होम / बिजनेस / अब भारत के इतने लाख लोगों को ये देश देने जा रहा है रोजगार, सरकार से हो सकता है समझौता
अब भारत के इतने लाख लोगों को ये देश देने जा रहा है रोजगार, सरकार से हो सकता है समझौता
ताइवान को अगर अपनी 790 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को बनाए रखना है तो उसे श्रमिकों की ज्यादा से ज्यादा जरूरत है. उसकी बेरोजगारी दर 200 से नीचे गिर गई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
बेरोजगारी देश की बड़ी समस्या है. इस समस्या को सुलझाने के लिए सरकार देश में नहीं बल्कि विदेशों में भी अवसर तलाश रही है. इसी कड़ी में भारत सरकार आने वाले दिनों में ताइवान सरकार के साथ एक समझौता कर सकती है. इस समझौते के अनुसार भारत से हजारों श्रमिकों को ताइवान भेज सकता है. सरकार इसको लेकर ताइवान के साथ बातचीत कर रहा है. ताइवान सरकार को देश में कई क्षेत्रों में लोगों की जरूरत है.
किन-किन क्षेत्रों में पैदा हो सकते हैं अवसर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल ताइवान की सरकार को उसके वहां के कारखाने, खेत और अस्पतालों में काम करने के लिए श्रमिकों की जरूरत है. इसके लिए वो 1 लाख भारतीयों को काम पर रख सकता है. इस मसले को लेकर दोनों पक्ष आने वाले दिसंबर में एक समझौते पर साइन कर सकते हैं. दरअसल ताइवान को अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की जरूरत इसलिए है क्योंकि उसके वहां की एक बड़ी आबादी बुजुर्ग हो रही है. वहीं दूसरी ओर भारत की मौजूदा ग्रोथ रेट देश में मौजूद बेरोजगार लोगों को नौकरी देने में सक्षम नहीं है. आंकड़ों के अनुसार, ताइवान 2025 तक दुनिया का सबसे ज्यादा एज वाले लोगों का देश बन जाएगा.
चीन के साथ बढ़ सकता है तनाव
वहीं दूसरी ओर भारत के ताइवान के साथ होने वाले इस समझौते से चीन के साथ तनाव एक बार फिर बढ़ सकता है. क्योंकि चीन ताइवान के साथ किसी भी तरह के आदान-प्रदान का विरोध करता है. ताइवान से सेल्फ गवर्न स्टेट है जिस पर चीन अपना दावा करता है. वहीं भारत और चीन के व्यापारिक रिश्ते काफी पुराने हैं.चीन भारत के साथ हिमायलीय क्षेत्रों में सीमा भी साझा करता है.
विदेश मंत्रालय ने इस पर क्या कहा?
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ताइवान के साथ होने वाला ये समझौता आखिरी चरण में हैं. जबकि एक न्यूज एजेंसी द्वारा ताइवान की सरकार से जब बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस पर कुछ नहीं कहा लेकिन ये जरूर कहा कि वो हर उस देश का स्वागत करता है जो ताइवान को श्रमिक देता है. वहीं जानकारी के अनुसार जिन लोगों को ताइवान भेजा जाएगा उनके स्वास्थ्य का प्रमाणीकरण करने की नीति पर भी काम चल रहा है. ताइवान में मौजूदा समय में बेरोजगारी दर 2000 के बाद से निचले स्तर पर गिर गई है. सरकार को अपनी 790 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए श्रमिकों की बड़ी जरूरत है. ताइवान श्रमिकों को सभी तरह की स्वास्थ्य और बीमा संबंधी सुविधाएं देने को भी तैयार है.
टैग्स