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3 साल पुराने Deactivate खातों को लेकर अब सरकार लाने जा रही है नया नियम, ये होगा इससे फायदा
केन्द्र सरकार की एक समिति हाल ही में 20 दिसंबर को आयोजित हुई मीटिंग में इस मसले को सभी स्टेकहोल्डरों के सामने उठा चुकी है. इस मीटिंग में सभी की ओर से भी अपनी चिंता बताई गई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
कई बार ऐसा होता है कि जब आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं, लेकिन आपका एकाउंट और पर्सनल जानकारी फिर भी उस प्लेटफार्म पर बनी रहती है. लेकिन केन्द्र सरकार आने वाले समय में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून के तहत कंपनियों के लिए नियम बनाने जा रही है कि तीन साल से डिएक्टिव खातों की पर्सनल जानकारी को डिलीट करना अनिवार्य हो जाएगा. सरकार जल्द ही इस दिशा में ड्राफ्ट सभी की चर्चा के लिए सामने ला सकती है.
क्या कहता है ये ड्राफ्ट?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि केन्द्र सरकार डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून को अगस्त 2023 में पास कर चुकी है. कानून के कुछ क्लॉज को परिभाषित करने के लिए अतिरिक्त प्रावधानों को करने की जरूरत होती है. इन्हीं को लेकर केन्द्र सरकार जल्द ही एक कंसलटेंशन पेपर जारी करने को लेकर काम कर रही है. सरकार जल्द इसे लाकर 2024 में इन्हें अधिसूचित कर सकती है. सरकार की अधिसूचना के बाद कंपनियों को उपयोगकर्ताओं के पर्सनल डेटा को डिलीट करना होगा. केन्द्र सरकार डेटा प्रोटेक्शन को और मजबूत बनाने की दिशा में इस बदलाव को कर रही है.
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किन-किन क्षेत्रों में बदलाव होगा लागू?
अगर ये अधिसूचित हो जाता है तो आने वाले दिनों में ये बदलाव जिन क्षेत्रों पर लागू होगा उनमें ई-कॉमर्स, ऑनगेमिंग के इंटरमीडिएट्री और सोशल मीडिया कंपनियों पर लागू हो सकता है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि इन सभी कंपनियों के 2 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. इसमें ये भी प्रावधान किया गया है कि डेटा को डिलीट करने से पहले कंपनियों को ग्राहकों को नोटिफिकेशन भेजना होगा. ये नोटिफिकेशन उन्हें उपयोगकर्ता के तीन साल होने से 48 घंटे पहले भेजना होगा. हालांकि इस दौरान उपयोगकर्ता को ये भी बताना होगा कि के खाते को डिलीट नहीं किया जाएगा. सरकार की चिंता व्यक्तिगत जानकारियों से है. इसे सुरक्षित करने को लेकर सरकार ये प्रावधान ला रही है.
20 दिसंबर को सरकार इस पर कर चुकी है चर्चा
हालांकि सरकार इस मामले को लेकर हाल ही में 20 दिसंबर को हुई मीटिंग में चर्चा कर चुकी है. इसमें सरकार की समिति की ओर से सभी स्टेकहोल्डरों के सामने ये बात रखी गई थी. गौरतलब ये भी है कि इस मीटिंग में शामिल हुए कई लोगों ने ये भी कहा था कि अगर डेटा डिलीट करने के बाद सरकार या उनके अधिकारी किसी खाताधारक की पर्सनल जानकारी मांगते हैं तो वो क्या करेंगे.
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