राम मंदिर वैसे तो तीन मंजिल का बनना है लेकिन इसके पहले तल का काम दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. 20 से 24 जनवरी के बीच इसकी प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है.
राम मंदिर ट्रस्ट के लिए जब देश में एक बार चंदा लेने कार्यक्रम शुरू हुआ तो लोगों ने दिल खोलकर चंदा दिया. लेकिन राम के कई भक्त ऐसे भी हैं जो विदेशों में रहते हैं लेकिन वो चंदा नहीं दे पा रहे थे. क्योंकि राम मंदिर ट्रस्ट को अभी तक एफसीआरए रजिस्ट्रेशन नहीं मिला था. लेकिन अब विदेशों में रहने वाले भी आसानी से राम मंदिर के लिए चंदा दे पाएंगे. क्योंकि गृह मंत्रालय ने इस संबंध में राम मंदिर ट्रस्ट को एफसीआरए रजिस्ट्रेशन दे दिया है. इसके लिए एक एसबीआई अकाउंट को भी रजिस्टर्ड कर दिया गया है. अब विदेशों में रहने वाले लोग भी चंदा दे पाएंगे.
गृह मंत्रालय ने दिया क्लीयरेंस
दरअसल हमारे देश में विदेशों से किसी भी संस्था या ट्रस्ट को चंदा लेने के लिए एफसीआरए (विदेशी योगदान विनिमय अधिनियम) 2010 के तहत अनुमति लेनी पड़ती है. राम मंदिर ट्रस्ट ने इस रजिस्ट्रेशन के लिए जून में आवेदन किया था. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक्स पर इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अब ट्रस्ट को गृह मंत्रालय की ओर से रजिस्ट्रेशन दे दिया गया है. इसके लिए ट्रस्ट की ओर से एसबीआई में खाता भी खोला गया है. विदेशों से मिलने वाला योगदान या चंदा इसी बैंक अकाउंट में मान्य होगी. अन्य किसी भी खाते में ये योगदान स्वीकार नहीं किया जाएगा. सरकार के नियमों के मुताबिक इस तरह का योगदान केवल नई दिल्ली के संसद मार्ग पर स्थित एसबीआई अकाउंट में ही लिया जा सकता है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम 2010 के अंतर्गत स्वैच्छिक योगदान (Voluntary Contribution) प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय के FCRA विभाग ने मान्यता प्रदान कर दी है।
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) October 18, 2023
विदेशी स्त्रोतों से प्राप्त होने वाला कोई भी स्वैच्छिक योगदान केवल…
इस खाते पर दे सकते हैं चंदा
राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से ट्वीट कर इस बैंक की जानकारी दी गई है. इस बैंक के अतिरिक्त चंदा या सहयोग राशि देने वाले किसी और खाते में सहयोग नहीं दे पाएंगे.
बैंक व शाखा का नाम: भारतीय स्टेट बैंक (SBI),
शाखा:- 11 संसद मार्ग, नई दिल्ली
खाता संख्या :- 42162875158
IFSC Code: - SBIN0000691
खाताधारक का नाम :- श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र
SWIFT CODE: - SBININBB104
अन्य किसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक की अन्य किसी शाखा में भेजा गया धन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) October 18, 2023
विदेशी योगदान स्वीकार किए जाने वाले बैंक खाते का विवरण निम्नलिखित है:
बैंक व शाखा का नाम: भारतीय स्टेट बैंक (SBI),
शाखा:- 11 संसद मार्ग, नई दिल्ली
खाता संख्या :- 42162875158
IFSC…
जनवरी में हो सकती राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा
हाल में ही सामने आई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने कहा था कि तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का काम दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा था कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 20 से 24 जनवरी तक किया जा सकता है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस मंदिर का उद्घाटन पीएम नरेन्द्र मोदी कर सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की आखिरी तारीख पीएम ऑफिस की सूचना के बाद तय की जाएगी.
2021 से बन रहा है भव्य राम मंदिर
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 2021 से राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हुआ था. उसके बाद मंदिर के लिए चंदा जुटाने के लिए वीएचपी की ओर से निधि समर्पण कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस निधि समर्पण कार्यक्रम को जनता का अपार प्यार मिला और राम मंदिर ट्रस्ट को इससे करोड़ों रुपये हासिल हुए थे.
टेस्ला चीफ एलन मस्क को 21-22 अप्रैल को भारत आना था, लेकिन उन्होंने आखिरी समय में अपनी यात्रा टाल दी थी.
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) की प्रस्तावित भारत यात्रा टलने की असली वजह क्या है, ये तो केवल वही बता सकते हैं. लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (Telangana CM Revanth Reddy) ने टेस्ला को लेकर जो कुछ कहा है उससे यह सवाल जरूर खड़ा हो गया है कि क्या मस्क ने इसलिए भारत दौरा टाल दिया क्योंकि उन्हें गुजरात पर फोकस करने के लिए मजबूर किया जा रहा था?
तेलंगाना के साथ हो रहा अन्याय
तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी ने एक मीडिया हाउस के साथ बातचीत में टेस्ला (Tesla) को लेकर बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा है कि एलन मस्क की टेस्ला हमारे राज्य यानी तेलंगाना में निवेश करना चाहती थी, लेकिन केंद्र की BJP सरकार ने जबरन इस प्रोजेक्ट को गुजरात भेज दिया. उन्होंने कहा कि तेलंगाना के साथ अन्याय हो रहा है. बता दें कि एलन मस्क 21-22 अप्रैल को भारत आने वाले थे. उनकी इस यात्रा में टेस्ला के भारत प्लान को लेकर कुछ घोषणाएं होने वाली थीं, लेकिन आखिरी वक्त पर उन्होंने अपना दौरा टाल दिया.
