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IndiGo से कमजोर होगा Rakesh Gangwal का रिश्ता, बड़ी हिस्सेदारी बेचने की है तैयारी!
InterGlobe Aviation के निदेशक पद से इस्तीफे के बाद से गंगवाल ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम करना शुरू कर दिया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) के शेयरहोल्डिंग पैटर्न में बड़ा बदलाव होने वाला है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इंडिगो के को-फाउंडर राकेश गंगवाल (Rakesh Gangwal) बड़ी हिस्सेदारी बेचने वाले हैं. गंगवाल इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन में 5% से ज्यादा की हिस्सेदारी बेच सकते हैं. जबकि पहले कहा जा रहा था कि उनकी योजना केवल 3.3 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की है. अभी ये स्पष्ट नहीं है कि राकेश गंगवाल ने इतनी ज्यादा हिस्सेदारी कम करने का फैसला क्यों लिया है.
इतना करोड़ जुटाएंगे
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि राकेश गंगवार इंटरग्लोब एविएशन में 5.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकते हैं. पहले ये जानकारी सामने आई थी कि वह केवल 3.3 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं. माना जा रहा है कि गंगवाल इस हिस्सेदारी की बिक्री से करीब 6600 करोड़ रुपए जुटाना चाहते हैं. गंगवाल और उनके परिवार के ट्रस्ट के पास सामूहिक रूप से इंटरग्लोब एविएशन में करीब 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है. फरवरी 2022 में InterGlobe Aviation के निदेशक पद से इस्तीफे के बाद से उन्होंने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम करना शुरू कर दिया था.
पहले भी बेची है हिस्सेदारी
इस्तीफे के समय गंगवाल परिवार ने कंपनी में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 2900 करोड़ रुपए कमाए थे. इसके कुछ समय बाद उन्होंने 2.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी और अगस्त 2023 में हुई एक और ब्लॉक डील में भी गंगवाल ने 45 करोड़ डॉलर के शेयर बेच दिए थे. इंडिगो (IndiGo) की आर्थिक सेहत की बात करें, तो दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही में कंपनी ने 2998 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 1418 करोड़ रुपए था. हवाई यात्रा की मांग में आई तेजी से कंपनी का मुनाफा बढ़ा है. इंडिगो के पास फिलहाल 358 विमानों का बेड़ा है और इसकी बाजार हिस्सेदारी 62% से अधिक है.
फाउंडर्स में रहा है विवाद
इंडिगो एयरलाइन की शुरुआत साल अगस्त 2006 में हुई थी. राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने मिलकर एयरलााइन की स्थापना की थी. हालांकि, बाद में दोनों के बीच मनमुटाव शुरू हो गए. दोनों में इस बात को लेकर झगड़ा हुआ कि एयरलाइन को कौन और कैसे चलाएगा. 2022 की शुरुआत में जब इंडिगो ने राहुल भाटिया को प्रबंध निदेशक के रूप में नामित किया, तब गंगवाल ने निदेशक पद इस्तीफे से दे दिया था. इस्तीफे के बाद गंगवाल ने कहा था कि वह अगले पांच सालों में धीरे-धीरे अपनी हिस्सेदारी कम कर लेंगे.
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