शेयर मार्केट का चस्का, बेंगलुरु वालों ने गंवा दिए 200 करोड़, आप भी न करें ये गलती

बेंगलुरु में पिछले चार महीने में निवेशकों को स्टॉक मार्केट फ्रॉड के जरिए 200 करोड़ रुपये का चूना लग चुका है.

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Saturday, 25 May, 2024
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शेयर बाजार से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है. शेयरों में लोगों की बढ़ती रुचि का फायदा जालसाज उठा रहे हैं. ये रिटेल निवेशक को शेयर बाजार से गारंटीड रिटर्न दिलाने का झांसा देते हैं. जो इनके फेंके जाल में आ जाता है, उसकी पूरी पूंजी ये ठग ले उड़ते हैं. हालांकि, बाजार नियामक सेबी बार-बार निवेशकों से ऐसे ठगों से सावधान रहने की अपील करता रहता है, लेकिन फिर भी बहुत से लोग इनके जाल में फंस ही जाते हैं. ऐसे कई मामले बेंगलुरु में सामने आए हैं. बेंगलुरु में पिछले चार महीने में निवेशकों को स्टॉक मार्केट फ्रॉड के जरिए 200 करोड़ रुपये का चूना लग चुका है.

4 महीने में लगा 200 करोड़ का चूना

बेंगलुरु में पिछले कुछ समय के दौरान स्टॉक मार्केट फ्रॉड के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले चार महीनों में शहर के लोगों को कुल 197 करोड़ रुपये का चूना लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेंगलुरु पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने पिछले चार महीने में कुल 735 ऐसे मामले दर्ज किए हैं, जिनमें लोगों के साथ निवेश के नाम पर फ्रॉड को अंजाम दिया गया है. हैरानी की बात ये है कि एक भी मामले में पुलिस रिकवरी करने में सफल नहीं रही है. वहीं 10 फीसदी मामले में केवल बैंक खाते को फ्रीज किया जा सका है.

हर दिन दर्ज हो रहे 8 मामले

खबर के मुताबिक, फरवरी के महीने में सबसे ज्यादा स्टॉक मार्केट फ्रॉड के मामले सामने आए हैं. साइबर पुलिस ने मामलों की जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन किया है. पुलिस के मुताबिक अकेले फरवरी 2024 में हर दिन स्टॉक मार्केट फ्रॉड से जुड़े 8 केस रजिस्टर हुए हैं. कुल 237 मामलों में लोगों से निवेश के नाम पर 88 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है. गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में लोगों के बीच स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय विकल्पों में निवेश का क्रेज बढ़ा है. ऐसे में साइबर अपराधी निवेश के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.

ऐसे बच सकते हैं फ्रॉड से

•    पैसा लगाने से पहले करें जांच-पड़ताल- शेयर बाजार में लगाने के लिए रेगुलेटेड ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को चुनें. सेबी या आरबीआई जैसे संस्थानों के साथ उनके रजिस्‍ट्रेशन की जांच करें.

•    अनचाहे ऑफर्स से सावधान- स्कैमर्स अक्सर लुभाने के लिए हाई प्रेशर रणनीति और गारंटीड रिटर्न के वादे से फंसाते हैं. किसी भी अनचाहे कॉल, ईमेल या सोशल मीडिया मैसेज के आधार पर निवेश करने से बचें.

•    नहीं मिलता गारंटीड रिटर्न- यह बात अच्‍छी तरह समझ लें कि शेयर बाजार में किसी भी निवेश पर प्रॉफिट की कोई गारंटी नहीं है. “जल्दी अमीर बनाने” का दावा करने वाले लोगों और फर्मों से बचकर रहें.

•    निजी जानकारी शेयर न करें- स्कैमर्स से बचने का सबसे आसान तरीका ये है कि कभी अपना यूजर नेम, पासवर्ड और टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन कोड किसी के साथ शेयर न करें.

•    मुफ्त निवेश सलाह से सावधान- सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्रोफेशनल्स अपनी सर्विसेज के लिए फीस लेते हैं. मुफ्त सलाह अक्सर लोगों को किसी घोटाले में फंसाने की एक चाल हो सकती है.
 


शेयर मार्केट पर लौटा विदेशी निवेशकों का भरोसा, एक हफ्ते में किया इतने हजार करोड़ का निवेश

अभी तक बिकवाली कर रहे विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय शेयर बाजार पर फिर से देखने को मिल रहा है.

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Monday, 17 June, 2024
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केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) का भरोसा फिर एक बार लौटता नजर आ रहा है. डोमेस्टिक और ग्लोबल मार्केट्स के पॉजिटिव ट्रेंड के बीच FPI ने 14 जून को खत्म सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में 11,730 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश/नेट इनफ्लो किया है. डिपॉजिटरी डेटा से यह जानकारी मिली है. इससे पिछले यानी 3 से 7 जून के सप्ताह के दौरान एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 14,794 करोड़ रुपये (1.77 अरब डॉलर) निकाले थे. 