फॉक्सकॉन पर भी है दबाव
रेड्डी ने आगे कहा कि तेलंगाना के साथ अन्याय हो रहा है. हमारे राज्य में जो भी निवेश प्रोजेक्ट आ रहे हैं, उन्हें केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर गुजरात भेज रही है. हमारे कुछ प्रोजेक्ट गुजरात जा चुके हैं. उन्होंने ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) को लेकर भी बड़ा दावा किया. CM ने कहा कि फॉक्सकॉन पर तेलंगाना के बजाए गुजरात जाने का दबाव बनाया जा रहा है. ठीक इसी तरह एलन मस्क की टेस्ला भी तेलंगाना में निवेश करना चाहती थी, मगर उसे गुजरात शिफ्ट कर दिया गया.
गुजरात ही हिंदुस्तान नहीं
जब रेड्डी से यह पूछा गया कि क्या इसी वजह से एलन मस्क ने अपना भारत दौरा टाल दिया? उन्होंने कहा कि वो तो मस्क ही बता सकते हैं, लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि टेस्ला तेलंगाना में निवेश करना चाहती थी. मैं CM की कुर्सी पर बैठा हूं, तो बड़ी जिम्मेदारी से यह बोल रहा हूं. रेवंत रेड्डी ने यह भी कहा कि मोदी और अमित शाह सोचते हैं कि गुजरात ही हिंदुस्तान है, मगर ऐसा नहीं है. बाकी प्रदेश भी हैं और उन्हें भी जीने के लिए मौका मिलना चाहिए. मैं स्पष्ट बोलता हूं कि PM नरेंद्र मोदी और अमित भाई की नजरों में दक्षिण भारत के लोग दूसरे दर्जे के नागरिक हैं.
रिपोर्ट्स में नहीं था ऐसा कोई जिक्र
रेवंत रेड्डी के दावे से इतर मस्क की प्रस्तावित यात्रा से पहले सामने आईं कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि टेस्ला महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु या राजस्थान में से किसी एक जगह अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा सकती है. इन रिपोर्ट्स में तेलंगाना का कहीं कोई जिक्र नहीं था. रिपोर्ट्स में कहा गया था कि हरियाणा में भी कुछ कंपनियों के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, लेकिन टेस्ला का फोकस महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु पर ही रहने की उम्मीद है. इसकी प्रमुख वजह है इन राज्यों में मौजूद बंदरगाह, जहां से कारों का एक्सपोर्ट आसानी से हो सकेगा. तेलंगाना के CM ने अब जो दावा किया है, उससे एक नया विवाद खड़ा हो गया है.
देश में वीरान पड़े शॉपिंग मॉलों की संख्या बढ़ी है. इसका मतलब ऐसे मॉलों से होता है जो 40 फीसदी से ज्यादा खाली हों. इस लिस्ट में टॉप पर दिल्ली-एनसीआर हैं.
जहां पहले शॉपिंग मॉल गुलजार रहते थे आज वहीं घोस्ट शॉपिंग मॉल बनते जा रहे हैं क्योंकि अब शायद मॉल कल्चर से लोगों का मोहभंग होता जा रहा है. देश के 8 प्रमुख शहरों में खाली पड़े शॉपिंग मॉल की संख्या वर्ष 2023 में 57 से बढ़कर 64 हो गई. नाइटफ्रैंक की ‘थिंक इंडिया थिंक रिटेल 2024’ रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल शॉपिंग मॉल्स में खाली स्पेस 59 प्रतिशत बढ़कर 1.33 करोड़ वर्ग फीट हो गई, जिससे 6,700 करोड़ रुपए यानी 79.8 करोड़ डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है.
शॉपिंग सेंटर की घटी संख्या
रिपोर्ट के मुताबिक, आठ प्रमुख महानगरों में खाली पड़ी रिटेल प्रॉपर्टी की संख्या तेजी से बढ़ी है. करीब 1.33 करोड़ वर्ग फुट सकल पट्टे योग्य क्षेत्र वाले 64 शॉपिंग मॉल को 2023 में 'घोस्ट शॉपिंग सेंटर' के रूप में क्लासीफाई किया गया. 'घोस्ट शॉपिंग सेंटर' से मलतब उन मॉल से है जो 40 फीसदी से ज्यादा खाली हैं. एरिया की बात करें तो यह पिछले साल (2022) के 84 लाख वर्ग फुट से 58 फीसदी ज्यादा हैं. रिपोर्ट के मुताबिक आठ नए रिटेल केंद्र जुड़ने के बावजूद 2023 में शॉपिंग केंद्र की कुल संख्या घटकर 263 रह गई क्योंकि पिछले वर्ष 16 शॉपिंग केंद्र बंद हो गए.
दुनिया की 3 दिग्गज कंपनियों की Haldiram's पर नजर, टेस्ट ने बनाया दीवाना या कुछ और है मामला?
