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अब अडानी ग्रुप ने ऑफशोर फंडिंग पर इस रिपोर्ट को किया खारिज
अडानी समूह का दावा है कि मीडिया हाउस ने अपने लेख में जो आरोप लगाए हैं वो झूठे और नुकसानदेह हैं और मीडिया हाउस सभी फाइलिंग और अन्य खुलासे पर विचार करने में विफल रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सामने आने के बाद परेशानियों का सामना कर रहे अडानी समूह ने हिंडनबर्ग को भी जवाब देने में देरी नहीं लगाई थी. हालांकि हिंडनबर्ग ने इन जवाबों को लेकर असंतोष जाहिर किया था. ठीक उसी तरह अब अडानी समूह ने एक मीडिया हाउस द्वारा पब्लिश की गई रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है. ये रिपोर्ट अडानी समूह द्वारा ऑफशोर फंडिंग को लेकर पब्लिश हुई थी. अडानी समूह ने स्टॉक एक्सचेंजों को एक पत्र के बारे में सूचित किया जो उसने मीडिया हाउस को एक लेख के जवाब में लिखा था जिसमें अडानी समूह के पिछले खुलासों को लेकर बुनियादी गलतफहमी थी.
क्या कहा गया है इस पत्र में
अडानी समूह के द्वारा लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक रूप से मौजूद तथ्यों का सलेक्टिव तरीके से चयन किया गया है और रिपोर्टर उसे ठीक से नहीं समझ पाया. अडानी समूह का दावा है कि लेख में ऐसे आक्षेप हैं जो झूठे और नुकसानदायक हैं, और मीडिया हाउस सभी फाइलिंग और अन्य खुलासे पर विचार करने में असफल रहा है. रिपोर्टर को अडानी ग्रुप के द्वारा भेजा गया यह बयान कि मीडिया हाउस ने जिन सभी लेन-देन के बारे में पूछताछ की है, उनका जवाब सार्वजनिक रूप से दिया गया है. समूह का तर्क है कि यदि पत्रकारों ने सभी फाइलिंग और अन्य खुलासों पर पूरी तरह से विचार किया होता, तो वे कठिन-से-जांच करने वाले मनी फलो, ‘अपारदर्शी विदेशी निवेश’ और ‘धन उत्पति की अस्पष्टता’ के बारे में सब्जेक्टिव विशलेषण को शामिल नहीं करते.
फंडिंग को लेकर दिया जवाब
अडानी समूह का कहना है कि मीडिया हाउस ने सार्वजनिक रूप से मौजूद तथ्यों की अनदेखी की,जिसमें अडानी समूह के प्रवर्तकों ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी फ्रांस की टोटल एनर्जी को बेचकर 2 बिलियन अमरीकी और अडानी टोटल गैस लिमिटेड में 37.4 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 700 मिलियन अमरीकी डालर जुटाए. यहां से जुटाई गई रकम को नए व्यवसाय के विकास के लिए अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन, अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड जैसी कंपनियों में प्रमोटर संस्थाओं द्वारा उसका फिर से निवेश किया गया था.
दो तरह की बात कह रहा है मीडिया हाउस
अडानी समूह का कहना है कि लेख में प्राथमिक और सेकेंड्री इनवेस्टमेंट को गलत तरीके से मिक्स किया गया है और 2 बिलियन अमरीकी डालर के सेकेंडरी लेनदेन को नजरअंदाज किया गया है. कथित राउंड-ट्रिपिंग की उनकी थीसिस का समर्थन करने के लिए लेख ने 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर 'फंडिंग में अंतर' का भ्रम पैदा किया है. अडाणी समूह का मानना है कि इस लेख में दो तरह की बातें कही गई हैं, जिसमें वो खुद का ही खंडन करते नजर आते हैं. पत्र कहता है कि उदाहरण के लिए, कहानी का दावा है कि समूह को एफडीआई की आपूर्ति करने वाली अधिकांश अपतटीय शेल कंपनियों को अदानी के ‘प्रमोटर समूह’ के हिस्से के रूप में प्रकट किया गया है, जिसका अर्थ है कि वे अदानी या उनके निकट परिवार से निकटता से जुड़े हुए हैं. फिर उसके बाद कहानी की रिपोर्ट है कि विश्लेषकों ने कहा कि अस्पष्ट मॉरीशस संस्थाओं से धन का ट्रांसफर चिंता का विषय था क्योंकि यह पता लगाना असंभव था कि धन ‘राउंड-ट्रिप’ किया गया था या नहीं.
सभी तथ्य फाइलिंग में मौजूद हैं
अडानाी समूह का कहना है कि प्रासंगिक प्रतिभूति विनियामक फाइलिंग के माध्यम से तथ्य आसानी से उपलब्ध हैं और पारदर्शी हैं जो उस समय किए गए थे और सार्वजनिक रिकॉर्ड का विषय हैं. अडानी समूह का आरोप है कि संबंधित मीडिया हाउस पर एक भ्रामक नैरेटिव बना रहा है, जिसने अडानी समूह की कंपनियों पर एक प्रतिष्ठित प्रभाव पैदा किया है. अदानी ग्रुप ने मीडिया हाउस से कहा है कि वह इस खबर को अपनी वेबसाइट से तुरंत हटा ले. पत्र के आखिरी में कहा गया है कि लेख ने बाजार में और अन्य मीडिया के साथ गलतफहमी पैदा की है और एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है और अडानी समूह को इस समय सार्वजनिक रूप से इस जानकारी को साझा करने के लिए मजबूर किया गया है.
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