शेयर बाजार में डाले इतने पैसे

घरेलू और वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 14 जून को समाप्त सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में 11,730 करोड़ रुपए का निवेश किया है. इससे पिछले यानी तीन से सात जून के सप्ताह के दौरान एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 14,794 करोड़ रुपये (1.77 अरब डॉलर) निकाले थे. ताजा निवेश के बाद इस महीने अबतक FPI की शेयरों से शुद्ध निकासी 3,064 करोड़ रुपये रही है.

इससे पहले मई में FPI ने चुनावी नतीजों से पहले शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये निकाले थे. वहीं मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में निरंतर वृद्धि की चिंताओं के कारण अप्रैल में उन्होंने 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी. वहीं FPI ने मार्च में शेयरों में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जबकि जनवरी में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे. इस महीने 14 जून तक एफपीआई ने डेट या बॉन्ड बाजार में 5,700 करोड़ रुपये डाले हैं. कुल मिलाकर इस साल अबतक एफपीआई शेयरों से शुद्ध रूप से 26,428 करोड़ रुपए निकाले चुके हैं. इस दौरान उन्होंने बॉन्ड बाजार में 59,373 करोड़ रुपए डाले हैं.

इस वजह से बढ़ी उम्मीद

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि जून के पहले सप्ताह में उतार-चढ़ाव के बाद बाजार में स्थिरता लौटी है.  मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार की सरकार सहयोगी दलों पर निर्भर है, लेकिन लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सत्ता में आने से नीतिगत सुधारों और आर्थिक वृद्धि के जारी रहने की उम्मीद बनी है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका में उम्मीद से कम मुद्रास्फीति के आंकड़ों ने भी इस साल दर कटौती की उम्मीद बढ़ा दी है.
 


निवेशकों के लिए कमाई का जबरदस्त मौका, इस हफ्ते आने वाले हैं 9 आईपीओ

इस सप्ताह कमाई का मौका आने वाला है. इस बार एक या दो नहीं 9 कंपनियों के आईपीओ इस सप्ताह खुलेंगे. इनमें निवेश करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं.

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Monday, 17 June, 2024
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लोकसभा चुनाव के कारण सुस्त सप्ताह के बाद प्राइमरी मार्केट अब फिर से एक्टिव होने वाला है. अगले हफ्ते 2, 5, 7 नहीं पूरे 9 आईपीओ ओपन होंगे. वहीं एक कंपनी शेयर बाजार में डेब्यू करेगी. पिछले हफ्ते, Ixigo IPO, जिसने अपर प्राइस बैंड पर 740.10 करोड़ रुपए से ज्यादा जुटाए हैं को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पांस मिला है. ऐसे में जिन कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं वो भी काफी एक्साइटिड हैं. आइए उन आईपीओ की लिस्ट को देखते हैं, जो इस हफ्ते ओपन होने वाले हैं.

Aasaan Loans IPO- NBFC एक्मे फिनट्रेड इंडिया का IPO 19 जून को खुलने जा रहा है. इसके लिए प्राइस बैंड 114 से 120 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. लॉट साइज 125 शेयर है. इस IPO को Aasaan Loans IPO भी कहा जा रहा है. कंपनी का इरादा 132 करोड़ रुपये जुटाने का है. IPO की क्लोजिंग 21 जून को होगी. शेयरों की लिस्टिंग BSE, NSE पर 26 जून को होगी.

Falcon Technoprojects India IPO- 13.69 करोड़ रुपये का यह पब्लिक इश्यू 19 जून को खुलेगा और 21 जून को क्लोज होगा. प्राइस बैंड 92 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1200 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 26 जून को होगी.

Durlax Top Surface IPO- कंपनी का इरादा 40.80 करोड़ रुपये जुटाने का है. यह IPO भी 19 जून को खुलकर 21 जून को बंद होगा. प्राइस बैंड 65 से 68 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 2000 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 26 जून को होगी.

DEE Piping Systems IPO- 418.01 करोड़ रुपये के इस IPO में 19 जून से लेकर 21 जून तक पैसे लगा सकेंगे. प्राइस बैंड 193 से 203 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 73 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग BSE और NSE पर 26 जून को होगी.

GEM Enviro IPO- यह इश्यू भी 19 जून को खुलेगा और 21 जून को क्लोज होगा. कंपनी 44.93 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. प्राइस बैंड 71 से 75 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1600 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग BSE SME पर 26 जून को होगी. 

Winny Immigration IPO- इश्यू 20 जून को खुलेगा और 24 जून को क्लोज होगा. प्राइस बैंड 140 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1000 शेयर है. कंपनी का इरादा 91.28 करोड़ रुपये जुटाने का है. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 27 जून को होगी.

