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अफसरों की क्लास लगाने वाले गडकरी के मंत्रालय का कैसा है हाल, अटके पड़े कितने प्रोजेक्ट्स?
नितिन गडकरी की इमेज एक सख्त मंत्री की है, जिन्हें हर काम समय पर चाहिए, लेकिन उनके ही मंत्रालय से जुड़े कई प्रोजेक्ट अटके पड़े हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हर काम समय पर पूरा करने पर जोर देते हैं. इसे लेकर वह अधिकारियों की 'क्लास' भी लगाते रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद उनके मंत्रालय में सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट्स लटके पड़े हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि नितिन गडकरी के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या 262 है, जो बाकी मंत्रालयों की तुलना में सबसे ज्यादा है.
दूसरे नंबर पर अश्विनी वैष्णव का रेलवे
नितिन गडकरी के बाद अश्विनी वैष्णव के रेल मंत्रालय का नंबर आता है. इसके तहत 115 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं. वहीं, हरदीप एस पुरी के पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़े 89 प्रोजेक्ट्स भी लटके पड़े हैं. सितंबर, 2022 के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग क्षेत्र के निगरानी वाले 835 प्रोजेक्ट्स में से 262 अपने मूल कार्यक्रम से देरी से चल रहे हैं.
इस प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा देरी
इसी तरह रेलवे की 173 परियोजनाओं में से 115 लंबित हैं. यानी अपनी निर्धारित समयसीमा के बावजूद ये पूरी नहीं हो पाई हैं. वहीं. पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ीं 140 में से 89 परियोजनाएं समय से पीछे चल रही हैं. रिपोर्ट से पता चलता है कि मुनीराबाद-महबूबनगर रेल परियोजना सबसे अधिक देरी से चल रही परियोजना है. यह करीब 276 महीने की देरी से चल रही है. इसके बाद दूसरी सबसे देरी से चल रही परियोजना है उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल परियोजना, जो अपने निर्धारित समय से 247 महीने पीछे है. तीसरी देरी वाली परियोजना बेलापुर-सीवुड-शहरी विद्युतीकृत डबल लाइन है, जिसमें अब तक 228 महीने की देरी हो चुकी है.
देरी से बढ़ गई प्रोजेक्ट्स की लागत
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि देरी से चलते कई प्रोजेक्ट्स की लागत बढ़ गई है. उदाहरण के तौर पर, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग क्षेत्र की 835 परियोजनाओं के कार्यान्वयन की कुल मूल लागत स्वीकृति के समय 4,94,300.45 करोड़ रुपए थी, जो अब बढ़कर 5,26,481.88 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. इस मंत्रालय के तहत आने वालीं परियोजनाओं की लागत 6.5 प्रतिशत बढ़ी है. सितंबर, 2022 तक इन प्रोजेक्ट्स 3,21,980.33 करोड़ रुपए खर्च किया जा चुका है.
रेलवे और पेट्रोलियम का हाल
रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे के 173 प्रोजेक्ट्स की कुल मूल लागत 3,72,761.45 करोड़ थी, लेकिन अब इसके बढ़कर 6,23,008.98 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. रेलवे की परियोजनाओं की लागत 67.1 प्रतिशत बढ़ी है और सितंबर, 2022 तक इन पर किया गया खर्च 3,50,349.9 करोड़ रुपए था. पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ीं 140 परियोजनाओं की बात करें, तो उनकी मूल लागत 3,64,330.55 करोड़ रुपए थी, लेकिन यह बढ़कर 3,84,102.18 करोड़ रुपए हो गई है. इसमें 5.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
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