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Loan लेकर भूलने की बीमारी का इस तरह 'इलाज' करेगा RBI, जानें क्या है प्लान
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक प्रस्ताव तैयार किया है और उस पर 31 अक्टूबर तक सुझाव मांगे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
लोन लेकर भूल जाने की बीमारी के शिकार लोगों की संख्या काफी ज्यादा है. बैंकों द्वारा बार-बार तकादा करने के बाद भी ऐसे लोग लोन नहीं चुकाते और नतीजतन बैंकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. हालांकि, अब ये बीमारी उन्हें भारी पड़ सकती है, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने विलफुल डिफॉलटर्स यानी जानबूझकर लोन नहीं चुकाने वालों के लिए सख्त नियमों का ड्राफ्ट तैयार किया है. RBI इस ड्राफ्ट पर स्टेक होल्डर्स से 31 अक्टूबर तक सुझाव मांगे हैं. यदि इस ड्राफ्ट को हूबहू अमल में लाया जाता है, तो विलफुल डिफॉलटर्स को बड़ी कीमत चुकानी होगी.
इस तरह मिलेगी सजा
मीडिया रिपोर्ट्स एक अनुसार, RBI ने अपने ड्राफ्ट में विलफुल डिफॉलटर्स की कैटेगरी में ऐसे लोगों को शामिल किया है, जिनके पास 25 लाख रुपए या उससे ज्यादा कर्ज है और भुगतान की क्षमता होने के बावजूद कर्ज चुकाने से इनकार कर रहे हैं. इस ड्राफ्ट में उधार देने वालों के लिए दायरे का विस्तार करने का प्रस्ताव है, जो उधार लेने वालों को विलफुल डिफॉल्टर के रूप में कैटेगराइज करता है. RBI ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि विलफुल डिफॉल्टर्स को दोबारा लोन नहीं मिलेगा. इसके अलावा वो किसी दूसरी कंपनी के बोर्ड में भी शामिल नहीं हो सकते.
15 दिनों का समय
ड्रॉफ्ट में आगे कहा गया है कि कर्ज देने वाले यानी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाएं आवश्यकता पड़ने पर जहां भी चाहें, अपने कर्ज की वापसी के लिए फौजदारी या कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. RBI ने यह सुझाव भी दिया है कि बैंकों को एक समीक्षा समिति का गठन करना चाहिए और लोनधारक को लिखित प्रतिनिधित्व देने के लिए 15 दिनों तक का समय देना चाहिए, साथ ही जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत सुनवाई का मौका भी देना चाहिए. ड्राफ्ट में कहा गया है कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के बारे में लोन संबंधी जानकारी प्रसारित करने के लिए एक प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विलफुल डिफॉलटर्स को आगे कोई लोन उपलब्ध नहीं कराया जाए.
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