Dindigul Farm Product IPO (EnNutrica IPO)- 34.83 करोड़ रुपये का यह इश्यू 20 जून को खुलकर 24 जून को क्लोज होगा. 51 से 54 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय हुआ है. मिनिमम लॉट साइज 2000 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग BSE SME पर 27 जून को होगी.

Medicamen Organics IPO- यह IPO 21 जून को खुलेगा और 25 जून को बंद होगा. प्राइस बैंड 32 से 34 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 4000 शेयर है. कंपनी 10.54 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. शेयर NSE SME पर 28 जून को लिस्ट होंगे.

Stanley Lifestyles IPO- लग्जरी फर्नीचर ब्रांड स्टेनली लाइफस्टाइल्स IPO के जरिए 537 करोड़ रुपये जुटाना चाहता है. कंपनी का पब्लिक इश्यू 21 जून को खुलने वाला है. इसके लिए प्राइस बैंड 351-369 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 40 शेयर तय किया गया है. इश्यू की क्लोजिंग 25 जून को होगी. शेयरों की लिस्टिंग BSE और NSE पर 28 जून को हो सकती है.

इस कंपनी की होगी लिस्टिंग

शेयर बाजार में नए सप्ताह में जो एक कंपनी लिस्ट होगी वह Ixigo की पेरेंट कंपनी Le Travenues Technology है. इसका IPO 10 जून को खुलकर 12 जून को बंद हुआ. शेयरों की लिस्टिंग BSE और NSE पर 18 जून को होगी. IPO 98.10 गुना सब्सक्राइब हुआ.

 


Paytm के इस बिजनेस को खरीद सकता है Zomato! जल्द हो सकती है 1500 करोड़ की डील

पेटीएम कंपनी की रीस्ट्रक्चरिंग में जुटी हुई है. कंपनी छंटनी के साथ ही अन्य कारोबार भी बेचने की तैयारी में है.

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Monday, 17 June, 2024
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संकट के दौर से गुजर रही पेटीएम (Paytm) ने अपने मूवी और इवेंट टिकटिंग बिजनेस को बचने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमाटो (Zomato) से बातचीत की जा रही है. फिनटेक कंपनी पेटीएम ने यह फैसला रीस्ट्रक्चरिंग के तहत लिया है. पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा बैन लगाए जाने के बाद पेटीएम के कारोबार को तगड़ा झटका लगा है. ऐसे में वह गिरती हुई सेल्स को संभालने के लिए एक साथ कई विकल्प पर काम कर रही है. 

1500 करोड़ में हो सकती है डील

दिग्गज ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो फिनटेक फर्म पेटीएम से मूवी टिकटिंग और इवेंट बिजनेस को खरीदने पर बातचीत कर रही है. सामने आई जानकारी की मानें, यह डील लगभग 1,500 करोड़ रुपये हो सकती है. दरअसल, जोमैटो के मालिक दीपिंदर गोयल अपने बिजनेस को डबल करना चाहते हैं.वहीं, फिनटेक फर्म पेटीएम मौजूदा ब्रिकी में भारी गिरावट के बाद रणनीतिक बदलाव के तहत अपने मूवी और इवेंट टिकटिंग डिवीजन को बेचने की तैयारी कर रही है.

फाइनेंशियल सर्विस पर पेटीएम का फोकस

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मूवी और इवेंट टिकटिंग बिजनेस) को बेचने के लिए पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications) और जोमाटो के बीच बातचीत शुरू हो चुकी है. मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मूवी और इवेंट टिकटिंग बिजनेस को बैचकर कंपनी UPI पेमेंट सेगमेंट में अपनी खोई हुई इज्जत को वापस हासिल करने का प्रयास करेगी. इस बिजनेस को बेचने के लिए जोमाटो के अलावा अन्य विकल्प पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है.

Zomato का दूसरा सबसे बड़ा अधिग्रहण

अगर यह डील फाइनल होता है, तो यह जोमैटो की दूसरी सबसे बड़ी खरीद होगी. कंपनी ने इससे पहले 2021 में किक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट का अधिग्रहण किया गया था, जो 4,447 करोड़ रुपये का ऑल-स्टॉक डील था. पेटीएम के इवेंट और मूवी टिकटिंग बिजनेस में जोमैटो की दिलचस्पी रणनीतिक रूप से फिट बैठती है, जो फूड, ग्रॉसरी और एंटरटेनमेंट सहित कई कैटेगरी में कंज्यूमर डिमांड को पूरा करने के इसके बड़े उद्देश्य को पूरा करती है. वन 97 कम्युनिकेशंस ने 2017 में इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर (OML) बैक्ड ऑनलाइन टिकटिंग और इवेंट प्लेटफॉर्म इनसाइडर डॉट इन को 35 करोड़ में खरीदा था.