दिल्ली-एनसीआर टॉप पर
नाइट फ्रैंक के आंकड़ों के अनुसार, शीर्ष आठ शहरों में कुल 64 खाली पड़े मॉल में से 21 मॉल दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में, 12 बेंगलुरु में, 10 मुंबई में, छह कोलकाता में, पांच हैदराबाद में, चार अहमदाबाद में और तीन-तीन चेन्नई और पुणे में हैं. हैदराबाद में केवल ऐसे मॉल की संख्या 19 फीसदी घटी है. कोलकाता में इनमें सबसे अधिक सालाना आधार पर 237 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
करोड़ों रुपए का हो रहा नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में घोस्ट शॉपिंग सेंटरों में वृद्धि के कारण लगभग 6,700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. यह खुदरा क्षेत्र पर एक महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव का संकेत देता है, जो संपत्ति मालिकों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करता है. नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल का कहना है कि बढ़ती खर्च योग्य आय, युवा जनसांख्यिकी और शहरीकरण के चलते रिटेल शॉप की डिमांड ज्यादा बढ़ती है.
क्या है इस सन्नाटे का कारण?
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा, बढ़ती खर्च योग्य आय, यंग डेमोग्राफिक और शहरीकरण से प्रेरित कंजम्पशन की गति संगठित रिटेल सेक्टर के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि खरीदारों के लिए बेहतर रिटेल अनुभव महत्वपूर्ण है, जो भौतिक रिटेल स्थानों के महत्व को उजागर करता है. नाइट फ्रैंक ने इस बात पर भी जोर दिया कि एक साल में महानगरों में में शॉपिंग केंद्र की कुल संख्या भी घटी है.
सैम पित्रोदा इससे पहले विरासत टैक्स की बात करके कांग्रेस पार्टी के लिए दूसरे चरण के चुनाव से पहले परेशानी बढ़ा चुके हैं. पीएम मोदी ने मंगलसूत्र की बात इसी टैक्स को लेकर कही थी.
पहले विरासत टैक्स वाला बयान देकर देश के चुनाव में विपक्षी पार्टी को मुद्दा पकड़ाने वाले सैम पित्रोदा ने अब जो बयान दिया है उसे लेकर बड़ा घमासान शुरू हो गया है. पीएम मोदी से लेकर बीजेपी की पूरी लीडरशिप ने पित्रोदा के कंधे पर बंदूक रखकर कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. जहां पीएम मोदी ने तेलंगाना से ही इसे भारतीयों का अपमान बताने में देरी नहीं लगाई तो अब निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है कि वो दक्षिण भारत से हैं और भारतीय दिखती हैं.
पीएम मोदी ने सैम पित्रोदा के बयान पर क्या कहा?
कांग्रेस पार्टी में ओवरसीज मामलों के प्रमुख सैम पित्रोदा के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देने में पीएम मोदी ने देरी नहीं लगाई. पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं बहुत गुस्से मैं हूं, उन्होंने कांग्रेस पार्टी के सैम पित्रोदा के बयान पर कहा कि चमड़ी के आधार पर देशवासियों को गाली दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश ये अपमान सहन नहीं करेगा. पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि शहजादे को इसका जवाब देना होगा. पीएम यही नहीं रूके उन्होंने कहा कि तीन चरण के मतदान के बाद कांग्रेस के लोग मैग्नीफाइंग ग्लॉस लेकर अपनी सीट ढूंढ़ रहे थे लेकिन अब उन्हें माइक्रोस्कोप लेकर सीटों को ढ़ूढ़ना पड़ेगा.
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निर्मला सीतारमण ने कही ये बात
सैम पित्रोदा पर हमला करने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी देरी नहीं लगाई. निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर सैम पित्रोदा के बयान पर कहा, मैं दक्षिण भारत से हूं. मैं भारतीय दिखती हूँ! मेरी टीम में उत्तर पूर्व भारत के उत्साही सदस्य हैं. वे भारतीय दिखते हैं! पश्चिम भारत के मेरे सहकर्मी भारतीय दिखते हैं! लेकिन, उस नस्लवादी के लिए जो राहुल गांधी के मेंटर हैं हम सभी अफ़्रीकी, चीनी, अरब और श्वेत दिखते हैं! अपनी मानसिकता और अपना दृष्टिकोण प्रकट करने के लिए धन्यवाद। I.N.D.I गठबंधन के लिए शर्म की बात!
I am from South India. I look Indian! My team has enthusiastic members from north east India. They look Indian! My colleagues from west India look Indian!
— Nirmala Sitharaman (Modi Ka Parivar) (@nsitharaman) May 8, 2024
But, for the racist who is the mentor of @RahulGandhi we all look African, Chinese, Arab and the White! Thanks for… pic.twitter.com/UzXi4ndwhk
सैम पित्रोदा ने कही ये बात
अब आपको बताते हैं कि आखिर सैम पित्रोदा ने क्या कहा है. एक मीडिया हाउस से बात करते हुए सैम ने कहा कि भारत में पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं. जबकि दक्षिण के लोग अफ्रीकी लगते हैं. इसी तरह, पश्चिम में लोग अरबी लगते हैं और उत्तर भारतीय गोरे होते हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों जैसे दिखाई देते हैं और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी लगते हैं. हालांकि, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं.
