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GoFirst को खरीदने के लिए बेताब हैं SpiceJet वाले अजय सिंह, उठाया ये कदम
इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग से गुजर रही गो फर्स्ट के लिए अजय सिंह ने बोली राशि बढ़ा दी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
दिवालिया हो चुकी एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) को खरीदने के लिए स्पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह (SpiceJet CMD Ajay Singh) बेकरार नजर आ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंह ने गो फर्स्ट के लिए बोली बढ़ा दी है. बैंकों के आग्रह पर कंसोर्टियम, जिसमें अजय सिंह और बिजी बी एयरवेज शामिल हैं, ने बोली राशि 100 से 150 करोड़ रुपए बढ़ा दी है. जबकि मूल बोली राशि 1600 करोड़ रुपए है.
स्काई वन भी है दौड़ में
गो फर्स्ट ने पिछले साल मई में बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया था. इसके बाद कंपनी को 2 बोलियां प्राप्त हुई थीं. एक अजय सिंह के कंसोर्टियम की तरफ से और दूसरी शारजाह स्थित स्काई वन एयरवेज से. जानकारी के मुताबिक, दोनों प्रस्तावों में बोली राशि कर्जदाताओं की समिति (COC) की अपेक्षाओं से काफी कम थी. इसलिए दोनों बोलीदाताओं से इसे बढ़ाने का आग्रह किया था. अजय सिंह ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए Go First के लिए अपनी बोली बढ़ा दी है.
कंपनी पर कितना है कर्ज?
गो फर्स्ट के लेंडर्स में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक और ड्यूश बैंक शामिल हैं. कंपनी पर इन बैंकों का कुल 65.21 अरब रुपए बकाया है. समिति पेशेवर के माध्यम से स्काई वन के साथ बातचीत कर रही है. वहीं, अजय सिंह और बिजी बी की संयुक्त बोली पर अगली सीओसी बैठक में चर्चा की जाएगी. बता दें कि गो फर्स्ट ने अपनी बर्बादी के लिए प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) को दोषी ठहराया है. उसका कहना है कि अमेरिकी कंपनी Pratt & Whitney ने इंजनों की आपूर्ति समय पर नहीं की, जिसकी वजह से उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा. प्रैट एंड व्हिटनी विमानों के इंजन बनाती है और इस मामले में दुनिया की लीडिंग कंपनी है.
कैसे बर्बाद हुई Go First?
गो फर्स्ट ने कहा था कि अमेरिकी फर्म ने ऑर्डर के मुताबिक इंजन नहीं दिए, जिसके चलते उसके बेड़े के 50% विमानों का परिचालन ठप रहा. यानी वो उड़ान भरने की स्थिति में नहीं रहे. P&W की तरफ से इंजन की सप्लाई लगातार प्रभावित रही. गो फर्स्ट ने उसे 27 अप्रैल, 2023 तक कम से कम 10 स्पेयर लीज्ड इंजन और 10 अतिरिक्त इंजन देने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इतना ही नहीं, उसकी ओर से भेजे जा रहे इंजनों के विफल होने की संख्या बढ़ती रही. नतीजतन उड़ानें बंद करनी पड़ीं. गो फर्स्ट के बेड़े में लगभग 90% प्रैट एंड व्हिटनी के इंजन वाले A320 नियो विमान हैं. स्पेयर पार्ट्स की अनुपलब्धता और P&W की ओर से रेट्रो फिटेड इंजनों की आपूर्ति में देरी के कारण कई विमानों को सेवा से बाहर करना पड़ा. इसके बाद अपनी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए कंपनी ने खुद ही नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में वॉलेंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए एप्लिकेशन दी थी.
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