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अब ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां पहुंची सुप्रीम कोर्ट, ये रही इसकी वजह
कुछ समय पहले कनार्टक उच्च न्यायालय की ओर से 21000 करोड़ की रुपये की मांग के नोटिस को रद्द कर दिया था. ये नोटिस जीएसटी विभाग की ओर कर भुगतान को लेकर किया गया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर लगाए गई 1.5 लाख करोड़ रुपये की कर मांग को देखते हुए अब कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच कर रही है. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केन्द्र सरकार और इनकम टैक्स से दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है.
आखिर क्या है ये पूरा मामला
जीएसटी विभाग की ओर से ई-गेमिंग सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों से 1.5 ट्रिलियन रुपये के राशि के कर की मांग की गई है. गेमिंग कंपनियों और स्टार्टअप की ओर से लगाए गए टैक्स के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में जीएसटी महानिदेशालय की ओर से सभी गेमिंग कंपनियों को कर भुगतान का नोटिस भेजा गया है. सभी कंपनियों को भेजे गए इस नोटिस का वैल्यूएशन कोई 1.5 ट्रिलियन था. ऑनलाइन गेमों पर लगने वाले इस टैक्स का पूरा मामला अक्टूबर में निकलकर आया था. गेमिंग कंपनियां कह रही हैं कि उन पर 28 प्रतिशत टैक्स 1 अक्टूबर से लागू होना चाहिए. वहीं सरकार का कहना है कि संशोधन में कानून को क्लियर कर दिया है. इसमें समझाया गया है कि ये किस पर लागू होता है और किस पर लागू नहीं होता है.
सारे मामले होंगे एक जगह ट्रांसफर
वहीं जीएसटी विभाग की ओर से याचिका लगाई गई है कि देश में अलग अलग जगह चल रहे सभी मुकदमों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए. कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में 21000 करोड़ रुपये के नोटिस की मांग वाले आदेश को रद्द कर दिया था. देशभर में कई गेमिंग कंपनियों को जीएसटी विभाग की ओर से कर पेमेंट करने का नोटिस भेजा गया था. गेमिंग कंपनियां इसी नोटिस को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई हैं.
केन्द्र सरकार ने लगा दिया था 28 प्रतिशत जीएसटी
केन्द्र सरकार ने पिछले साल गेमिंग सेक्टर पर 28% का जीएसटी लगा दिया था. इस जीएसटी का सभी कंपनियों ने पुरजोर विरोध भी किया था. कंपनियों ने वित्त मंत्री तक सभी से इसे कम करने की अपील की थी. लेकिन सरकार की ओर से इसमें कोई बदलाव नहीं लाया गया. जीएसटी बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, घुड़सवारी, और कसीनों जैसी एक्टिविटी पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लिया था. हालांकि बाद में इसका बड़े पैमाने पर विरोध किया गया था.
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