सचिन बंसल की कंपनी Navi के IPO को मंजूरी, जानिए क्या करती है कंपनी

सचिन बंसल ने Flipkart को छोड़ने के 6 महीने बाद ही दिसंबर 2018 में Navi Technologies की शुरुआत की थी, Walmart ने उसी साल Flipkart को $1600 करोड़ में खरीदा था.

Last Modified:
Tuesday, 13 September, 2022
SACHIN BANSAL

मुंबई: Flipkart के को-फाउंडर रहे सचिन बंसल के नए फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप Navi Technologies को मार्केट रेगुलेटर से IPO लाने की मंजूरी मिल गई है. आपको बता दें कि Flipkart को छोड़ने के बाद सचिन बंसल और अंकित अग्रवाल ने साल 2018 में Navi Technologies की शुरुआत की थी. 

इसी साल दाखिल किया था DRHP 
इस साल 14 मार्च 2022 को Navi Technologies ने SEBI को IPO के लिए DRHP दाखिल किया था. इश्यू में नए शेयर जारी किए जाएंगे, IPO में शेयरहोल्डर्स की ओर से ऑफर फॉर सेल नहीं लाया जाएगा. Navi Technologies को सेबी की ओर से 5 सितंबर को ऑब्जरवेशन लेटर जारी किया गया था, इसका मतलब होता है कि मार्केट रेगुलेटर की ओर से IPO को हरी झंडी मिल चुकी है. 

3350 करोड़ रुपये जुटाने की योजना
IPO के जरिए कंपनी की योजना 3350 करोड़ रुपये जुटाने की है. दाखिल किए गए DRHP के मुताबिक इन पैसों का इस्तेमाल कंपनी अपनी सब्सिडियरीज Navi Finserv Pvt Ltd (NFPL) और Navi General Insurance Ltd (NGIL) में करेगी.  कंपनी Navi Finserv में 2,370 करोड़ रुपये डालेगी, जबकि Navi General Insurance में 150 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. Navi Technologies एक फाइनेशियल टेक्नोलॉजी कंपनी है. जो 'Navi' ब्रांड के तहत सर्विसेज मुहैया कराती है जिसमें पर्सनल लोन, होम लोन, जनरल इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड्स शामिल हैं. कंपनी का फोकस युवा मिडिल क्लास आबादी पर है. 

बैंकिंग लाइसेंस की नहीं मिली थी मंजूरी
सचिन बंसल ने Flipkart को छोड़ने के 6 महीने बाद ही दिसंबर 2018 में Navi Technologies की शुरुआत की थी, Walmart ने उसी साल Flipkart को $1600 करोड़ में खरीदा था. आपको बता दें कि Navi Technologies ने अपनी सब्सिडियरी Chaitanya India Fin Credit और पांच दूसरे आवेदकों के साथ बैंकिंग लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उसके आवेदन को खारिज कर दिया था. लेकिन IPO को मंजूरी सही मायने में कंपनी के लिए बड़ी राहत है. 

Navi के फाइनेंशियल
Navi ने FY21 में Rs 71.1 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था, जबकि FY22 के पहले 9 महीनों में कंपनी को  206.42 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. कंपनी का नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (NPAs) इस दौरान 3.83 परसेंट रहा था जबकि पर्सनल लोन का ग्रॉस NPA 1.12 परसेंट था. माइक्रोफाइनेंस लोन Navi का सबसे बड़ा मार्केट सेगमेंट है. FY22 की तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी का असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1,808 करोड़ रुपये था. 

VIDEO: Tata बनाएगा iPhone 14! चौंकिए मत बस ये डील हो जाने दीजिए

 


सोने की कीमतों में आग की वजह बन सकती है ईरान के राष्ट्रपति की मौत!

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की रविवार को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी.

Last Modified:
Tuesday, 21 May, 2024
BWHindia

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद मध्य-पूर्व एशिया में एक बार फिर से तनाव की आशंका उत्पन्न हो गई है. इस आशंका ने पहले से रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुके सोने की कीमतों (Gold Price) में तेजी ला दी है. सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गए. कल शाम के कारोबार में MCX पर सोना प्रति 10 ग्राम 74,394 रुपए पर बंद हुआ और चांदी प्रति किलो 95,480 रुपए पर पहुंच गई. बता दें कि मध्य-पूर्व क्षेत्र में राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है. इस वजह से सोने की डिमांड आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है.

अभी और हो सकता है इजाफा 
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमतों में अगले कुछ दिनों में इजाफा हो सकता है. यदि ईरान और इजरायल के बीच टेंशन बढ़ती है, तो फिर इसकी कीमतों में आग लगना स्वाभाविक है. दरअसल, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सोने की कीमतें इसलिए बढ़ती हैं, क्योंकि निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने को प्राथमिकता देते हैं. सोने-चांदी के अलावा कच्चे तेल की कीमतों में भी उछाल देखने को मिला है. 

