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Nykaa में क्यों लगी इस्तीफों की झड़ी, 5 बड़े अधिकारियों ने क्यों छोड़ी कंपनी?
नायका ने इस्तीफों को सामान्य बताया है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
ब्यूटी फैशन रिटेलर नायका (Nykaa) के लिए कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है. एक तरफ जहां उसके शेयर नरमी के दौर से गुजर रहे हैं. वहीं, बड़े अधिकारी भी लगातार उसका साथ छोड़ते जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में कंपनी से एक-दो नहीं बल्कि पांच अधिकारी इस्तीफा दे चुके हैं. नायका भले ही इसे सामान्य घटना बता रही है, लेकिन एक्सपर्ट्स की नजर में कंपनी के भीतर स्थिति अच्छी नहीं है. निवेशकों के साथ-साथ कंपनी के अपने भी उस पर विश्वास खोने लगे हैं.
इन्होंने कहा गुड बाय
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन अधिकारियों ने नायका को गुड बाय कहा है, उसमें कंपनी की लीडरशिप के बड़े मेंबर शामिल हैं. कंपनी के चीफ कमर्शियल ऑफिसर मनोज गांधी, फैशन डिवीजन के चीफ बिजनेस ऑफिसर गोपाल अस्थाना और होलसेल बिजनेस के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर विकास गुप्ता इस्तीफे सुनो चुके हैं. इसके अलावा, नायका के ब्रैंड्स बिजनेस उपाध्यक्ष शुचि पंड्या और फैशन यूनिट में वीपी (फाइनेंस) ललित प्रुथी ने भी कंपनी छोड़ दी है. इससे पहले पिछले साल नवंबर में कंपनी के सीएफओ अरविंद अग्रवाल ने भी इस्तीफा दे दिया था.
टॉप लेवल पर असंतोष
नायका ने इन इस्तीफों को सामान्य प्रक्रिया बताया है. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि नायका जैसे 3000 से अधिक ऑन-रोल कर्मचारियों के साथ एक तेजी से बढ़ रही, ग्रोथ पर फोकस्ड, कंज्यूमर टेक ऑर्गेनाइजेशन में स्वैच्छिक और अनैच्छिक एग्जिट की उम्मीद हमेशा रहती है. हम इनमें से कुछ मिड-लेवल एग्जिट्स को सालाना अप्रेजल और परिवर्तन प्रक्रिया के एक भाग के रूप में देखते हैं. इसमें लोग परफॉर्मेंस के कारण या अन्य अवसरों के चलते बाहर निकल जाते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि एक के बाद एक पांच टॉप अधिकारियों का कंपनी छोड़ना सामान्य बात नहीं है. यह दर्शाता है कि कंपनी में टॉप लेवल पर असंतोष है.
ऐसे गिरता गया शेयर
नायका की स्थापना फाल्गुनी नायर (Falguni Nair) ने की है. साल 2021 में जब कंपनी का आईपीओ आया था, तो हर किसी की जुबां पर बस नायका और फाल्गुनी नायर का ही नाम था. नायका का आईपीओ 83 फीसदी के प्रीमियम पर लिस्ट हुआ था, यह साल का सबसे बड़ा आईपीओ बन गया था. हालांकि, समय के साथ-साथ कंपनी का शेयर नीचे आता गया. 52-वीक के हाई लेवल 315.44 रुपए से लुढ़ककर ये अब 139 रुपए के लेवल पर आ गया है. नायका के IPO में उस समय के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) अरविंद अग्रवाल ने अहम भूमिका निभाई थी. अग्रवाल जुलाई, 2020 में नायका से जुड़े थे और पिछले साल उन्होंने कंपनी को गुड बाय बोल दिया था.
कोशिशें हुईं बेकार
दरअसल, पिछले साल 10 नवंबर को नायका के प्री-IPO निवेशकों के लिए लॉक-इन पीरियड खत्म हो गया था, इसके बाद से कंपनी के शेयरों की बिक्री में तेजी देखी गई थी. गौरतलब है कि लॉक-इन पीरियड के दौरान प्री-IPO निवेशकों के लिए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर रोक रहती है. अमेरिकी इनवेस्टमेंट फर्म TPG Capital भी नायका से हाथ खींच चुकी है. इसी तरह, विदेशी निवेशक माला गोपाल गांवकर ने भी पिछले साल नायका का साथ छोड़ दिया था. उन्होंने 1,009 करोड़ रुपए के शेयर बेच दिए डाले थे. नायका के लॉक-इन में करीब 67 फीसदी शेयर थे. फाल्गुनी नायर को यह अहसास हो गया था कि लॉक इन पीरियड खत्म होते है बिकवाली देखने को मिलेगी. इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी के बोर्ड ने 5:1 के रेश्यो पर बोनस शेयर देने का ऐलान किया था. कंपनी को उम्मीद थी कि बोनस शेयर देकर निवेशकों को बिकवाली से रोका जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नायका की आर्थिक स्थिति की बात करें, तो चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी ने समेकित शुद्ध मुनाफे में 71 फीसदी की साल-दर-साल गिरावट दर्ज की थी.
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