जोमाटो का बिजनेस और हो जाएगा बड़ा

पेटीएम ने मूवी और इवेंट टिकटिंग बिजनेस के आंकड़ों की जानकारी तो नहीं दी है. मगर, मार्च, 2024 में मार्केटिंग सर्विस बिजनेस के जरिए कंपनी को 17.4 अरब डॉलर की सालाना सेल्स हासिल हुई थी. इसमें मूवी और इवेंट टिकटिंग के साथ ही क्रेडिट कार्ड मार्केटिंग एवं गिफ्ट वाउचर्स बिजनेस भी शामिल है. यदि जोमाटो के साथ पेटीएम की डील सफल हो जाती है तो कंपनी ट्रेवल, डील्स और कैशबैक बिजनेस पर फोकस कर सकेगी. इसकी मदद से पेटीएम को अपनी सेल्स और मर्चेंट बेस बढ़ाने में मदद मिलेगी. उधर, जोमाटो का डिजिटल बिजनेस भी बड़ा हो जाएगा.
 


इन डिफेंस स्टॉक्स को खरीद डाला तो समझो लाइफ झिंगालाला, रिकॉर्ड दे रहा गवाही!

राजनाथ सिंह के डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़ाने की खबर के साथ ही डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है.

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Saturday, 15 June, 2024
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मोदी 3.0 में जिन सेक्टर्स पर सरकार का सबसे ज्यादा जोर रहेगा उनमें डिफेंस भी शामिल है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि सरकार डिफेंस एक्सपोर्ट को लेकर काफी गंभीर है. उन्होंने बताया कि सरकार अगले पांच सालों में डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाकर 50000 करोड़ रुपए तक करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. सरकार की इस तैयारी से डिफेंस सेक्टर के लगभग सभी शेयरों में उछाल देखने को मिल रहा है. 

इन कंपनियों के शेयर चढ़े
इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को डिफेंस सेक्टर्स से कंपनियों के शेयरों में ज़बरदस्त तेजी देखने को मिली. इस दौरान, पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के शेयर सबसे ज्यादा 20 प्रतिशत तक चढ़ गए. PTC Industries, BEML, Bharat Electronics, MTAR Technologies, Bharat Dynamics, ideaForge Technology, Zen Technologies, Astra Microwave Products और Hindustan Aeronautics में भी तेजी देखने को मिली. पारस डिफेंस के शेयर 1,156.90 रुपए पर बंद हुए, जो इसका 52 हफ्तों का उच्च स्तर भी है. 

PTC का रिकॉर्ड शानदार
रिटर्न की बात करें, तो पीटीसी का रिकॉर्ड अब तक शानदार रहा है. बीते एक साल में यह शेयर अपने निवेशकों को 294.65% का रिटर्न दे चुका है. जबकि इस साल अब तक इसमें 123.46% की तेजी आई है. वहीं, पारस ने एक साल में 109.19 फीसदी का रिटर्न दिया है. जबकि पिछले सिर्फ 1 महीने में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत से अधिक निकल गया है. इस शेयर में पैसा लगाने वालों का पैसा बीते 5 दिनों में 27% तक बढ़ गया है. बता दें कि भारत 85 देशों को डिफेंस इक्विपमेंट भेजता है. अब मोदी सरकार डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाकर 50000 करोड़ करना चाहती है. 

पारस डिफेंस की स्थिति मजबूत 
पारस डिफेंस मुख्य रूप से डिफेंस और स्पेस इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स और सॉल्यूशंस प्रदान कराती है. डिजाइन, डेवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग में लगी इस कंपनी के प्रमोटरों के पास मार्च 2024 तक कंपनी में 58.94 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. इस कंपनी प्रमुख ग्राहकों में DRDO, ISRO, डिफेंस शिपयार्ड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, लार्सन एंड टुब्रो और टाटा ग्रुप शामिल हैं. पारस डिफेंस ने पिछले कुछ सालों में कई नए क्षेत्रों में प्रवेश करके सात नई सहायक कंपनियों की स्थापना की है. कंपनी फिलहाल ड्रोन, मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) और ड्रोन रोधी प्रणालियों पर फोकस कर रही है.

HAL पर बुलिश ब्रोकरेज
इसी तरह, पब्लिक सेक्टर की डिफेंस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) के शेयरों पर ब्रोकरेज फर्म बुलिश नजर आ रही हैं. डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर की इस कंपनी के शेयर कल 1.73% की तेजी के साथ 5,188 रुपए पर बंद हुए. इससे कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 3.47 लाख करोड़ रुपए हो गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के शेयरों में तेजी की उम्मीद जताते हुए इसे Buy रेटिंग दी है. फर्म ने इसका टार्गेट प्राइज 5725 रुपए रखा है. इस हिसाब से देखें तो HAL के शेयरों में लगभग 10% की रैली आ सकती है. बता दें कि 31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही में HAL का नेट प्रॉफिट 52% बढ़कर 4309 करोड़ रुपए रहा. कंपनी ने तिमाही के दौरान 17600 करोड़ रुपए के ऑर्डर भी प्राप्त किए, जो एक साल पहले की तुलना में 135% अधिक है.


