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ग्रामीण इलाकों में 50 फीसदी कम हुआ रोजगार, सामने आई ये बड़ी वजह
हालांकि जुलाई से पहले ग्रामीण इलाकों में, पिछले तीन महीनों में रोजगार उत्पन्न होने में वृद्धि देखी गई थी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः देश भर के ग्रामीण इलाकों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत उत्पन्न कार्य कृषि और गैर-कृषि गतिविधियों में तेजी के कारण पिछले महीने की तुलना में जुलाई में रोजगार लगभग आधा रह गया. हालांकि जुलाई से पहले ग्रामीण इलाकों में, पिछले तीन महीनों में रोजगार उत्पन्न होने में वृद्धि देखी गई थी.
इतनी हो गई कार्य दिवसों में कमी
15 अगस्त तक सरकार से प्राप्त डेटा के अनुसार जुलाई में योजना से लाभान्वित होने वाले परिवारों की संख्या जून में 27.5 मिलियन के मुकाबले 17.1 मिलियन थी, जो 37.8% की गिरावट को दर्शाता है. वहीं अगर कार्यदिवसों की बात करें तो फिर ये जून में 422.1 मिलियन थे, जो 47.3 फीसदी घटकर जुलाई में केवल 222 मिलियन रह गए. अप्रैल में उत्पन्न कार्य दिवस 285.9 मिलियन (18.6 मिलियन परिवारों को लाभान्वित) और मई में 435.3 मिलियन (26.1 मिलियन परिवार) था.
इसलिए हो गई रोजगार की कमी
देश के कई हिस्सों में जुलाई के महीने में बारिश शुरू हुई. दक्षिण, पूर्वी, मध्य और पश्चिमी भारत में बारिश जून के महीने से शुरू हो गई थी. केवल उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश लेट शुरू हुई, जिसकी वजह से खरीफ सीजन के लिए गांवों में बुवाई व धान की रौपाई शुरू हो गई. कृषि गतिविधियों में तेजी के चलते खेती के लिए श्रम की मांग में बढ़ोतरी देखी गई. ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक कार्यों के लिए श्रमिकों की मांग में वृद्धि और अधिकांश मजदूरों की औद्योगिक शहरों में वापसी से भी रोजगार में कमी देखी गई.
मजदूरों का शहरों में पलायन बढ़ गया
कोविड के दौरान मजदूर अपने-अपने घरों को लौट गए थे. अब काम की तलाश में वो भी शहर की तरफ जाने लगे हैं. ऐसे में रिवर्स माइग्रेशन हुआ जो भी एक गांवों में रोजगार की कमी का कारण बना. ऐसे में लोग बारिश के बाद अपने खेतों में काम करने के लिए लौट रहे हैं, जिससे जो मजदूर गांवों में अभी तक रह रहे हैं, वो भी खेतीबाड़ी में मजदूरी करके अपना जीवन काट रहे हैं. हालांकि इसमें बड़ी तादाद महिलाओं की है जो कृषि कार्यों में मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रही हैं.
गांव में महंगाई शहरों की अपेक्षा ज्यादा
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों के मुकाबले ज्यादा महंगाई भी रिवर्स माइग्रेशन का एक बड़ा कारण है. ग्रामीण इलाकों में काम कम होने से बारिश के महीनों में रोजगार की तलाश में रोजाना बहुत से मजदूर मानसून सीजन में शहरों का रूख कर लेते हैं, ताकि उनको अच्छी मजदूरी मिल सके.
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