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Fake Review से तौबा कर लेंगी ई-कॉमर्स कंपनियां, सरकार ने की है ये जोरदार तैयारी!
डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर को लगातार शिकायत मिल रही हैं कि कई कंपनियां फेक रिव्यु लिखवाती हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
अमेजन और फिल्पकार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर खरीदारी करते समय लोग रिव्यु पर काफी ध्यान देते हैं. काफी हद तक ये रिव्यु ही तय करते हैं कि कोई उत्पाद खरीदा जाएगा या नहीं. अगर किसी प्रोडक्ट के बारे में पॉजिटिव रिव्यु हैं, तो उसके खरीदे जाने की संभावना बढ़ जाती है. वहीं, इसके उलट नेगेटिव रिव्यु प्रोडक्ट में लोगों की दिलचस्पी को कम कर देते हैं. यदि वजह है कि फेक रिव्यु का बाजार भी काफी बड़ा हो गया है. हालांकि, अब सरकार इस पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने जा रही है.
जारी होंगे दिशानिर्देश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने इस संबंध में एक ड्राफ्ट फ्रेमवर्क तैयार किया है और जल्द ही दिशानिर्देश भी जारी किए जा सकते हैं. बताया जा रहा है कि दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 10 लाख से लेकर 50 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने इस साल जून में गठित एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह दिशानिर्देश तैयार किए हैं. समिति में विज्ञापन मानक परिषद), भारतीय उद्योग परिसंघ और उपभोक्ता मामलों के विभाग आदि शामिल थे.
अन-वेरिफाइड स्टार रेटिंग
डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर को लगातार शिकायत मिल रही हैं कि कई कंपनियां फेक रिव्यु लिखवाती हैं. ये फेक रिव्यु कंज्यूमर को प्रभावित करने और प्रतियोगी कंपनी को नुकसान पहुंचाने के लिए लिखे जाते हैं. ई-कॉमर्स वेबसाइट पर फेक पेड़ रिव्यू लिखने के साथ-साथ अन-वेरिफाइड स्टार रेटिंग के मामलों में पिछले कुछ समय में काफी इजाफा देखने को मिला है. वैसे, फेक रिव्यू केवल अमेजन और फिल्पकार्ट तक ही सीमित नहीं है. ट्रैवल और होटल बुकिंग प्लेटफार्म पर भी फेक रिव्यू के मामले देखने में मिल रहे हैं.
नकेल कसना इसलिए जरूरी
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार को इस बारे में जल्दी कुछ करना चाहिए, क्योंकि ऑनलाइन सामान और सेवाओं की खरीदारी दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. ऑनलाइन शॉपिंग में लोग केवल प्रोडक्ट की तस्वीर, स्टार रेटिंग देखकर और उसके बारे में दिए ग्राहकों के रिव्यू पढ़कर खरीदारी करते हैं. ऐसे में फेक रिव्यू के चक्कर में कई बार वो खराब क्वालिटी वाले प्रोडक्ट भी खरीद लेते हैं.
हटाने होंगे अनवेरिफाइड बायर्स
फेक और भ्रामक रिव्यू एक तरह से कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत दिए गए राइट टू बी इनफॉर्म्ड का उल्लंघन करते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए अब सरकार फेक रिव्यू पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है. जल्द ही ई-कॉमर्स वेबसाइट पर किसी कंपनी की साख खराब करने वाले या अन्य यूजर को भ्रमित करने के लिए फेक पेड रिव्यू लिखने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, कॉमर्स कंपनियों से अनवेरिफाइड बायर्स और समीक्षकों को हटाने के लिए भी कहा जा सकता है. ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा.
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