आज से सस्‍ती हुई 54 दवाएं, जानते हैं किन दवाओं की दामों में हुई है कमी…

एनपीपीएन ने हाल ही में हुई 124 वीं बैठक में ये फैसला लिया गया था. एनपीपीए आम लोगों के द्वारा इस्‍तेमाल की जाने वाली दवाओं के दामों का निर्धारण करती है.

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Saturday, 15 June, 2024
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महंगाई के इस दौर में जहां आरबीआई लगातार उसे कम करने की कोशिश कर रहा है वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर दवओं को लेकर अच्‍छी खबर सामने आई है. आज से 54 दवाओं के दाम कम हो गए हैं. नेशनल फॉर्मास्‍यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी की हालिया बैठक में जिन 54 दवाओं के दामों को कम करने का‍ निर्णय लिया गया था वो आज से लागू हो गया है. इनमें 8 विशेष दवाएं भी शामिल हैं. 

किन बीमारियों की दवाएं हुई हैं सस्‍ती 
एनपीपीएन ने हाल ही में हुई 124 वीं बैठक में ये फैसला लिया गया था. एनपीपीए आम लोगों के द्वारा इस्‍तेमाल की जाने वाली दवाओं के दामों का निर्धारण करती है.एनपीपीए की इस बैठक में 54 दवा फॉर्मूलेशन और 8 विशेष दवाओं के दाम को कम करने का फैसला लिया गया था. जिन दवाओं के दामों में कमी हुई है उनमें हार्ट, एंटीबॉयोटिक, मल्‍टी विटामिन, और डायबिटिज जैसी दवाएं शामिल हैं जिनके दामों में कमी हुई है. इससे पहले हुई बैठक में भी कुछ दवाओं को सस्‍ती करने का निर्णय किया गया था जिनमें लीवर, गैस, एसिडिटी की दवाएं, पेन किलर और एलर्जी की दवाएं शामिल हैं. 

इतने करोड़ लोगों को हुआ इससे फायदा 
एनपीपीए की बोर्ड बैठक में लिए गए इस फैसले से करोड़ों लोगों को फायदा होगा. अगर देखा जाए तो अकेले डायबिटिज के ही 10 करोड़ मरीज हैं, इसी तरह से दूसरी बीमारियों के मरीजों की संख्‍या भी बड़ी है. वहीं अगर दूसरी बीमारी के मरीजों की संख्‍या पर नजर डालें तो उनकी संख्‍या भी लाखों करोड़ों में हैं. एनपीपीए के इस फैसले से उन्‍हें भी फायदा होने की उम्‍मीद है. 

ये भी पढ़ें: अधीर रंजन चौधरी ने आखिर क्‍यों दिया इस्‍तीफा, क्‍या हार बनी है वजह?


 


Tata Power ने देश के प्रमुख शहरों में लगाए 850 से अधिक ई-चार्जिंग पॉइंट्स, 2300 से अधिक ई-बसों का संचालन

Tata Power उच्च क्षमता वाले फास्ट चार्जिंग पॉइंट्स के साथ अपने राष्ट्रव्यापी ई-बस चार्जिंग नेटवर्क को मजबूत किया है. साथ ही 30 राज्य सरकारों के परिवहन निगमों को अरपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है.

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Saturday, 15 June, 2024
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भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनियों में से एक और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सेवाओं के प्रदाता टाटा पावर (Tata Power) ने प्रमुख महानगरीय क्षेत्रों में 850 से अधिक चार्जिंग पॉइंट तैनात करके ई-मोबिलिटी की दिशा में देश के परिवर्तन का नेतृत्व करना जारी रखा है. इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, जम्मू, श्रीनगर, धारवाड़, लखनऊ और गोवा जैसे बड़े शहरों में 30 से अधिक बस डिपो में चार्जिंग पॉइंट्स स्थापित किए गए हैं.

देशभर में 2300 से अधिक पब्लिक ई बसों का संचालन

टाटा पावर ने देश भर में 2,300 से अधिक पब्लिक ई-बसों का संचालन किया है. यह विशाल चार्जिंग नेटवर्क 1 लाख टन से अधिक टेलपाइप कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन को रोक रहा है. टाटा पावर ने देश भर में विभिन्न बस डिपो का डिजाइन और निर्माण किया है. टाटा पावर के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में 180 से 240 किलोवाट रेंज में उच्च क्षमता वाले फास्ट चार्जर शामिल हैं, जो औसतन 1 से 1.5 घंटे में चार्ज कर सकते हैं. इनकी फास्ट चार्जिंग क्षमताएं सार्वजनिक परिवहन बसों की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती हैं.

