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Adani-Hindenburg मामले में SEBI ने दर्ज ने की रिपोर्ट, क्या है पूरा मामला?
SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) द्वारा अडानी-हिंडनबर्ग (Adani-Hindenburg) मामले की जांच की जा रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
इस साल की शुरुआत में भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) की अध्यक्षता वाले अडानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग (Adani-Hindenburg) ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कंपनी पर टैक्स हैवन्स का गलत इस्तेमाल और जालसाजी जैसे विभिन्न मामले शामिल थे. इस रिपोर्ट की वजह से अडानी ग्रुप को 100 बिलियन डॉलर्स से ज्यादा का नुक्सान उठाना पड़ा था.
SEBI की रिपोर्ट
भारतीय मार्केट रेगुलेटर SEBI यानी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा फिलहाल अडानी-हिंडनबर्ग (Adani-Hindenburg) मामले की जांच की जा रही है. हाल ही में SEBI ने सुप्रीम कोर्ट में एक स्टेटस रिपोर्ट दर्ज की है. इस रिपोर्ट में SEBI द्वारा सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी गई है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कुल 24 मामलों पर जांच बिठाई गई थी जिसमें से 22 मामलों पर जांच लगभग अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है जबकि 2 मामले अभी भी अंतरिम हैं.
SEBI लेगा एक्शन
SEBI ने इस रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया है कि जांच का नतीजा सामने आने के बाद मार्केट रेगुलेटर द्वारा उचित एक्शन भी लिया जाएगा. SEBI द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश की गई इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस 2 मामलों में SEBI को विदेशी एजेंसियों से जानकारी मिलने की उम्मीद है. SEBI ने अपेक्स कोर्ट में यह भी बताया है कि बाकी पड़े 2 मामले अडानी ग्रुप की 13 ऐसी इकाइयों से संबंधित हैं जो विदेशों में स्थित हैं. साथ ही कोर्ट को यह जानकारी भी दी गई है कि FPIs (Foreign Portfolio Investors) के विषय में पांच विभिन्न देशों से जानकारी ली जा रही है.
SEBI तक कैसे पहुंची बात?
इस साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट जारी की गई थी और उसका नतीजा ये हुआ कि अडानी ग्रुप को 100 बिलियन डॉलर्स गंवाने पड़े थे. इसके साथ ही हिंडनबर्ग ने इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर कई सवाल भी खड़े किए थे और अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए सभी आरोपों और सवालों को गलत बताते हुए इस रिपोर्ट को झुठला दिया था. इसके बाद भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा SEBI को इस मामले की जांच का आदेश दिया गया था और SEBI द्वारा मार्च 2023 में 6 सदस्यीय कमेटी का गठन हुआ था.
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