ऐसी तुलना शायद ही पसंद आए
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने आगे कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं. ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है. हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है. भले ही सैम पित्रोदा भारत की विविधता की बात कर रहे हों, लेकिन जिस तरीके से उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की तुलना चीनी और दक्षिण भारतीयों की अफ्रीकियों से की है, वो शायद ही उन्हें पसंद आए. इतना ही नहीं, उन्होंने उत्तरवासियों की तुलना गोरों यानी अंग्रेजों से कर डाली है. चुनावी माहौल में यह तुलना कांग्रेस को भारी भी पड़ सकती है. यह सबकुछ इस पर भी निर्भर करता है कि BJP इसे किस रूप में पेश करती है. भाजपा पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान को बहुत अच्छी तरह से के बड़े मुद्दे में तब्दील कर चुकी है.
हल्दीराम के स्नैक्स भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी पसंद किए जाते हैं. कंपनी अपने उत्पाद सिंगापुर, अमेरिका और यूरोप के कई देशों भी भेजती है.
पिछले साल खबर आई थी कि टाटा ग्रुप (Tata Group) स्नैक्स कंपनी हल्दीराम (Haldiram's) खरीदने की योजना बना रहा है. हालांकि, बाद में टाटा ने साफ किया था कि ऐसा कुछ नहीं है. अब खबर आ रही है कि दुनिया की 3 दिग्गज कंपनियां हल्दीराम में स्टेक खरीदने की कोशिश कर रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो नमकीन और मिठाई इंडस्ट्री की लीडिंग कंपनी हल्दीराम में दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी कंपनी ब्लैकस्टोन इंक (Blackstone Inc) के साथ-साथ टेमासेक होल्डिंग्स लिमिटेड (Temasek Holdings Ltd) और बेन कैपिटल (Bain Capital) हिस्सेदारी खरीदना चाहती हैं.
1937 में हुई थी स्थापना
रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये कंपनियां हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड (HSFPL) में कम से कम 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहती हैं. यह सौदा 8 से 10 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर हो सकता है. बता दें कि हल्दीराम के नागपुर और दिल्ली गुटों का मर्जर हो चुका है. HSFPL में हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड की 56% और हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (HFIPL) की 44% हिस्सेदारी है. हल्दीराम ब्रैंड की शुरुआत गंगा बिसन अग्रवाल ने 1937 में की थी और आज इसका कारोबार 100 से अधिक देशों में फैला हुआ है.
कितना बड़ा है मार्केट?
देश का नमकीन स्नैक मार्केट करीब 620 करोड़ डॉलर का है और इसमें हल्दीराम की हिस्सेदारी लगभग 20%. वहीं, लेज (Lays) चिप्स के लिए मशहूर पेप्सी की भी लगभग 13% हिस्सेदारी है. हल्दीराम के स्नैक्स केवल भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी पसंद किए जाते हैं. कंपनी अपने उत्पाद सिंगापुर, अमेरिका और यूरोप के कई देशों भी भेजती है. Haldiram’s के पास लगभग 150 रेस्टोरेंट है जो क्षेत्रीय खाना, मिठाइयां और पश्चिमी खाना भी बेचते हैं. कंपनी के पोर्टफोलियो में 400 से अधिक तरह के फूड आइटम्स हैं. देश के स्नैक्स और नमकीन मार्केट में हल्दीराम का मुकाबला बालाजी वैफर्स, पेप्सिको, बीकानेरवाला फूड्स, ITC और पार्ले प्रॉडक्ट्स से है.
किसे, क्या होगा फायदा?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यदि यह डील होती है, तो सभी को कुछ न कुछ फायदा मिलेगा. हल्दीराम के पास अपने कारोबार को फैलाने के लिए अतिरिक्त फंड आएगा. जबकि ब्लैकस्टोन इंक, टेमासेक होल्डिंग्स और बेन कैपिटल भारत के बढ़ते स्नैक्स बाजार से मुनाफा कमा सकेंगी. हल्दीराम अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है. इसी साल की शुरुआत में खबर आई थी कि कंपनी 'यलो डायमंड चिप्स' बनाने वाली प्रताप स्नैक्स (Prataap Snacks Ltd) में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने वाली है. यलो डायमंड चिप्स की बाजार पर अच्छी पकड़ है और इसने अपने टेस्ट से लोगों को प्रभावित किया है. एक रिपोर्ट में कहा गया गता कि प्रताप स्नैक्स में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने के लिए हल्दीराम को करीब 2912 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे. इस डील से हल्दीराम को पोटेटो चिप्स मार्केट में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने में मदद मिलेगी.
Google ने इस ऐप को 2011 में लॉन्च किया था लेकिन बाद में Google pay से रिप्लेस कर दिया. Google ने इसके लिए 20 कंपनियों के साथ साझेदारी की है.
Google ने भारत में अपना गूगल वॉलेट लॉन्च कर दिया है. अगर आप भी इस गूगल वॉलेट को पेटीएम वॉलेट की तरह समझ रहे हैं तो ये हम इसमें कुछ सुधार करना चाहते हैं. गूगल वॉलेट एक अलग तरह का ऐप है इसमें आप अपने जरूरी पासेस, लॉयल्टी और गिफ्ट कार्ड को सुरक्षित रख सकते हैं. गूगल के इस नए ऐप का गूगल पे से कोई संबंध नहीं है. मौजूदा समय में भारत में डिजिलॉकर की सुविधा मौजूद हैं जिसमें आप अपने दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकते हैं.
क्या सुविधाएं देता है Google wallet?