दिल्ली में सबसे अधिक चार्जिंग स्टेशन

टाटा पावर के पास दिल्ली में सबसे अधिक ईवी चार्जिंग पॉइंट हैं, इसके बाद मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, जम्मू और श्रीनगर में कंपनी ने ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए हैं. टाटा पावर ई-मोबिलिटी को अपनाने को बढ़ावा देने में सबसे आगे है. टाटा पावर विभिन्न ओईएम (OEM) ऑपरेटरों के साथ गठजोड़ करके DTC, BEST, BMTC, JSCL, SSCL, BRTS-AJL जैसी 30 राज्य सरकारों के परिवहन निगमों को सेवाएं प्रदान करके तेजी से आगे बढ़ रही है. टाटा पावर ने चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एंड-टू-एंड सेवाएं प्रदान की हैं, , जो सर्वोत्तम चार्जिंग अनुभव सुनिश्चित करती है. टाटा पावर सभी व्यवसाय संचालन को सुचारू रूप से चलाने को सुनिश्चित करने के लिए सीवेज उपचार संयंत्र और नियामक एनओसी मंजूरी जैसी सेवाएं भी प्रदान करता है.

2040 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध

भारत के शुद्ध शून्य लक्ष्यों के अनुरूप, टाटा पावर 2040 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. देश में चल रहे हरित ऊर्जा परिवर्तन में अग्रणी के रूप में टाटा पावर रूफटॉप सोलर, होम ऑटोमेशन, स्मार्ट मीटरिंग और ईवी चार्जिंग सहित हरित ऊर्जा समाधानों की एक व्यापक श्रृंखला पेश करता है. इसी तरह टाटा पावर भी एक स्थायी जीवन शैली अपनाने को बढ़ावा देने का प्रयास करता है. इस प्रतिबद्धता को टाटा पावर के ‘सस्टेनेबल इज अटेनेबल’ अभियान में रेखांकित किया गया है. हरित ऊर्जा समाधानों को अपनाने को बढ़ावा देना और स्थिरता को एक जन आंदोलन में बदलना इस अभियान का लक्ष्य है.

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अधीर रंजन चौधरी ने आखिर क्‍यों दिया इस्‍तीफा, क्‍या हार बनी है वजह? 

बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं, इनमें से टीएमसी इस बार 29 सीटें जीतने में कामयाब रही जबकि 12 सीटें बीजेपी ने जीती है. जबकि कांग्रेस एक सीट जीतने में कामयाब रही है.

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Saturday, 15 June, 2024
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बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष और 5 बार लोकसभा सांसद सहित कई पदों पर रहने वाले अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष के पद से इस्‍तीफा दे दिया है. अधीर रंजन चौधरी भी इस बार टीएससी उम्‍मीद वार यूसूफ पठान से चुनाव हा गए थे. हालांकि उन्‍होंने उसी वक्‍त इस पद से इस्‍तीफा देने की पेशकश की थी जब कांग्रेस टीएमसी से बंगाल में साथ में चुनाव लड़ने की बात कर रही थी. लेकिन तब पार्टी ने उनका इस्‍तीफा स्‍वीकार नहीं किया. लेकिन अभी पार्टी ने उन्‍हें अपने पद पर बने रहने को कहा है. 

लगभग 1 लाख वोटों से हार गए थे चुनाव 
अधीर रंजन चौधरी 2019 से लेकर 2024 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं. लेकिन इस बार उनके लोकसभा क्षेत्र मुर्शिदाबाद से टीएमसी ने पूर्व क्रिकेटर यूसूफ पठान को उनके खिलाफ उतार दिया था. दोनों के बीच हुए इस कड़े मुकाबले में अधीर रंजन चौधरी को हार का सामना करना पड़ा था. यूसूफ पठान को 524516 वोट मिले जबकि अधीर रंजन चौधरी को 439494 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. 

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हमेशा ही टीएमसी के विरोध में रहे हैं अधीर रंजन 
अधीर रंजन चौधरी हमेशा ही टीएमसी से गठबंधन के पक्ष में नहीं थे. अधीर रंजन हमेशा से ही टीएमसी के विरोध में रहे हैं. लेकिन ममता से उनके विरोध के साथ अपनी पार्टी से भी इस बार उनके मतभेद सामने आ गए थे. इस बार जब कांग्रेस पार्टी ममता बेनर्जी से गठबंधन को लेकर बात कर रही थी उस वक्‍त अधीर रंजन चौधरी इसके पक्ष में नहीं थे. अधीर रंजन उस वक्‍त नाराज हो गए थे जब ममता बेनर्जी ने ये तक कह दिया था कि सबसे पुरानी पार्टी 40 सीट जीतेगी या नहीं ये कहा नहीं जा सकता है. उन्‍होंने ये भी कहा था कि ममता बेनर्जी बीजेपी से डर गई हैं इसलिए ऐसा कह रही हैं. 

