होम / बिजनेस / बड़ा सवाल: सब भाग रहे शेयर मार्केट की तरफ, लेकिन कितनों को हो रहा है फायदा?
बड़ा सवाल: सब भाग रहे शेयर मार्केट की तरफ, लेकिन कितनों को हो रहा है फायदा?
डीमैट अकाउंट्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जो दर्शाता है कि बाजार में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 weeks ago
शेयर मार्केट में पैसा लगाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. तेजी से खुल रहे डीमैट अकाउंट्स इसका प्रमाण हैं कि स्टॉक मार्केट का आकर्षण लोगों को लगातार अपनी तरफ खींच रहा है. पिछले महीने तक देशभर में डीमैट अकाउंट्स की संख्या बढ़कर 15.138 करोड़ हो गई है. सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट लिमिटेडज (NSDL) के आंकड़े बताते हैं कि अकेले मार्च 2024 में ही 31.30 लाख नए डीमैट खाते खोले गए हैं. हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि डीमैट अकाउंट्स की संख्या की तरह क्या बाजार से मुनाफा कमाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है?
इसलिए बढ़ रहा आकर्षण
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के मुकाबले 2023-24 में डीमैट अकाउंट्स की संख्या में 32.25% की बढ़ोतरी हुई है. वित्त वर्ष 24 के आखिरी 4 महीने में सबसे ज्यादा तेजी से डीमैट खाते खुले हैं. दिसंबर से मार्च के बीच हर महीने औसतन 40 लाख अकाउंट्स ओपन हुए हैं. अकेले जनवरी में यह आंकड़ा 46 लाख नए अकाउंट का था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शेयर बाजार किस तरह लोगों को आकर्षित कर रहा है. दरअसल, हमारा शेयर बाजर दुनिया के तमाम बाजारों की तुलना में मजबूती से आगे बढ़ रहा है. हाल के महीनों में इसने कई बार ऑल टाइम हाई का रिकॉर्ड बनाया है. कई आईपीओ जबरदस्त हिट साबित हुए हैं, इन सबके चलते आम निवेशकों का भरोसा बाजार में बढ़ा है.
गंवाने वालों में Male आगे
अब यह भी जान लेते हैं कि शेयर मार्केट में पैसा लगाने वालों का सक्सेस रेट क्या है. पिछले साल की शुरुआत में बाजार नियामक सेबी (SEBI) की एक स्टडी सामने आई थी. इसमें बताया गया था कि शेयर बाजार के फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट यानी वायदा कारोबार में करीब 90% निवेशकों ने पैसा गंवाया है. इस ट्रेडिंग में पैसा तेजी से बनता है, लेकिन उसके डूबने की आशंका भी ज्यादा होती है. स्टडी में बताया गया था कि 10 में से 9 इक्विटी F&O ट्रेडर्स को नुकसान उठाना का पड़ा. घाटा उठाने वाले निवेशकों में से 88% पुरुष थे और 75% की उम्र 40 वर्ष से कम थी. इस आंकड़े देश की 10 टॉप ब्रोकरेज फर्म से डेटा जुटाया गया था.
89% को उठाना पड़ा नुकसान
SEBI के अध्ययन के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 के दौरान सभी इंडिविजुअल ट्रेडर्स में से 89% को घाटा हुआ एयर औसत घाटा 1.1 लाख रुपए था. जबकि एक्टिव ट्रेडर्स में यह आंकड़ा 90% रहा और औसतन घाटा 1.25 लाख रुपए. FY22 के दौरान 11% इंडिविजुअल ट्रेडर्स ने मुनाफा कमाया. उनका औसत लाभ 1.5 लाख रुपए था. वहीं, एक्टिव यूजर्स के मामले में यह आंकड़ा महज 10% रहा. इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स में HUFs और NRI शामिल होते हैं और Proprietary Traders, Institutions और Partnerships Firms को इससे बाहर रखा जाता है. वहीं, एक्टिव ट्रेडर्स वो होते हैं, जिन्होंने एक वर्ष में इक्विटी F&O सेगमेंट में 5 बार से अधिक कारोबार किया है.
क्या होता है फ्यूचर्स एंड ऑप्शन?
फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O) एक तरह के फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट हैं, जो इन्वेस्टर्स निको स्टॉक, कमोडिटी, करेंसी में कम पैसा लगाकर बड़ी पोजीशन हासिल करने देते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो फ्यूचर्स और ऑप्शन, एक तरह के डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट होते हैं, जिनकी एक अवधि होती है. अब उन्हें अलग-अलग करके आसान भाषा में सबझते हैं. फ्यूचर ट्रेडिंग के तहत आप भविष्य की किसी कीमत पर ट्रेडिंग कर सकते हैं. यानी आपके पास आज ही भविष्य की कीमत पर शेयर खरीदने की डील करने का मौका होता है. इसके बाद तय तारीख पर आपको संबंधित शेयर उसी कीमत पर मिलता है, जिस पर आपने उसे खरीदने की डील की होती है. फ्यूचर ट्रेडिंग में निवेशक को पूरा लॉट खरीदना होता है और एक लॉट की कीमत लाखों में हो सकती है. हालांकि, शुरुआत में आपको शेयर के पूरे दाम नहीं देने होते हैं. उदाहरण के तौर पर आप 1 लाख रुपए में 2-3 लाख के शेयर खरीद सकते हैं. वहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग को फ्यूचर ट्रेडिंग का बदला स्वरूप कह सकते हैं. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो रहा है इसमें आपको विकल्प मिलता है. आप डील छोड़ भी सकते हैं. इस ट्रेडिंग में लॉट खरीदने की जरूरत नहीं होती. आप अपनी क्षमता के हिसाब से ऑप्शन खरीद सकते हैं.
टैग्स