Google wallet को प्लेस्टोर से लॉन्च किया जा सकता है. Google wallet में पासेस, लॉयल्टी और गिफ्ट कार्ड को स्टोर कर सकते हैं. एक बार इसमें एड करने के बाद आपको इन्हें फिजिकली कैरी करने की जरूरत नहीं है. Google ने इस ऐप को 2011 में लॉन्च किया था लेकिन बाद में Google pay से रिप्लेस कर दिया. Google ने इसके लिए 20 कंपनियों के साथ साझेदारी की है. इस पर आप अपने बोर्डिंग पास से लेकर इवेंट टिकट को भी स्टोर कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें लोकसभा चुनाव में हुई अडानी-अंबानी की एंट्री,अब पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर ये कहकर कसा तंज
Google pay से पूरी तरह अलग है Google wallet
Google wallet, Google pay से पूरी तरह से अलग है. Google wallet में जहां आप गिफ्ट कार्ड और लॉयल्टी पास से लेकर बोर्डिंग पास तक स्टोर कर सकते हैं वहीं दूसरी ओर Google Pay से आप यूपीआई पेमेंट भी कर सकते हैं. कंपनी ने पूरी तरह से साफ कर दिया है कि दोनों ऐप भारत के यूजर के लिए उपलब्ध रहेंगी. हालांकि कई देशों में ये ऐप पेमेंट की सुविधा के साथ आता है. लेकिन कंपनी ने भारत में इसे नॉन पेमेंट ऐप के तौर पर लॉन्च किया है.
गूगल के इस सीनियर अधिकारी ने कही ये बात
गूगल में एंड्रॉइड के जीएम और इंडिया इंजीनियरिंग लीड राम पापटला ने इस मौके पर कहा कि भारत में Google Wallet का आगमन एंड्रॉइड की भारत यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो लोगों के दैनिक जीवन को सरल बनाने के लिए नए और सुविधाजनक अनुभव लाता है. हमें एक व्यापक समाधान पेश करने के लिए भारत के कई शीर्ष ब्रैंड के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है जो आपको बोर्डिंग पास से लेकर लॉयल्टी कार्ड और इवेंट टिकट से लेकर सार्वजनिक परिवहन पास तक आपकी रोजमर्रा की आवश्यक चीजों तक सुरक्षित रूप से पहुंचने और प्रबंधित करने में मदद करता है.
बाजार में पेपर स्ट्रॉ की बढ़ती मांग की वजह से इसकी मैन्युफैक्चरिंग एक बड़ा बिजनेस का रूप लेता जा रहा है.
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद पेपर स्ट्रॉ के बिजनेस में तेजी आई है. मार्केट में पेपर से बनी चीजों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में अब पेपर स्ट्रॉ मैन्युफैक्चरिंग भी एक बड़ा बिजनेस बन रहा है. अगर आप कम खर्च में कोई अच्छा मुनाफे वाला काम शुरू करना चाहते हैंस तो ये आपके लिए एक अच्छा विकल्प है. पेपर स्ट्रॉ के लिए कच्चे माल की भी जरूरत होती है. इसकी यूनिट लगाकर आप हर महीने अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसमें सरकार भी आपकी मदद करेगी. तो चलिए जानते हैं आप कैसे ये बिजनेस शुरू कर सकते हैं?
ऐसे शुरू करें बिजनेस
खादी और ग्रामोद्योग आयोग () ने पेपर स्ट्रां यूनिट पर एक प्रोजेक्ट तैयार किया है. इसरे लिए आपको पहले सरकार से अप्रूवल और रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी. इस प्रोजेक्ट के लिए जीएसटी (GST) रजिस्ट्रेशन, आधार रजिस्ट्रेशन, प्रोडक्ट के ब्रांड नाम की जरूरत पड़ेगी. इतना ही नहीं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी (NOC) जैसे बेसिक चीजों की जरूरत पड़ेगी. स्थानीय नगर पालिका प्राधिकरण से व्यापार लाइसेंस भी लेना पड़ेगा.
इतनी आएगी लागत
पेपर स्ट्रॉ मेकिंग बिजनेस का प्रोजेक्ट की कुल लागत 19.44 लाख रुपये है. इसमें से आपको अपनी जेब से सिर्फ 1.94 लाख रुपये ही खर्च करने हैं, बाकी 13.5 लाख का टर्म लोन ले सकते हैं. वर्किंग कैपिटल के लिए 4 लाख का फाइनेंस करवा सकते हैं. यह बिजनेस 5 से 6 महीने में शुरू हो जाएगा बिजनेस शुरू करने के लिए आप पीएम मुद्र लोन स्कीम से लोन भी ले सकते हैं.
पेपर स्ट्रा की बड़ी डिमांड
भारत सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई 2022 से बैन लगा दिया है, जिससे बाजार से प्लास्टिक की वस्तुएं गायब होती जा रही है. इनमें से एक प्लास्टिक स्ट्रॉ भी है, जिसकी मांग रेहड़ी से लेकर बड़े बड़े रेस्तरां और डेरी कंपनियों तक होती है. पर्यावरण के प्रति लोगों में आई जागरूकता के कारण अब पेपर स्ट्रा की मांग बढ़ रही है.
इन चीजों की पड़ेगी जरूरत
पेपर स्ट्रा बनाने के लिए आपको फूड ग्रेड पेपर (Food Grade Paper), फूड ग्रेथ गम पाउडर (Food Grade Gum Powder) . इसके अलावा एक पेपर स्ट्रा मेकिंग मशीन की जरूरत होगी, जिसकी कीमत करीब 9 लाख रुपये है. इसके अलावा अन्य इक्विपमेंट्स पर करीब 50000 रुपए खर्च होंगे.
