाद जिस तरह से क्रिप्टो का बाजार तेजी से भागा, उससे ढेर सारी कंपनियां इस क्षेत्र में आ गईं. पर अब क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में 70 फीसदी से ज्यादा गिरावट ने निवेशकों के साथ-साथ कंपनियों को भी परेशान कर दिया है. इसमें जेमिनी, वाल्ड, बिटपांडा और अन्य ने अपने कर्मचारियों की संख्या घटाने की योजना बनाई है.
700 स्टार्टअप्स में हुई छंटनी
क्रंचबेस साइट के अनुसार जुलाई और सितंबर के बीच दुनियाभर में स्टार्टअप कंपनियों ने छह लाख करोड़ रुपये जुटाए थे. साइट द्वारा 2007 में फंडिंग के आंकड़े जुटाने के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है. पिछले साल की समान अवधि से 53 फीसदी कम है. स्टार्टअप्स में छंटनी पर नजर रखने वाली साइट लेऑफ्सडॉटएफवाई के अनुसार 700 स्टार्टअप्स ने इस साल 93 हजार कर्मचारियों को निकाला है.
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