ये भी है दाम बढ़ने की एक वजह
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 1% बढ़कर 2,438.44 डॉलर प्रति औंस हो गया है. इसके पहले सोने का रिकॉर्ड ऊपरी स्तर अप्रैल में बना था. सोने की कीमतों में उछाल की एक और वजह अमेरिका में मुद्रास्फीति में नरमी को भी माना जा रहा है. इसके अलावा, चीन में लगातार बढ़ रही सोने की डिमांड से भी उसके दाम बढ़ रहे हैं. दरअसल, चीन की सरकार से लेकर आम जनता तक ऐसे सोना खरीद रहे हैं, जैसे ये पीली धातु धरती से खत्म होने वाली है. चीन में लगातार बढ़ रही डिमांड के चलते सोने की कीमतों में तेजी आ रही है.    

सामने आया चाइना कनेक्शन 
चीन इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है. रियल एस्टेट से लेकर शेयर मार्केट तक में इसकी स्थिति खराब है. इसलिए चीन ने अब पूरा फोकस सोना खरीदने पर कर लगा दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में सोने की कीमत रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के पीछे चाइना कनेक्शन की बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि सोने की वैश्विक कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, क्योंकि चीनी निवेशक और उपभोक्ता रिकॉर्ड तेजी के साथ सोने में निवेश कर रहे हैं. चीन के गोल्ड रिजर्व (China Gold Reserve) में लगातार 17वें महीने बढ़ोतरी हुई है.  

सोना सबसे अच्छा विकल्प
अक्सर जब भी वैश्विक तौर पर उथल-पुथल होती है, सोने के दाम बढ़ जाते हैं. जैसा कि इजरायल-ईरान के पूर्व संघर्ष के दौरान देखने को मिला था. अमेरिकी फर्म स्पार्टन कैपिटल सिक्योरिटीज के चीफ मार्केट इकोनॉमिस्ट पीटर कार्डिलो इजरायल-हमास युद्ध के समय कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल के दौरान इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए सोना अच्छा विकल्प है. तब से अब तक सोने के भाव काफी बढ़ चुके हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि इजरायल और ईरान के बीच स्थिति ज्यादा खराब हो जाती तो सोना और भी महंगा हो सकता है.

TAGS bw-hindi

Stock Market: छुट्टी के बाद खुल रहे बाजार में आज ट्रेंड में रह सकते हैं ये शेयर 

शेयर बाजार में इस सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को लोकसभा चुनाव के चलते छुट्टी थी.

Last Modified:
Tuesday, 21 May, 2024
BWHindia

कल यानी सोमवार को शेयर बाजार लोकसभा चुनाव के चलते बंद रहा. इससे पहले, शनिवार को विशेष कारोबारी सत्र में बाजार में तेजी देखी गई थी. विदेशी संस्थागत निवेशकों की लिवाली के चलते बाजार को मजबूती मिली. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी दोनों ग्रीन लाइन पर बंद हुए थे. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं. 

MACD ने दिए ये संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Data Patterns (India), MTAR Technologies, BEL, GRSE, Laxmi Organics Industries और Vedanta में तेजी के संकेत दिए हैं. यानी इन शेयरों में आज उछाल आ सकता है और आपके लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसी तरह MACD ने Capri Global, Biocon और GE Shipping में मंदी का रुख दर्शाया है.  

इन पर भी रखें नजर
अब चलिए उन शेयरों के बारे में जानते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Hindustan Zinc, Balkrishna Industries, Bharat Dynamics, Cochin Shipyard, HAL, BEL और Cadila Healthcare का नाम शामिल है. हिंदुस्तान जिंक का शेयर शनिवार को छह प्रतिशत से अधिक की उछाल के साथ 619.70 रुपए पर बंद हुआ था. बीते 5 सत्रों में ही इसने 20.30% का रिटर्न दिया है. जबकि इस साल अब तक यह आंकड़ा 94.66% पर पहुंच गया है. इसी तरह, Balkrishna Industries के शेयर भी 8% की उछाल के साथ 2,797.75 पर बंद हुए. Bharat Dynamics की बात करें, तो इसके निवेशक शनिवार को खुशी से उचल उठे. इस दौरान, इसमें 17.92% की शानदार तेजी आई और यह 2,440.45 रुपए पर बंद हुआ. 
 

TAGS bw-hindi

बैंकिंग सेक्‍टर के आए अच्‍छे दिन, पीएम मोदी बोले 10 साल में बदल गई हालत

बैंकिंग सेक्‍टर की ग्रोथ के पीछे कई कारण हैं. इनमें सरकार की ओर से उठाए गए कई कदमों से लेकर आरबीआई ने जो रेग्‍यूलेशन लाए हैं उन्‍होंने भी बैंकिंग को बेहतर करने में मदद की है. 