इतनी होगी कमाई
अगर आप 75 प्रतिशत क्षमता के साथ पेपर स्ट्रॉ बनाने का काम शुरू करते हैं, तो आपको ग्रास 85.67 लाख रुपये मिलेंगे. इसमें सभी खर्च और टैक्स निकालने के बाद सालाना 9.64 लाख रुपये की कमाई होगी, यानी हर महीने 80000 से ज्यादा की इनकम होगी.
लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने तेलंगाना से कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पांच साल तक जिसका नाम ले रहे थे आखिर रातों रात उसे लेना बंद क्यों कर दिया.
ऐसा शायद ही कोई चुनाव बीतता हो जब कुछ खास विषयों का जिक्र ना आता हो. इस विषयों में हिंदु मुस्लिम, परिवारवाद, और अडानी अंबानी जैसे नाम शामिल हैं. पहले दो मामलों का जिक्र तो अब तक इन लोकसभा चुनाव 2024 में आ चुका था लेकिन अडानी अंबानी की एंट्री नहीं हुई थी. वैसे तो इनका नाम लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार पर निशाना साधती हैं लेकिन इस बार कुछ उल्टा हुआ है. इस बार पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी पर इन दो नामों को लेकर हमला किया है. अब पीएम मोदी के इन आरोपों का जवाब राहुल गांधी या कांग्रेस को देना है.
पीएम मोदी ने आखिर क्या कहकर कसा तंज
पीएम मोदी ने तेलंगाना के करीमनगर में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आखिर कांग्रेस पार्टी के शहजादे ने अंबानी अडानी का नाम लेना क्यों बंद कर दिया है. पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के शहजादे पिछले पांच साल से सुबह उठते हुए अडानी अंबानी के नाम की माला जपने लगते थे. पीएम ने कहा कि जब इनका राफेल का मामला ग्राउंडेड हो गया तो इन्होंने एक नई माला जपनी शुरू कर दी. पांच साल से ये एक ही माला जप रहे थे. पांच उद्योगपति-पांच उद्योगपति. फिर इन्होंने कहना शुरू किया अडानी अंबानी. लेकिन जब से चुनाव घोषित हुआ है तब से इन्होंने अडानी अंबानी का नाम लेना बंद कर दिया है.
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पीएम मोदी ने पूछा कितने टैंपों भरकर माल लिया?
पीएम मोदी ने सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के शहजादे को घोषित करना चाहिए कि आखिर उन्होंने अंबानी अडानी से कितना माल उठाया है. काले धन के कितने बोरे माल उठाया है. क्या टैंपो भर के माल कांग्रेस के लिए पहुंचा है. आपने रातों रात अंबानी अडानी को गाली देना बंद कर दिया है. पांच साल गाली दी और रातों रात गाली देना बंद कर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि दाल में जरूर कुछ काला है. पांच साल तक अंबानी अडानी को गाली दी और रातों रात बंद कर दिया है. टैंपों भरकर माल पाया है. देश को जवाब देना पड़ेगा.
राहुल गांधी अडानी का नाम लेकर करते रहे हैं हमला
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी अडानी और अंबानी का नाम लेकर लंबे समय से पीएम मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. राहुल गांधी ने 1 मई 2024 को भी इससे पहले चुनावों में अडानी का नाम लेते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर कहा कि नरेंद्र मोदी ने जितना पैसा अडानी को दिया है, उतना ही पैसा हम आपको देने जा रहे हैं. राहुल गांधी ने ये भी कहा कि नरेंद्र मोदी ने अडानी को लाखों-करोड़ों रुपए दिए तो मीडिया कहता है- विकास हो रहा है. लेकिन जब हम मनरेगा लेकर आए तो वही मीडिया कहता है- देखो, गरीबों की आदत बिगाड़ रहे हैं. लेकिन हमने मन बना लिया है कि नरेंद्र मोदी ने जितना पैसा अडानी को दिया है, उतना ही पैसा हम आपको देने जा रहे हैं. वो अडानी को लेकर लंबे समय से निशाना साध रहे हैं लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी के चुनाव प्रचार में ये शब्द उतनी मुखरता से नहीं सुनाई दे रहा है.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की तरफ से बताया गया है कि अगले हफ्ते शनिवार को भी शेयर बाजार में ट्रेडिंग होगी.
आमतौर पर शेयर बाजार (Stock Market) में शनिवार और रविवार को साप्ताहिक अवकाश रहता है, लेकिन अगले हफ्ते आप शनिवार को भी ट्रेडिंग कर पाएंगे. वहीं, आज यानी 8 मई को बाजार के हाल की बात करें, तो मार्केट में नरमी बरकरार है. BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी दोनों दबाव में कारोबार कर रहे हैं. अच्छी बात यह है कि PSU बैंकों में छाई मंदी अब छंटने लगी है. आज अधिकांश सरकारी बैंकों के स्टॉक में तेजी दिखाई दे रही है. बीते 2 सत्रों में PNB का शेयर सबसे ज्यादा गिरा था पर अब उसमें उछाल आया है.
