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आशंका: टैंक अभी से करवा लें फुल, Petrol-Diesel की फिर होने वाली है किल्लत!
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक आदेश दिया था जिस पर अमल के चलते किल्लत हो सकती है.
नीरज नैयर 1 month ago
आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की किल्लत देखने को मिल सकती है. दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 2019 में एक आदेश पारित किया था, जिस पर अमल के चलते पेट्रोल-डीजल की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. बता दें कि कुछ समय पहले नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल की थी, जिसकी वजह से भी देश के कई हिस्सों में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई पर असर पड़ा था.
बड़े शहरों में हुआ अमल
फिलहाल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक अप्रैल से पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो सकती है. NGT ने अपने 2019 के आदेश में कहा था कि पेट्रोल और डीजल टैंकरों को टॉप लोडिंग के बजाए बॉटम लोडिंग बदला जाना चाहिए. बड़े शहरों में तो यह फैसला लागू हो चुका है, अब भोपाल में इसे लागू किया जा रहा है. भोपाल जिले में कुल 151 पेट्रोल पंप हैं. जिले में 10 लाख लीटर पेट्रोल और 12 लाख लीटर डीजल की प्रतिदिन खपत होती है.
डीलर्स के पास नए टैंकर नहीं
भोपाल में एक रिलायंस डिपो है, जहां से भारत, हिंदुस्तान पेट्रोलियम पेट्रोल-डीजल लेते हैं. इस डिपो ने NGT के आदेश का हवाला देते हुए 1 अप्रैल से मौजूदा टॉप लोडिंग (ऊपर से भरने वाले) टैंकरों के बजाए बॉटम लोडिंग (नीचे से भरने वाले) टैंकर से ही सप्लाई का फैसला लिया है. जबकि पेट्रोल पंप डीलर्स के पास नए टैंकर नहीं हैं और इसके इंतजाम में लंबा समय लगेगा. BW हिंदी से बात करते हुए मध्य प्रदेश पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने स्वीकार किया कि सप्लाई प्रभावित हो सकती है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ज्यादा घबराने वाली बात नहीं है.
इस सवाल के जवाब में कि क्या एसोसिएशन को NGT के आदेश की जानकारी नहीं थी? अजय सिंह ने कहा कि जानकारी तो थी, लेकिन इस पर अमल की सूचना काफी देरी से मिली. 1 अप्रैल की डेडलाइन से चंद दिन पहले ही हमें इस बारे में बताया गया, ऐसे में डेडलाइन पूरी करना मुश्किल है. नया टैंकर बनवाने में 7 से 8 महीने का समय लगता है. सिंह ने आगे कहा कि आदेश के अमल में आने के बाद पेट्रोल-डीजल बाहर से मंगवाना पड़ेगा और इसमें 48 से 72 घंटों का समय लग सकता है. ऐसे में पंपों पर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई देर से होगी.
क्यों दिया था ये आदेश?
एसोसिएशन ने तेल कंपनियों से कुछ और समय की मांग की है. NGT ने टॉप लोडिंग के बजाए बॉटम लोडिंग टैंकरों से सप्लाई का आदेश पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए दिया था. दरअसल, पेट्रोल-डीजल की फिलिंग के दौरान खतरनाक गैसें निकलती हैं, जो टॉप फिलिंग होने पर सीधे वातावरण फैल जाती हैं. जबकि बॉटम फिलिंग से इस पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है.
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