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

बैंकिंग सेक्‍टर के लिए वर्ष 2024 बेहतर खबर लेकर आया है. पहली बार ऐसा हुआ है जब बैंकिंग सेक्‍टर का मुनाफा 3 लाख करोड़ को पार कर गया है. बैंकिंग सेक्‍टर की इस उपलब्धि पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि 10 साल पहले क्‍या हाल थे. इस साल प्राइवेट से लेकर सरकारी बैंकों ने बेहतरीन प्रदशर्न किया है. प्राइवेट बैंकों का मुनाफा जहां 1.78 लाख करोड़ रुपये पार कर गया है वहीं दूसरी ओर सरकारी बैंकों का मुनाफा 1.41 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. दोनों को मिला दें तो पूरे बैंकिंग सेक्‍टर का मुनाफा 3 लाख करोड़ को पार गया है. 

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में क्‍या कहा? 
बैंकिंग सेक्‍टर की इस बेहतरीन परफॉर्मेंस पर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा,  पिछले 10 वर्षों में एक उल्लेखनीय बदलाव में, भारत के बैंकिंग क्षेत्र का शुद्ध लाभ पहली बार 3 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. जब हम सत्ता में आए, तो हमारे बैंक यूपीए की फोन-बैंकिंग नीति के कारण घाटे और उच्च एनपीए से जूझ रहे थे. गरीबों के लिए बैंकों के दरवाजे बंद कर दिये गये. बैंकों की सेहत में यह सुधार हमारे गरीबों, किसानों और एमएसएमई को ऋण उपलब्धता में सुधार करने में मदद करेगा.

इस सेक्‍टर के बैंकों का मुनाफा रहा सबसे ज्‍यादा 
बैंकिंग सेक्‍टर का ओवरऑल मुनाफा 3 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा रहा है. वर्ष 2024 में कुल 26 प्राइवेट बैंकों ने मिलकर 1.78 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का शुद्ध मुनाफा कमाया तो वहीं देश के 12 सरकारी बैंकों ने 1.41 लाख करोड़ का मुनाफा कमाया है. वहीं बैंकिंग सेक्‍टर की ग्रोथ की असली वजह को लेकर जानकारों का कहना है कि इसकी मुख्‍य वजह उनकी क्रेडिट ग्रोथ का बरकरार रहना है. इससे उन्‍हें नेट इंट्रेस्‍ट इनकम को बढ़ाने में मदद मिली है. यही नहीं बैंकों ने अपनी एसेट क्‍वॉलिटी को भी कंट्रोल में रखा है. इससे उनका बैड लोन बुक भी बहुत अच्‍छा बना हुआ है. 

ये भी पढ़ें: आखिर कौन बनेगा देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक का चेयरमैन, इन नामों की हो रही है चर्चा


 


क्‍या आपने भी लगाया है विराट कोहली के निवेश वाले इस IPO में पैसा? जानिए कब होगा अलॉटमेंट

GO digit आईपीओ को लेकर जबरदस्‍त रिस्‍पांस मिला था, इस आईपीओ में क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्‍नी ने बड़ा निवेश किया है. सिर्फ विराट ही नहीं कई और नामी लोगों ने भी इसमें निवेश किया है. 

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में काम करने वाली कंपनी गो डिजिट के आईपीओ पर निवेशकों ने जमकर पैसा लगाया है. पैसा लगाने के बाद अब इंतजार है लोगों को इस आईपीओ के अलॉटमेंट का और उसके बाद लिस्टिंग का. लिस्टिंग राउंड तक वही पहुंचेगा जिसका अलॉटमेंट सक्‍सेसफुल होगा. सोमवार को शेयर बाजार के बंद होने के कारण अब इस आईपीओ का अलॉटमेंट मंगलवार को होगा. बुधवार से उन उम्‍मीदवारों का पैसा वापस आ जाएगा जिन्‍हें आईपीओ अलॉट नहीं होगा. 

जानिए कब होगी लिस्टिंग? 
गो डिजिट कंपनी का आईपीओ 15 मई को खुला था और 17 मई तक लोग इसमें पैसा लगा सकते थे. सबसे खास बात ये है कि 19 और 20 मई को छुट्टी होने के कारण इस आईपीओ का मंगलवार को अलॉटमेंट हो सकता है. मंगलवार को अलॉटमेंट के बाद बुधवार से पैसा रिफंड होना शुरू हो जाएगा. आईपीओ की लिस्टिंग 23 मई गुरुवार को होगी. आखिरी दिन आईपीओ को 9.60 गुना तक सब्‍सक्रिप्‍शन मिला था. ये वही आईपीओ है जिसमें भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली उनकी पत्‍नी अनुष्‍का शर्मा से लेकर कई अन्‍य उद्योगपतियों का पैसा लगा है. 

ये भी पढ़ें: TATA Motors ने इस फाइनेंस कंपनी के साथ मिलाया हाथ, अब झट से मिलेगा लोन

क्‍या चल रहा है ग्रे मार्केट प्राइस? 
Go Digit आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में फिलहाल पॉजिटिव रूख चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ग्रे मार्केट प्राइस 22 रुपये सबसे कम और 70 रुपये सबसे ज्‍यादा चल रहा है. प्‍लस 22 रुपये का मतलब ये है कि आईपीओ पर 22 रुपये से ज्‍यादा का प्रीमियम चल रहा है. हालांकि अभी आने वाले दिनों में इसके ग्रे मार्केट प्राइस के और बढ़ने की खबर है. लेकिन असली स्थिति गुरुवार को ही सामने आएगी जब ये आईपीओ बाजार में लिस्‍ट होगा. 