DR पर किया जाएगा स्विच ओवर
अगले हफ्ते के शनिवार यानी 18 मई को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के लिए खुला रहेगा. दरअसल, इस दिन डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग होनी है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की तरफ से यह टेस्टिंग इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स में की जाएगी. इसके लिए डिजास्टर रिकवरी (DR) साइट पर स्विच-ओवर किया जाएगा. किसी आपात स्थिति के दौरान परिचालन बहाल करने के लिए डिजास्टर रिकवरी साइट का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक तरह से तैयारी है कि अगर भविष्य में कोई आपात स्थिति आती है, तो डिजास्टर रिकवरी साइट स्विच किया जा सके.
2 सेशन किए जाएंगे आयोजित
NSE की तरफ से बताया गया है कि 18 मई शनिवार को डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग की जाएगी. यह किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए किया जा रहा है. इस दौरान प्राइमरी साइट से डिजास्टर साइट पर स्विच ओवर किया जाएगा. शनिवार को डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग के दौरान दो सत्र आयोजित होंगे. पहला सत्र प्राथमिक साइट से सुबह 9:15 बजे से 10 बजे तक चलेगा. जबकि दूसरा सत्र डिजास्टर रिकवरी साइट से सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक होगा.
2 मार्च को भी हुआ था ऐसा
NSE और BSE ने दो मार्च को भी इसी तरह के कारोबारी सत्र आयोजित किए थे. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए BSE और NSE ने आपदा रिकवरी साइट पर शिफ्टिंग के लिए ऐसा किया था. कामकाज को प्रभावित कर सकने वाली किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए एक्सचेंज को तैयार रखने के उद्देश्य से ऐसे स्पेशल सेशन आयोजित किए जाते हैं. अब सवाल ये उठता है कि क्या पूर्व में कभी ऐसी स्थिति बनी है जब अप्रत्याशित कारणों से बाजार बाधित रहा हो? तो इसका जवाब है हां. केवल भारत ही नहीं दुनिया भर के शेयर बाजारों को कभी न कभी किसी न किसी वजह से ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है.
कब-कब थमा था बाजार?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 24 फरवरी, 2021 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में तकनीकी खराबी के कारण चार घंटे के लिए कारोबार रोकना पड़ा था. NSE ने सुबह 11.40 बजे कारोबार बंद कर दिया और यह दोपहर 3.45 बजे फिर से शुरू हो पाया था. इसके मद्देनजर कारोबारी सत्र को बाद में डेढ़ घंटे के लिए बढ़ा दिया गया था. इसी तरह, 24 सितंबर, 2019 को एनएसई के सिस्टम को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ कनेक्टिविटी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ाथा. इस वजह से सत्र के अंतिम 15 मिनट में ट्रेडिंग बाधित रही थी. 11 जुलाई, 2017 को भी एनएसई पर ट्रेडिंग तीन घंटे के लिए रुकी रही थी. 3 जुलाई 2014 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने नेटवर्क आउटेज के चलते 3 घंटे के लिए कारोबार रोक दिया था.
ये बाजार भी हुए प्रभावित
दुनिया के अन्य बाजारों की बात करें, तो अक्टूबर, 2020 में ट्रेडिंग सिस्टम में हार्डवेयर संबंधी गड़बड़ी के कारण टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज को पूरे दिन के लिए कारोबार रोकना पड़ा था. इसी तरह, 16 अगस्त, 2019 को लंदन स्टॉक एक्सचेंज को सॉफ्टवेयर समस्या के चलते लगभग दो घंटे के लिए ट्रेडिंग बंद करनी पड़ी थी. 25 अप्रैल, 2018 को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने तकनीकी खराबी की वजह से पांच शेयरों में कारोबार निलंबित कर दिया था. इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ही एक्सचेंज स्पेशल सेशन आयोजित कर रहा है.
कंपनी इंश्योरेंस सेक्टर में काम करती है और इसमें सिर्फ विरोट कोहली नहीं बल्कि उनकी पत्नी अनुष्का ने भी बड़ा निवेश किया है.
इंश्योरेंस सेक्टर की कंपनी गो डिजिट (Go Digit) का आईपीओ अगले हफ्ते आ सकता है. इस कंपनी में क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का ने निवेश किया है. इस आईपीओ को मार्च में सेबी की अनुमति मिली थी. कंपनी अपने इस आईपीओ को 15 मई को जारी कर सकती है. इसकी घोषणा इस शुक्रवार को होने की संभावना है. कंपनी अपने आईपीओ के जरिए 1550 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है.
इस तारीख को खुल सकता है आईपीओ
इंश्योरेंस सेक्टर की ये कंपनी को फेयरफैक्स समूह का समर्थन हासिल है. कंपनी अपने इस आईपीओ के जरिए 1500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है जिसमें 1250 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल के जरिए जुटा रही है जबकि 10.94 करोड़ रुपये इक्विटी शेयर के जरिए और 250 करोड़ रुपये अपने प्रमोटर के जरिए जुटाने की तैयारी कर रही है. कंपनी यहां से जुटाए गए पैसे को कंपनी के विस्तार में लगाने की योजना बना रही है. कंपनी ने आईपीओ में शेयरों का 75 प्रतिशत क्वॉलीफाइड इंस्टीट्यूशल बिडर के लिए लगाने की तैयारी कर रही है वही कुछ शेयर कंपनी के कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कर रही है. जबकि 15 प्रतिशत शेयर नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर के लिए सुरक्षित किया है.