इस साल किसने कितनी सीटें जीतीं? 
बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं, इनमें से टीएमसी इस बार 29 सीटें जीतने में कामयाब रही जबकि 12 सीटें बीजेपी ने जीती है. जबकि कांग्रेस एक सीट जीतने में कामयाब रही है. बीजेपी को इन चुनावों में 6 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है.  इसी तरह अगर 2019 के नतीजों पर नजर डालें तो टीएमसी ने 22 सीटें जीतने में कामयाब रही थी जबकि 18 सीटें टीएमसी ने जीती थी. जबकि 2 सीटें कांग्रेस ने जीती थी. 
 


RBI ने Central Bank पर लगाया 1.45 करोड़ का जुर्माना, बैंक ने इन नियमों का किया उल्लंघन

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पब्लिक सेक्टर के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर  भारी जुर्माना लगाया है. बैंक द्वारा कुछ नियमों को नजरअंदाज करने के खिलाफ आरबीआई ने ये जुर्माना लगाया है.

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Saturday, 15 June, 2024
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) पर भारी  जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने 31 मार्च, 2022 तक वित्तीय मामलों को लेकर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की जांच की थी. इसके बाद उसे नोटिस भेजकर जवाब भी मांगा था,  जवाब से संतुष्ट न होने पर आरबीआई ने बैंक पर जुर्माना ठोक दिया है.

इसलिए लगा जुर्माना
आरबीआई ने 'लोन और एडवांसेज' तथा 'कंज्यूमर प्रोटेक्शन' से जुड़े निर्देशों का पालन न करने पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर 1.45 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.  आरबीआई ने 31 मार्च, 2022 तक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पर्यवेक्षी मूल्यांकन (आईएसई 2022) के लिए इसका वैधानिक निरीक्षण भी किया था. 

पहले भेजा था नोटिस
आरबीआई द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सेंट्रल बैंक को नोटिस जारी कर यह बताने को कहा गया था कि अगर बैंक निर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए. बैंक के जवाब पर गौर करने के बाद आरबीआई ने पाया कि बैंक के विरुद्ध लगाए गए आरोप सही हैं. बैंक ने सब्सिडी के रूप में सरकार से प्राप्त होने वाली राशि के एवज में एक कंपनी को कार्यशील पूंजी मांग ऋण स्वीकृत किया था. इसके साथ ही बैंक कुछ अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के मामलों में शामिल राशि को भी निर्धारित समय के भीतर ग्राहकों के खाते में जमा नहीं कर पाया. 

इस बैंक पर भी लगाया जुर्माना

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरबीआई ने  केवाईसी निर्देश, 2016 सहित कुछ मानदंडों का पालन न करने के लिए सोनाली बैंक पीएलसी पर 96.4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आरबीआई के अनुसार दोनों मामलों में लगाए दंड नियामकीय अनुपालन में खामियों पर आधारित हैं और इसका उद्देश्य संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय लेना नहीं है.

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असंगठित क्षेत्र में घटी रोजगार की दर, कोविड से पहले की स्थितियों से भी हुई कम

असंगठित क्षेत्र को जहां पहले नोटबंदी, जीएसटी और दूसरे कारणों की वजह से नुकसान हुआ तो वहीं कोरोना काल के चलते इसमें से 10 मिलियन रोजगार बंद हो गए. 

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Saturday, 15 June, 2024
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देश का असंगठित क्षेत्र हमेशा ही देश के छोटे तबके के लोगों बड़े पैमाने पर रोजगार देने का बड़ा साधन रहा है. लेकिन कोरोना काल ने इस सेक्‍टर को ऐसी चोट दी कि ये अभी तक उस कोरोना काल से पहले के स्‍तर पर नहीं पहुंच पाया है. सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़े बता रहे हैं कि 2021-22 के निम्‍नतम स्‍तर के बावजूद 2022-23 की अवधि में 11.7 मिलियन श्रमिकों को जोड़ने के बावजूद भारत में अनौपचारिक सेक्‍टर में काम करने वाले रोजगार लोगों की संख्‍या प्री कोविड लेवल से कम है. 

क्‍या थी प्री कोविड लेवल में रोजगार की स्थिति 
सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2015 से लेकर जून 2016 के बीच कराए गए सर्वे के अनुसार, लगभग 111.3 मिलियन श्रमिक असंगठित उद्योग में काम कर रहे थे. वहीं अगर 2015-16 के मुकाबले 2022-23 में असंगठित उद्योगों की संख्‍या में 2 मिलियन का इजाफा देखने को मिला और ये 65.04 मिलियन तक जा पहुंची. असंगठित क्षेत्र का मतलब ये होता है जो कानूनी रूप से एक इकाई के रूप में रजिस्‍टर्ड नहीं हैं. इस तरह के उद्योगों में खास तौर पर छोटे व्‍यवसाय, ऐसे व्‍यवसाय जिनका मालिक एक आदमी होता है, पार्टनरशिप में काम करने वाले कारोबार शामिल हैं. 