आखिर कैसे चेक करें अपना अलॉटमेंट? 
अब आपको बताते आखिर मंगलवार को आपको अपना अलॉटमेंट कैसे चेक करना है. 
-    सबसे पहले आपको आईपीओ रजिस्ट्रार की वेबसाइट लिंक https://linkintime.co.in/initial_offer/public-issues.html इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर जाना होगा. 
-    ड्रॉपबॉक्स से, आईपीओ का विकल्‍प चुनें.  अलॉमेंट खत्म होने के बाद ही नाम लॉट अलॉट किया जाएगा.
-    स्टेटस की जांच करने के लिए पैन, डीमैट खाता या एप्लिकेशन नंबर पर क्लिक करें.
-    आवेदन प्रकार फील्ड में ASBA या गैर-ASBA चुनें.
-इसके बाद आपको मोड के विकल्‍प को चुनना होगा. 
- कैप्‍चा पूरा होने के बाद सबमिट पर क्लिक करें और आपको अपना स्‍टेटस पता चल जाएगा. 

 
 


इस डेयरी कंपनी के साथ शुरू करें बिजनेस, कम निवेश में होगी अच्छी कमाई, जानिए कैसे?

दिग्गज डेयरी कंपनी अमूल की फ्रेंचाइजी लेकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको कम से कम 2 लाख रुपये तक निवेश करना होगा.

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

अगर आप कोई नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आप दिग्गज डेयरी कंपनी अमूल (Amul) के साथ हाथ मिला सकते हैं. ये कंपनी देशभर में लोगों को अमूल की फ्रेंचाइजी (Amul Franchise) ऑफर करती है. हम सभी के घरों में दिनभर में दूध, दही, ब्रेड से लेकर तमाम डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल होता है और इन प्रोडक्ट की डिमांड 12 महीने मार्केट में रहती है . ऐसे में आप इस डेयरी बिजनेस से जुड़कर अच्छी कमाई कर सकते हैं और महीने में लाखों रुपये तक कमा सकते हैं. तो चलिए बताते हैं आप कैसे अमूल की फ्रेंचाइजी लेकर अपना काम शुरू कर सकते हैं?

इतना करना होगा निवेश
कंपनी देशभर के अमूल की फ्रेंचाइजी (Amul Franchise) ऑफर करता है. ऐसे में आप इस डेयरी बिजनेस से जुड़कर अच्छी कमाई कर सकते हैं और महीने में लाखों रुपये तक कमा सकते हैं. आप 2 से 5 लाख रुपये का निवेश करके अमूल की फ्रेंचाइजी ले सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको कंपनी की ओर से तय कुछ शर्तों को पूरा करना होगा.

इन शर्तों को करना होगा पूरा

आपके पास मुख्य सड़क पर या मार्केट में एक दुकान होनी चाहिए. साथ ही आपके पास करीब 100 स्क्वायर फीट जगह होनी चाहिए. इसके अलावा दुकान का साइज इस बात पर भी निर्भर करेगा कि आप कौन सी फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं. अमूल दो तरह की फ्रेंचाइजी ऑफर कर रहा है. पहली अमूल आउटलेट, अमूल रेलवे पार्लर या अमूल क्‍योस्‍क की फ्रेंचाइजी और दूसरी अमूल आइसक्रीम स्‍कूपिंग पार्लर की फ्रेंचाइजी. इसमें नॉन रिफंडेबल ब्रैंड सिक्‍योरिटी के तौर पर 25 से 50 हजार रुपये देने होते हैं.

इतना आएगा खर्च
अगर आप अमूल आउटलेट खोलना चाहते हैं तो आपको नॉन रिफंडेबल सिक्योरिटी के तौर पर 25,000 रुपये देने होंगे. इसके अलावा 1 लाख रुपये रिनोवेशन और इक्वीपमेंट के लिए 75 हजार रुपये आपसे लिए जाएंगे. कुल मिलाकर एक आउटलेट खोलने में आपके 2 लाख रुपये लगेंगे. अमूल आइसक्रीम पार्लर के लिए खर्च ज्यादा होगा, जिसमें 50,000 रुपये सिक्योरिटी, रिनोवेशन के लिए 4 लाख रुपये और इक्वीपमेंट के लिए 1.50 लाख रुपये लगेंगे.