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विराट और अनुष्का ने किया है इतने करोड़ का निवेश
गो डिजिट में क्रिकेटर विराट कोहली और अनुष्का ने बड़ा निवेश किया है. विराट कोहली ने जहां कंपनी में 2020 में 2 करोड़ रुपये का निवेश किया था, वहीं अनुष्का ने कंपनी में 50 लाख रुपये का निवेश किया है. विराट कोहली ने कंपनी का एक शेयर 75 रुपये के हिसाब से खरीदा और उनके पास आज इस कंपनी के 266667 शेयर हैं वहीं अनुष्का के पास 66667 शेयर हैं. गो डिजिट के आईपीओ के लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज(ICICI Securities), मार्गन स्टेनली इंडिया कंपनी(Morgan Stanley india Company), एक्सिस कैपिटल(Axis Capital), एचडीएफसी बैंक(HDFC Bank), एडेलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज(Edlewise Fianancial Services) और आईआईएफएल सिक्योरिटी(IIFL Security) रनिंग लीड मैनेजर हैं.
कंपनी के आईपीओ को मार्च में मिली थी अनुमति
गो डिजिट के आईपीओ के दस्तावेजों की जांच करने के बाद सेबी ने इसे मंजूरी दे दी थी. इससे पहले फरवरी 2023 में किए गए आवेदन को सेबी की ओर से खारिज कर दिया गया था. गो डिजिट इंश्योरेंस मोटर, हेल्थ, ट्रैवल, प्रॉपर्टी, मरीन, लायबिलिटी इंश्योरेंस प्रोडक्ट ऑफर करती है. कंपनी ने पहले नौ महिने में 107 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. जबकि जनवरी 2024 में ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रीमियम इनकम 6645 करोड़ रुपये रहा है. ये साल दर साल के आधार पर 32 प्रतिशत ज्यादा है.
अंकुर जैन की बिल्ट में 36 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी अनुमानित कुल संपत्ति 1.2 बिलियन डॉलर है.
अंकुर जैन एक ऐसे युवा हैं, जो 10 साल से भी कम समय में अरबपति बन गए. Forbs (फोर्ब्स) 30 अंडर 30 यानी 30 साल से कम उम्र के 30 सबसे अमीर शख्स की सूची में शामिल अंकुर जैन को बिलेनियर यानी अरबपति बनने में दस साल से भी कम का समय लगा. हाल में सोशल मीडिया पर इनकी शादी भी खूब चर्चा में रही. तो चलिए जानते हैं इस युवा ने इतनी बड़ी उपलब्धि इतने कम समय में कैसे हासिल की?
ऐसे लिखी कामयाबी की दासतां
34 वर्षीय अंकुर ह्यूमन ऐप के जरिए पहली बार चर्चा में आए. ये एक ऐसा ऐप है, जिसने कॉन्ट्रैक्ट सर्च कैपेबिलिटी के जरिए फोन कांट्रैक्ट मैनेजमेंट में क्रांति ला दी है. ह्यूमन को साल 2016 में डेटिंग एप टिंडर ने खरीद लिया था. इस अधिग्रहण के बाद वह टिंडर के वाइस प्रेसिडेंट बने. इसके बाद 2019 में उन्होंने बट लॉन्च किया. अपने स्टार्टअप बिल्ट (Bilt) के दम पर आज वह अरबपति बन गए हैं. बिल्ट में अंकुर जैन की 36 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू करीब 120 करोड़ है.
क्या है बिल्ट?
बिल्ट रेंटल पेमेंट से जुड़ा स्टार्टअप है, जो देशभर में किराएदारों को खर्चों पर रिवॉर्ड कमाने का मौका देता है. बिल्ट ने एक नया रेंटल पेमेंट सिस्टम है, जिसने पहली बार रिवॉर्ड का कॉन्सेप्ट पेश किया. किराएदार अगर बिल्ट के क्रेडिट कार्ड के जरिए अपना किराया चुकाते हैं तो यह उनके क्रेडिट स्कोर पर भी पॉजिटिव असर डालता है, बिल्ट का एक खास फीचर यह है, कि इसमें ट्रांजैक्शन फीस नहीं देनी होती, जो किराएदारों पर एक बोझ होता है.
40 लाख से अधिक किराएदार बिल्ट से जुड़े
पिछले 5 वर्षों में बिल्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है, इसने काफी सारे मकान मालिकों के साथ साझेदारी की है. जिसके चलते बिल्ट पर अब देशभर में 40 लाख से अधिक किराएदार हैं हालांकि किराएदारों के बीच इसका क्रेज सिर्फ रेंट पेमेंट रिवार्ड्स के चलते ही नहीं है, बल्कि इसने कई एयरलाइंस होटल चेंज जिम और रेस्टोरेंट के साथ भी साझेदारी की हुई है. हाल ही में बिल्ट ने 310 करोड़ के वैल्यूएशन पर 20 करोड डॉलर जुटाए थे और अब तक यह 41.3 करोड डॉलर जुटा चुकी है.
हाल में इनकी शादी भी बनी थी चर्चा का विषय
हाल में अंकुर जैन ने WWE रेस्लर एरिका (Erika Hammond) के साथ मिस्र के पिरामिड (Egyptian pyramid) के बेस पर शादी की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन्होंने अपनी शादी की डेकोरेशन के लिए फूलों पर ही 20 हजार डॉलर खर्च किए थे.