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जानिए क्‍या है इसकी वजह?
जानकारों का मानना है कि इस क्षेत्र में रोजगार के न उबर पाने की वजह में कई कारण शामिल हैं. पिछले कुछ सालों में जो कारण प्रमुख तौर पर सामने आए हैं उनमें नोटबंदी, जीएसटी, और कोविड जैसी समस्‍याएं शामिल हैं. इन प्रमुख कारणों के चलते इस सेक्‍टर में रोजगार अभी तक संभल नहीं पाया है. जानकार मानते हैं कि सामान्‍य तौर पर हर साल में 2 मिलियन कारोबार का इजाफा हो जाता है. ऐसे में उद्यमों की संख्‍या 75 मिलियन होती है. लेकिन  कोरोना महामारी के दौरान 10 मिलियन तक कंपनियां बंद हो गई तो ऐसे में इनकी संख्‍या में बड़ी कमी आ गई. लेकिन वहीं अगर कंपनियों के उत्‍पादन योगदान पर नजर डालें तो 2021-22 में जहां ये 13.4 ट्रिलियन था वहीं 2022-23 ये बढ़कर 15.42 ट्रिलियन तक हो गया. जबकि 2015-16 में इनका जीवीए 11.52 ट्रिलियन था. 

इन क्षेत्रों का रहा इतना योगदान
वहीं अगर रोजगार में वार्षिक बढ़ोतरी पर नजर डालें तो अन्‍य सेवा क्षेत्र का इसमें प्रतिशत 13.42 प्रतिशत रहा, जबकि मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर 6.34 प्रतिशत रहा है. अनौपचारिक श्रमिकों की औसत आय 2021-22 में 1.06 लाख से बढ़कर 2022-23 में 1.11 लाख रुपये हो गई. देश के असंगठित क्षेत्र के योगदान को देखते हुए कुछ वर्ष पूर्व एनएसओ ने एएसयूएसई का विचार विकसित किया था. अब तक ये सर्वे दो बार किया जा चुका है. इनमें 2019-20 की अवधि के लिए पहला और अप्रैल 20 से मार्च 21 के लिए दूसरा सर्वे किया गया है. 


 


EPFO में खत्‍म हुई ये सुविधा, अब नहीं ले सकेंगे एडवांस पैसा 

कोरोना काल में लोगों की मदद करने के लिए सरकार की ओर से इस सुविधा को शुरू किया गया था. इस सुविधा ने उस समय में कई लोगों की मदद की भी थी. ये सुविधा पूरी तरह से ऑनलाइन थी. 

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Saturday, 15 June, 2024
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कोरोना काल में पैदा हुए संकट से निपटने के लिए शुरू की गई एडवांस सुविधा को ईपीएफओ (इंप्‍लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन) ने बंद कर दिया है. EPFO की ओर से घोषणा की गई है कि इसे तत्‍काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है. इस सेवा को पैसे की कमी के बीच कोरोना काल में शुरू किया गया था. इसमें ईपीएफओ धारक एडवांस ले सकता था. 

नोटिफिकेशन के जरिए दी गई सूचना 
ईपीएफओ ने इस बारे में नोटिफिकेशन के जरिए सूचना दी है. EPFO की ओर से 12 जून को जारी किए गए इस आंकड़े में कहा गया है क्‍योंकि अब किसी भी तरह का कोरोना काल नहीं है तो ऐसे में इस सुविधा को त्‍त्‍काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है. इसलिए अब ईपीएफओ के सब्‍सक्राइबर इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगे.

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2021 में शुरू की थी एडवांस की सुविधा 
 इस सुविधा को कोरोना काल में लोगों को मदद देने के लिए शुरू किया गया था. जिसे अब बंद करने का फैसला किया गया है. इस सुविधा की शुरुआत मार्च 2020 में शुरू की गई थी. वहीं जून 2021 में ईपीएफओ ने नॉन रिफंडेबल एडवांस की सुविधा शुरू कर दी थी. 

किन कारणों से लिया जा सकता है ये रिफंड? 
कोरोना काल जैसी परिस्थितियां इससे पहले कभी पैदा नहीं हुई थी तो ऐसे में सरकार की ओर से कई तरह के कदम उठाए गए थे. इसी कड़ी में सरकार ने एडवांस लेने की सुविधा की शुरूआत के लिए जिन कारणों को शामिल किया था उनमें घर का निर्माण करना, बीमार की स्थिति, कंपनी का बंद हो जाना, घर में शादी और बच्‍चों की पढ़ाई जैसे कारणों को शामिल किया गया था. लेकिन अब कोरोना जैसा संकट पूरी तरह से खत्‍म हो गया है तो ऐसे में सरकार की ओर से एडवांस की सुविधा को भी बंद कर दिया गया है.