इसे भी पढ़ें-मार्केट में जल्द आएगी Royal Enfield की Guerrilla 450, लॉन्च से पहले सामने आए ये फीचर्स

हर प्रोडक्ट पर मिलेगा अलग अलग कमीशन

अमूल आउटलेट लेने पर कंपनी अमूल प्रोडक्‍ट्स के मिनिमम सेलिंग प्राइस (MRP) पर कमीशन देती है. इसमें एक मिल्‍क पाउच पर 2.5 प्रतिशत, मिल्‍क प्रोडक्‍ट्स पर 10 प्रतिशत और आइसक्रीम पर 20 प्रतिशत कमीशन मिलता है. अमूल आइसक्रीम स्‍कूपिंग पार्लर की फ्रेंचाइजी लेने पर रेसिपी बेस्‍ड आइसक्रीम, शेक, पिज्‍जा, सेंडविच, हॉट चॉकेलेट ड्रिंक पर 50 प्रतिशत कमीशन मिलता है. वहीं, प्री पैक्‍ड आइसक्रीम पर 20 प्रतिशत और अमूल प्रोडक्‍ट्स पर कंपनी 10 प्रतिशत कमीशन देती है.

FSSAI से लाइसेंस जरूरी

इस काम को शुरू करने के लिए आपको एफएसएसएआई से लाइसेंस लेना जरूरी है. एफएसएसएआई आपको लाइसेंस के रूप में 15 डिजिट का एक रजिस्ट्रेशन नंबर देता है. ये रजिस्ट्रेशन नंबर सुनिश्चित करता है कि आपके यहां तैयार होने वाला सामान एफएसएसएआई के क्वालिटी स्टैंडर्ड को पूरा करता है.

ऐसे करें अप्लाई

अगर आप अमूल की फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं तो आपको retail@amul.coop पर मेल करना होगा. इसके अलावा अमूल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं.  एक बार आपका आवेदन स्वीकार हो जाता है तो आपको ये दस्तावेज जरूर पूरे करने होंगे, जिनमें पासपोर्ट साइज फोटो, एड्रेस प्रूफ, पहचान पत्र, जमीन के दस्तावेज, एनओसी, ईमेल आईडी, लीज एग्रीमेंट, फोन नंबर, बैंक खाता पासबुक की जरूर होगी.


बेहद खास मकसद से 18 लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करने की है तैयारी, क्या आपको है खबर?

पूरे देश में करीब 18 लाख सिम कार्ड ब्लॉक करने की तैयारी चल रही है. एक खास मकसद से ऐसा किया जा रहा है.

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

टेलीकॉम कंपनियां (Telecom Companies) करीब 18 लाख मोबाइल नंबर बंद करने वाली हैं. दरअसल, सरकार साइबर क्राइम और ऑनलाइन फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक अभियान चला रही है. इसी के तहत दूरसंचार कंपनियां जल्द ही 18 लाख सिमकार्ड ब्लॉक करेंगी. इससे पहले, 9 मई को दूरसंचार विभाग (DoT) ने 28 हजार से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट डिसकनेक्ट करने का आदेश दिया था. क्योंकि उनका इस्तेमाल साइबर क्राइम में किया गया था. अब सरकार ने इन मोबाइल हैंडसेट में इस्तेमाल किए जाने वाले सिमकार्ड को ब्लॉक करने का टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है.

री-वेरिफाई के भी दिए हैं आदेश
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार साइबर क्राइम और ऑनलाइन फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए तेजी से काम कर रही है. इसी के तहत पूरे देश में लगभग 18 लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक किया जाएगा. अलग-अलग विभागों की जांच एजेंसियों ने इन मोबाइल नंबर को फाइनेंशियल फ्रॉड में लिप्त पाया गया है. 9 मई को दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 28,220 मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक करने का आदेश देने के साथ ही ऐसे करीब 20 लाख मोबाइल नंबरों को री-वेरिफाई करने के लिए भी कहा था, जिसका इस्तेमाल इन हैंडसेट में किया गया है.

2023 में 10,319 करोड़ की चपत
रिपोर्ट में दूरसंचार विभाग के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि 20 लाख में से लगभग 10% मोबाइल नंबरों को ही दोबारा वेरिफाई किया जा सका है. पिछले कुछ समय में साइबर क्राइम के मामलों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के मुताबिक, 2023 में डिजिटल फाइनेंशियल फ्रॉड के पीड़ितों को 10,319 करोड़ रुपए का चूना लगाया गया. इस दौरान NCRP पोर्टल पर साइबर फ्रॉड की कुल 6.94 लाख शिकायतें दर्ज हुई थीं.

इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं अपराधी 
अधिकारियों के अनुसार, साइबर अपराधी धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए अलग-अलग टेलीकॉम सर्किल का SIM इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा, वे मोबाइल नंबर और हैंडसेट बार-बार बदलते रहते हैं, ताकि जांच एजेंसियों से बचा जा सके. उदाहरण के तौर पर बिहार का सिम कार्ड दिल्ली में इस्तेमाल किया जा सकता है. जांच एजेंसियों ने पिछले साल ऐसे करीब 2 लाख SIM कार्ड को ब्लॉक किया था, जिनसे वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया था. इनमें से सबसे ज्यादा हरियाणा के मेवात में 37 हजार सिम ब्लॉक हुए थे. सरकार का कहना है कि साइबर अपराधियों को ट्रैक करने के लिए दूरसंचार कंपनियों को सिम कार्ड के इस्तेमाल के पैटर्न पर नजर रखनी पड़ेगी. खासतौर पर ऐसे सिम कार्ड पर विशेष ध्यान रखना होगा, जो होम सर्किल से बाहर इस्तेमाल किए जा रहे हैं.


