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गारमेंट सेक्टर को लेकर Ambani का है बड़ा प्लान, इस तरह बनेंगे नंबर-1 सेलर
रिलायंस रिटेल को उम्मीद है कि वह वॉल्यूम के हिसाब से अगले 2 साल में दुनिया की सबसे बड़ी गारमेंट सेलर बन सकती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के सताए गौतम अडानी (Gautam Adani) जहां निवेशकों का विश्वास पुन: हासिल करने के लिए कर्ज चुकाने पर माथापच्ची कर रहे हैं. वहीं, रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) गारमेंट सेक्टर पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं. अंबानी अगले 2 सालों में दुनिया का सबसे बड़ा गारमेंट सेलर बनना चाहते हैं. दुनिया कोरोना संकट से काफी हद तक बाहर आ चुकी है और गारमेंट की मांग में तेजी आई है. इसी को ध्यान में रखते हुए अंबानी नंबर वन बनने की रणनीतियों पर काम कर रहे हैं.
मंदी के नहीं कोई संकेत
रिलायंस रिटेल को उम्मीद है कि वह वॉल्यूम के हिसाब से अगले 2 साल में दुनिया की सबसे बड़ी गारमेंट सेलर बन सकती है. कंपनी का मानना है कि गारमेंट सेक्टर में मंदी के कोई संकेत नहीं हैं, ऐसे में उसके लिए अपने लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल नहीं होगा. एक रिपोर्ट में रिलायंस फैशन और लाइफस्टाइल के चीफ एग्जीक्यूटिव अखिलेश प्रसाद के हवाले से बताया गया है कि ग्राहकों का खर्च सेंटीमेंट पर आधारित है और भारत की ग्रोथ स्टोरी में कहीं कोई शक नहीं है. बाजार में में इस समय फील गुड फैक्टर काम कर रहा है, जिसके बूते रिलायंस रिटेल अपने कारोबारी साम्राज्य को तेजी से बढ़ाने जा रही है.
4000 से से ज्यादा स्टोर
रिलायंस रिटेल के 4000 से अधिक फैशन और अपैरल स्टोर हैं. उसके पोर्टफोलियो में ट्रेंड्स, सेंट्रो, आउट और फैशन कैटेगरी जैसे ब्रैंड शामिल हैं. रिलायंस ने कई इंटरनेशनल ब्रैंड्स के साथ एक्सक्लूसिव पार्टनरशिप की हुई है. इसमें Giorgio Armani, GAP, Hugo Boss, Armani Exchange, Emporio Armani, Jimmy Choo और Burberry शामिल हैं. साथ ही कंपनी ने पिछले साल Balenciaga के साथ भी डील की थी, ताकि हाई एंड फैशन ब्रैंड को भारतीय ग्राहकों तक पहुंचा सके. रिलायंस रिटेल ने साल 2022 में 45 करोड़ कीमत का गारमेंट बेचा था, जो अमेरिका और कनाडा की कुल आबादी के बराबर है.
मुनाफे में सबसे बड़ी हिस्सेदारी
रिलायंस रिटेल इस समय गारमेंट बेचने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी है और अगले एक-दो सालों में उसकी योजना दुनिया की सबसे बड़ी गारमेंट कंपनी बनने की है. कंपनी भारत की ग्रोथ और गारमेंट की डिमांड बढ़ने को लेकर आशांवित है. बता दें कि रिलायंस रिटेल ने पिछले दशक में 17 प्रतिशत सालाना की दर से अपने कारोबार का विस्तार किया है. खासतौर पर कंपनी का कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस सबसे तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, पिछले 5 सालों में फैशन और लाइफस्टाइल सेगमेंट ने करीब 43% की वृद्धि देखी है. मुनाफे के लिहाज से देखें, तो रिलायंस के कारोबार में गारमेंट की मुनाफे में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. रिलायंस रिटेल गारमेंट कारोबार से 24% का मुनाफा कमाती है.
ऐसा है टेक्सटाइल वर्टिकल
रिलायंस इंडस्ट्री के टेक्सटाइल वर्टिकल में Georgia Gullini, Armor, Nice, Only Vimal, D-creased, Marco Mancini और H. Lewis जैसे ब्रैंड शामिल हैं. मुकेश अंबानी की कंपनी ने इस सेक्टर में पिछले कुछ समय से काफी विस्तार किया है. रिलायंस ने 2019 में अलोक इंडस्ट्री पर दांव लगाया था. उस समय कंपनी की Silvassa, Vapi, Navi Mumbai और Bhiwandi में फैक्ट्री थीं. जिनकी कैपेसिटी सालाना 68,000 टन Cotton Yarn और 1.7 लाख टन Polyester के उत्पादन की थी. इसके बाद रिलायंस ने Sintex Industries और पॉलिएस्टर चिप एवं धागा बनाने वाली कंपनी शुभलक्ष्मी पॉलिएस्टर्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया था. शुभलक्ष्मी के साथ डील 1,592 करोड़ रुपए की थी.
छोटी कंपनियों पर नजर
दुनिया का सबसे बड़ा गारमेंट सेलर बनने की अपनी रणनीति के तहत रिलायंस इंडस्ट्री की नजर छोटी और आर्थिक रूप से कमजोर कंपनियों पर है. ऐसी कंपनियों के अधिग्रहण से रिलायंस को अपने विस्तार में मदद मिलेगी. वैसे, मुकेश अंबानी और अडानी पिछले कुछ समय से यही कर रहे थे. अडानी समूह की विस्तार की योजनाओं पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने ब्रेक लगा दिया है. फिलहाल, उनका फोकस कर्ज चुकाने पर है, ताकि निवेशकों का भरोसा पुन: हासिल किया जा सके. ऐसे में अंबानी के लिए यह दौड़ में आगे निकलने का बेहतरीन मौका है.
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