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अब सेमीकंडक्टर बाजार में उतरने के लिए रिलायंस कर सकती है इस इजराइली कंपनी का टेकओवर
भारत में सेमीकंडक्टर बाजार में उतरने के लिए कई व्यापारिक घराने कोशिश कर रहे हैं. क्योंकि मौजूदा समय में भारत में इस इंडस्ट्री का कोई वजूद नहीं है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
पिछले कुछ समय में भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बढ़ाने के लिए भारत सरकार परिस्थितियों को अनुकूल बनाने में जुटी है. वहीं अब भारत की कंपनियों ने भी अपने स्तर पर इस अभियान में तेजी ला दी है. इसी को लेकर अब बड़ी खबर रिलायंस के हवाले से आ रही है कि मुकेश अंबानी जल्द ही इजराइल की नामी कंपनी टॉवर सेमीकंडक्टर का अधिग्रहण कर सकते हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि इजराइल फिलिस्तीन युद्ध के कारण इसमें देरी हो सकती है.
Intel ने भी की थी अधिग्रहण की कोशिश
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले intel भी Tower Semiconductor का अधिग्रहण करने की कोशिश कर चुकी है. intel इस अधिग्रहण के लिए 5.4 बिलियन डॉलर की बोली लगा चुका है. लेकिन नियामक आयोग से हरी झंडी नहीं मिलने के कारण ये अधिग्रहण नहीं हो सका. सबसे दिलचस्प बात ये है कि हाल ही में इजराइल की इस कंपनी के सीईओ रसेल एलवेंजर ने इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर से मुलाकात की थी. इस मुलाकात में उन्होंने दोनों देशों के बीच इस साझेदारी को लेकर विस्तार से बातचीत भी की थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में अभी तक रिलायंस की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है.
रिलायंस भी उतरना चाहता है सेमीकंडक्टर सेक्टर में
तेल से लेकर रिटेल तक और टेलीकॉम से लेकर ऊर्जा तक कई सेक्टर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के बाद अब रिलायंस सेमीकंडक्टर बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहा है. इससे पहले खबर ये भी आई थी कि रिलायंस wafer fab applicant International Semiconductor Consortium (ISMC) का अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही है. हालांकि बाद में इस पर कोई अपडेट सामने नहीं आया.
इस इंडस्ट्री की बड़ी कंपनी है टॉवर सेमीकंडक्टर
टॉवर सेमीकंडक्टर इस सेक्टर की एक बड़ी नामी कंपनी है. जो कि हाई वैल्यू एनॉलाग सेमीकंडक्टर को लेकर काम करती है. इस कंपनी के पूरी दुनिया में 300 से ज्यादा कस्टमर हैं. कंपनी के ये कस्टमर अलग-अलग सेक्टर से संबंध रखते हैं. इनमें मेडिकल, ऑटोमोबाइल, इंडस्ट्रीयल, कंज्यूमर, एयरोस्पेस और डिफेंस जैसे सेक्टर शामिल हैं. ग्लोबल फाउंड्री रेवेन्यू के अनुसार कंपनी का 356 मिलियन डॉलर के रेवेन्यू के साथ दुनिया में सातवां स्थान है. जबकि कंपनी का सालाना रेवेन्यू एक बिलियन डॉलर है.
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