TATA Motors ने इस फाइनेंस कंपनी के साथ मिलाया हाथ, अब झट से मिलेगा लोन

TATA Motors के चौथी तिमाही के नतीजों में कंपनी को अच्‍छा फायदा हुआ है. जहां एक ओर कंपनी का राजस्‍व बढ़ा है वहीं दूसरी ओर ऑपरेशनल आय भी बेहतर रही है. 

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

ऑटोमोबाइल सेक्‍टर की बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स ने अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए फाइनेंस सेक्‍टर की बड़ी कंपनी बजाज फाइनेंस के साथ हाथ मिलाया है. दोनों कंपनियों के बीच हुए इस एमओयू में टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी कंपनियां टाटा मोटर्स पैसेंजर व्‍हीकल और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसी कंपनियां अपन ग्राहकों को आसानी से फाइनेंस की सुविधा उपलब्‍ध करा पाएंगी. वही बजाज फाइनेंस भी टाटा मोटर्स की सप्‍लाई चेन को बाजार से उचित दामों में कर्ज मुहैया कराएगा. 

दोनों के बीच हुआ करार क्‍या कहता है? 
दोनों कंपनियों के बीच हुए इस समझौते के बाद टीपीईएम के चीफ फाइनेंस ऑफिसर और टीएमपीवी के निदेशक धीमान गुप्‍ता ने कहा कि बजाज फाइनेंस के साथ साझेदारी डीलरों की कार्यशील पूंजी तक पहुंच को और आसान बनाएगी. इस साझेदारी के बाद बजाज फाइनेंस न्‍यूनतम गारंटी में टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी कंपनियों के ग्राहकों को कर्ज मुहैया करा पाएगी. 

ये भी पढ़ें: क्‍या NHAI के इस नए कदम से कम हो पाएगी हादसों की संख्‍या, जानते हैं क्‍या है ये कदम?

बजाज फाइनेंस सह प्रबंध निदेशक ने कही ये बात 
टाटा मोटर्स और बजाज फाइनेंस के बीच हुई इस साझेदारी के बाद बजाज फाइनेंस के सह प्रबंध निदेशक अनूप साहा ने कहा कि हम इस साझेदारी के बाद टीएमपीवी और टीपीईएम के ग्राहकों और इलेक्ट्रिक वाहन डीलरों को और सशक्‍त करने का काम करेंगे. उन्‍होंने कहा कि इससे सिर्फ डीलरों को ही फायदा नहीं होगा बल्कि ये पूरी इंडस्‍ट्री को फायदा करेगा. उन्‍होंने कहा कि हमने हमेशा ही भारत स्‍टैक का फायदा उठाकर व्‍यवसायियों से लेकर ग्राहकों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है. 

कैसे रहे हैं टाटा मोटर्स के Q4 के नतीजे? 
टाटा मोटर्स के चौथी तिमाही के नतीजे 10 मई को जारी कर दिए हैं. कंपनी की ओर से जारी किए गए इन आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के मुनाफे में 221.89 प्रतिशत और राजस्‍व में 13.27 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. वहीं क्‍वॉर्टर आय में 16.2 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है जबकि सालाना आधार पर ये ग्रोथ 80.94 प्रतिशत रही है. कंपनी का मार्केट कैप 377663.8 करोड़ रहा है जिसका 52 हफ्तों हाई 1065.6 रुपये और 52 हफ्तों का लो 504.75 रुपये रहा है.  
 


मसालों के बाद अब भारतीय दवाओं पर सवाल, आखिर ये हो क्या रहा है?

भारत की कुछ दिग्गज कंपनियां अमेरिका से अपनी दवाएं रिकॉल कर रही हैं, क्योंकि उनमें गड़बड़ी की बात कही गई है.

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

दुनिया के कई देशों ने भारतीय मसालों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उससे जुड़ी कुछ कंपनियों पर बैन लगा दिया है. अब मसालों वाली परेशानी का शिकार भारतीय दवाएं भी हो गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉक्टर रेड्डीज लैबोट्रीज, सन फार्मा और अरबिंदो फार्मा जैसी दिग्गज फार्मास्युटिकल्स कंपनियां अपनी अलग-अलग दवाओं को अमेरिकी बाजार से वापस मंगा (Recalls) रही हैं. इनकी दवाओं में मैन्युफैक्चरिंग में खामियों की बात सामने आई है.

सुरक्षा पर जताई चिंता
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इन रिकॉल्स को क्लास I और Class II के रूप में वर्गीकृत किया है. यूएस FDA ने भारत से आयात होने वाली जेनेरिक दवाओं की क्वालिटी और सेफ्टी पर चिंता जताई है. बता दें कि जेनेरिक दवाओं का मतलब है किसी ब्रैंडेड मेडिसिन के फॉर्मूले के आधार पर दूसरी दवा बनाना, जो अपेक्षाकृत काफी सस्ती होती है. भारत जेनेरिक दवाओं का सबसे निर्माता और निर्यातक भी है. इन दिग्गज कंपनियों की दवाओं पर सवाल उठाना देश के फार्मा सेक्टर के लिए भी चिंता का विषय है. 

प्रभावी इलाज न करने का दावा
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज Javygtor (सैप्रोप्टेरिन डाइहाइड्रोक्लोराइड) के करीब 20,000 डिब्बे वापस मंगा रही है. यह मेडिसिन फेनिलकेटोनुरिया वाले मरीजों में हाइपरफेनिलएलनिनमिया (HPA) के इलाज के लिए इस्तेमाल होती है. फेनिलकेटोनुरिया एक तरह का आनुवंशिक विकार (Genetic Disorder) होता है, जिससे बौद्धिक विकास पर बुरा असर पड़ता है. साथ ही मरीज का व्यवहार भी काफी असामान्य हो जाता है, उसे दौरे भी पड़ते हैं. अमेरिकी रेगुलेटर ने पाया है कि डॉ. रेड्डीज की दवा काफी कम असरदार है. दूसरे शब्दों में कहें तो यह प्रभावी तरीके से बीमारी का इलाज नहीं कर पाती.

क्वालिटी सही नहीं होने का हवाला 
वहीं, जेनेरिक दवा निर्माता सन फार्मा Amphotericin B Liposome की 11,000 से अधिक शीशियों को वापस मना रही है. यह इंजेक्शन एंटीफंगल के इलाज के लिए है. अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर ने अपनी जांच में पाया कि सन फार्मा के इस इंजेक्शन की क्वालिटी सही नहीं है. इसी तरह, अरबिंदो फार्मा Clorazepate Dipotassium Tablets की 13,000 से अधिक बॉटल वापस ले रही है. यह एंटी-एंग्जायटी मेडिसिन है, यानी इसे तनाव कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अरबिंदो फार्मा की इन गोलियों पर बिंदीदार पीले धब्बे थे, जिसके चलते इसे वापस मंगाया जा रहा है. महाराष्ट्र की दवा कंपनी FDC लिमिटेड भी ग्लूकोमा के इलाज में इस्तेमाल होने वाले आई-ड्रॉप टिमोलोल मैलेट ऑप्थेलमिक सॉल्यूशन की 3,80,000 से अधिक यूनिट को वापस ले रही है. 


क्‍या NHAI के इस नए कदम से कम हो पाएगी हादसों की संख्‍या, जानते हैं क्‍या है ये कदम? 

देश में सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की संख्‍या का एक बड़ा हिस्‍सा नेशनल हाइवे पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुआ है. एनएचएआई उसी को कम करने का प्रयास कर रहा है. 

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की सड़कों का विकास उसके लिए उतना चुनौतीपूर्ण नहीं है जितना उन पर हादसों की संख्‍या को कम करने की चुनौती है. क्‍योंकि बढ़ती हादसों की संख्‍या नेशनल हाईवे की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाती है. हालांकि एनएचएआई इस दिशा में कई कदम उठाता रहा है लेकिन अब इस रोड बनाने वाली इस संस्‍था की ओर से एक बड़ा कदम उठाया गया है. एनएचएआई ने इसके लिए एक डेडीकेटेड टीम बनाकर इस समस्‍या से लड़ने का फैसला किया है जो सिर्फ और सिर्फ इन सड़कों पर होने वाले हादसों को कम करने के लिए काम करेगी. 

आखिर क्‍या है NHAI के द्वारा उठाया गया कदम? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनएचएआई की नई योजना में हर प्रोजेक्‍ट पर एक डेडीकेटेड मैनेजमेंट टीम बनाई जाएगी. एनएचएआई की ओर से इस बारे में 17 मई को एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है. इस टीम का सबसे प्रमुख काम किसी भी परिस्थिति में हाईवे का ऑपरेशन, मेंटीनेंस और सुरक्षा को लेकर काम करना है. एनएचएआई की ओर से इस मामले में विस्‍तार से सभी चीजों को समझाया गया है जिसमें मेंटीनेंस (रिपेयर, साइनेज और मार्किंग ) मैनेजमेंट ( ट्रैफिक और टोलिंग) और मॉनिटरिंग (एक्‍सीडेंट और ब्‍लैक स्‍पॉट) इन सभी कामों को एक एनएचएआई की ओर से बनाई गई एक डेडीकेटेड टीम करेगी. 

ये भी पढ़ें: आखिर कौन बनेगा देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक का चेयरमैन, इन नामों की हो रही है चर्चा

अभी क्‍या है एनएचएआई का सिस्टम? 
मौजूदा समय में कुल एनएचएआई का एक बड़ा हि‍स्‍सा अंडर मेंटीनेंस में है. अभी इस काम की जिम्‍मेदारी प्रोजेक्‍ट इंप्‍लीमेंटेशन यूनिट के पास होती है. वो ही इस काम को अवॉर्ड करती है और वो ही इस काम को करवाती है. लेकिन अब इस काम को एनएचएआई ने प्रोजेक्‍ट इंप्‍लीमेंटेशन यूनिट में ही एक डेडीकेटेड टीम बनाकर देने का निर्णय लिया है. अगर इससे जुड़ी कोई भी समस्‍या होती है तो उसी टीम की जिम्‍मेदारी होगी. इस टीम का प्रमुख काम हाईवे की सुरक्षा, उसका मेंटीनेंस, अलॉट किए जाने वाले काम को एग्‍जीक्‍यूट करने से लेकर सभी प्रकार के इससे जुड़े कामों को देखने का होगा. 

क्‍या कहते हैं हमारे देश में हाईवे पर होने वाले हादसों के आंकड़े? 
हमारे देश में हाईवे पर होने वाले हादसों के आंकड़े बहुत कुछ कहते हैं. अकेले 2022 में देश में पर होने वाले हादसों की संख्‍या 461312 तक पहुंच गई है, इनमें से 32.9 प्रतिशत यानी 151997 हादसे नेशनल हाईवे और एक्‍सप्रेस वे पर हुए हैं. इसी तरह 23.1 प्रतिशत यानी 106,682 हादसे स्‍टेट हाईवे पर हुए हैं और बाकी बचे 43.9 प्रतिशत हादसे यानी 202633 एक्‍सीडेंट देश की बाकी सड़कों पर हुए हैं. 

गांव या शहर कहां ज्‍यादा हुए हैं हादसे 
भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक 68 प्रतिशत मौतें ग्रामीण इलाकों में हुई हैं जबकि 32 प्रतिशत मौतें शहरी इलाकों में हुई हैं. आंकड़े बता रहे हैं सबसे ज्‍यादा हादसे और उनमें मरने वाले टू पहिया वाहन चालक रहे हैं. इनकी संख्‍या 44.5 प्रतिशत रही है. यही नहीं 19.5 प्रतिशत मरने वाले वो लोग रहे हैं जो सड़क पर पैदल चलते हैं. आंकड़े ये भी बताते हैं कि 83.4 फीसदी हिस्‍सा 18 से 60 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग के व्‍यक्तियों का रहा है.   
 


शेयर बाजार पर कुछ ऐसा बोल गए Modi, खिल जाएगा निवेशकों का चेहरा

अमित शाह के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर बाजार पर खुलकर बात की है.

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के बाद शेयर बाजार में तेजी की संभावनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी मुहर लगा दी है. PM मोदी ने कहा है कि 4 जून 2024 को जब लोकसभा चुनाव के परिणाम आएंगे, तो भारतीय शेयर बाजार अपने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा. उन्होंने यहां तक कहा कि चुनाव के नतीजे आने के बाद पूरे हफ्ते इस कदर ट्रेडिंग होगी कि उसे ऑपरेट करने वाले थक जाएंगे. बता दें कि इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी कहा था कि 4 जून के बाद बाजार में तेजी देखने को मिलेगी.

10 सालों का दिया हवाला
प्रधानमंत्री मोदी ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में आगे कहा कि जिस सप्ताह लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होंगे, बाजार का प्रदर्शन दिखाएगा कि कौन सत्ता में वापस आ रहा है. उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जब हमारी सरकार आई, तो सेंसेक्स 25,000 पर था और अब यह 75,000 पर है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा आर्थिक सुधार किए हैं और इसका असर दिखाई दे रहा है. मोदी ने इस दौरान, PSUs बैंकों के प्रदर्शन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सरकारी बैंक पहले से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.

PSU बैंकों का दिया उदाहरण
PM मोदी ने कहा कि आप PSU बैंकों को देखें, उनके शेयरों की वैल्यू बढ़ रही है. कई सरकारी कंपनियों के शेयर पिछले दो साल में 10 गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं. हमारी सरकार ने PSUs को रिफॉर्म किया है. पहले PSUs का मतलब ही होता था गिरना, अब स्टॉक मार्केट में इनकी वैल्यू कई गुना बढ़ रही है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को ही उदाहरण लें, जिसे लेकर इन लोगों ने जुलूस निकाला, मजदूरों को भड़काने की कोशिश की गई. आज उसी HAL ने चौथी तिमाही में रिकॉर्ड 4000 करोड़ रुपए प्रॉफिट दर्ज किया है. मेरा मानना है कि ये एक बहुत बड़ी प्रगति है.

क्या कहा था Amit Shah ने?
इससे पहले, अमित शाह ने भी कहा था कि शेयर बाजार 4 जून के बाद तेजी से भागेगा. दरअसल, बाजार में आ रही गिरावट को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखे जा रहा है. इस अमित शाह ने कहा था कि बाजार में गिरावट को चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, 4 जून, 2024 को जब लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा होगी, तो बाजार चढ़ेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि स्टॉक मार्केट की गिरावट से चिंतित होने की जरूरत नहीं है. बाजार ने इससे पहले भी कई बार गोते लगाए हैं, इसे चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए. यदि ऐसा अफवाहों के कारण हुआ भी होगा, तो 4 जून के पहले आप खरीदारी कर लेना, बाजार में तेजी आने वाली है.